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एसडीएम तहसीलदार पर एक भूमाफिया भारी,अब पत्रकार के सामने आत्मदाह करने की लाचारी



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। एक भू माफिया कहे या दबंग उसके आगे एसडीएम बांसडीह दुष्यंत मौर्य,तहसीलदार और पुलिस प्रशासन इतना बेवश व लाचार है कि ये लोग एक पत्रकार को उसकी जमीन पर कब्जा भी नही दिला पा रहे है । जी हां, बांसडीह का प्रशासन एक दबंग मणीन्द्र सिंह के आगे भींगी बिल्ली बन गया है और उसको मनाने के लिये पालतू .......दुम हिला रहा है और उसके मना करते ही हाथ खड़ा करके इंसाफ करने से भी मना कर दे रहा है । यह तब हो रहा है जब प्रदेश में योगी जी की सरकार है और दबंगो माफियाओ पर योगी जी कहर बनकर टूटते है ।

बता दे कि पत्रकार श्री जयराम तिवारी ने 2016 में 4 डिसमिल जमीन रजिस्ट्री करायी है,इसी भूखण्ड में ही तिवारी जी से कुछ दिन पहले ही मणीन्द्र सिंह नाम का एक दबंग अपनी पत्नी के नाम से 2 डिसमिल जमीन रजिस्ट्री करायी है । मणीन्द्र तो अपनी जमीन पर कब्जा ले लिया है लेकिन श्री तिवारी जब जाते है तो उनको कब्जा नही होने देता है ।

थक हारकर तिवारी जी ने जब कलेक्ट्रेट पर आत्मदाह करने की घोषणा किये तो तहसील प्रशासन हरकत में आया और जमीन की पैमाइश की । अब जब पैमाइश के आधार पर आज तीनो सह खातेदारों को चिन्हांकन करके कब्जा दिलाने लगे तो दबंग मणीन्द्र फैसले को मानने से इनकार करते हुए उल्टे प्रशासन पर ही मुकदमा करने की बात कहते हुए फरार हो गया । इस घटना के बाद कहना पड़ रहा है कि धन्य है बांसडीह के एसडीएम साहब,तहसीलदार साहब जो एक दबंग के आगे इतना असहाय है कि सही को सही कहने की कूबत भी नही रखते है ।

अब श्री तिवारी का कहना है कि मैं कभी भी कलेक्ट्रेट पर आत्मदाह कर लूंगा क्योकि जब बांसडीह प्रशासन एक दबंग के आगे नतमस्तक है और न्याय नही कर सकता है तो किसकी बात पर विश्वास किया जाय ।  श्री तिवारी ने कहा है कि मेरे आत्मदाह करने के पीछे एसडीएम बांसडीह,तहसीलदार बांसडीह,कानूनगो और सबसे बड़े गुनाहगार लेखपाल राजेश राम व मणीन्द्र सिंह है । इन्ही लोगो की प्रताणना से मैं आत्मदाह करके अपना जीवन समाप्त करने के लिये विवश हूं ।