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2022 में जो बैठेगा निषाद पार्टी की नाव,उसी की बनेगी सरकार : डॉ संजय निषाद







ए कुमार

फतेहपुर।। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने फतेहपुर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन अटूट है। निषाद पार्टी और बीजेपी का गठबंधन के प्रारूप को लेकर वार्ता सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है। 

डॉ निषाद ने बताया कि 15 सितम्बर 2021 को लखनऊ से आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रथ यात्रा का शुभारंभ करेंगे। यात्रा का नाम संकल्प समाज उत्थान दिया गया है ।यह यात्रा 1 महीने में (15 सितम्बर-15 अक्टूबर 2021) 25 हजार किलोमीटर का सफर तय कर लखनऊ के रामबाई अम्बेडकर मैदान में समाप्त होगी। डॉ निषाद ने बताया कि देश को आजाद कराने में निषाद समाज अग्रणी भूमिका में रहने वाला है । यही नही निषाद समाज भारत के संविधान को बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले है । वही निषाद समाज है जो अंग्रेजो को डुबोकर मारने का काम किये थे। किन्तु आजादी के बाद से ही दूसरी पार्टियों को सत्ता की मलाई खिलाने के बाद भी सौतेला व्यवहार निषाद समाज को झेलना पड़ रहा है । 

15 सितम्बर 2016 को निषाद पार्टी के बैनर तले 10 लाख समाज के लोगों को एकजुट कर इतिहास दर्ज किया था । 15 सितम्बर 2021 दिन बुधवार को लखनऊ से निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद  संकल्प समाज उत्थान यात्रा के रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे और 15 अक्टूबर 2021 को दोबारा इतिहास रचा जाएगा । "संकल्प समाज उत्थान यात्रा" से डॉ संजय निषाद के नेतृत्व में  50 लाख से अधिक निषाद समाज के लोग रमाबाई अम्बेडकर मैदान में पहुंचकर इतिहास रचेंगे।

डॉ निषाद ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर  निषाद पार्टी का नारा भी मीडिया बंधुओ के साथ सांझा किया। 22 में निषाद पार्टी चलाएगी पतवार। वंचितों के हक अधिकार को दिलाएगी।।

डॉ निषाद ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” को विधानसभा में न्यूतनम तीन अंकों की संख्या प्राप्त करने के लिए पुरजोर मेहनत की जाएगी और आगामी विधानसभा चुनावों में निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” विधानसभा में पहुंचाकर अपने हक अधिकार को को लेने का काम करेंगे। 

डॉ. निषाद ने बताया की निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” गरीबों की पार्टी है, शोषितों और वंचितों की पार्टी है । ऐसे में उत्तर प्रदेश की 170 मछुआ बाहुल सीटों से ही नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश की 403 सीटों से निषाद पार्टी को जनता का समर्थन, प्यार और विश्वास मिल रहा है। डॉ निषाद ने कहां की आगामी विधानसभा चुनावों में निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” एवं निषाद समाज के बिना कोई सरकार नहीं बनेगी, उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी किंगमेकर की भूमिका में रहेगी। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने कहा की “जहां होगा निषाद वहां बनेगी सरकार” के नारे को आज पूरे प्रदेशभर तमाम दलों द्वारा बताया जा रहा है ऐसे में बिना निषादों के सरकार नहीं बनेगी और हमारा तो इतिहास ही भगवान श्री राम को नांव से पार उतारने से पहचाना जाता है ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में निषाद पार्टी की नांव पर जो बैठेगा सरकार उसी ही की बनेगी। 

डॉ. संजय निषाद ने बताया कि देश को आजाद हुए 74 वर्ष हो चुके हैं किंतु उत्तरप्रदेश ही नहीं पूरे देश में निषाद समाज के साथ भेदभाव और अत्याचार हुआ है, निषादों के हक-अधिकार को छीनने का काम किया है। निषाद पार्टी का 2019 में बीजेपी के साथ गठबंधन तमाम शर्तों पर हुआ था, जिसमें माझी, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, रैकवार, धीवर, बिन्द, धीमर, बाथम, तुरहा, गोडि़या, मांझी, मछुवा, गोड़, राजगोड़ के अनुसुचितजाती के आरक्षण का मुद्दा अहम है ।

साथ ही कार्यकर्ताओँ पर दर्ज राजनैतिक मुकदमें, ताल-घाट बालू जो कि रोजी-रोटी से जुड़ा मुद्दा है । ये प्रमुख मुद्दे इनके हल के लिए हम बीजेपी के साथ आए थे, फिलहाल भाजपा के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत जो रही है । डॉ निषाद ने कहा कि देर से आये पर दुरुस्त आये की कहावत अभी की स्थिति पर फिट बैठती है, अगर हमारे मुद्दों का हल नही होता तो समाज को जो निर्णय होगा वो सर्व सम्मानित होगा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा की “जहां होगा निषाद वहां बनेगी सरकार” के नारे को आज पूरे प्रदेशभर तमाम दलों द्वारा बताया जा रहा है ऐसे में बिना निषादों के सरकार नहीं बनेगी और हमारा तो इतिहास ही भगवान श्री राम को नांव पार उतारने से पहचाना जाता है ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में निषाद पार्टी की नांव पर जो बैठेगा सरकार उसी ही की बनेगी। डॉ. संजय निषाद ने बताया कि देश को आजाद हुए 74 वर्ष हो चुके हैं किंतु उत्तरप्रदेश ही नहीं पूरे देश में निषाद समाज के साथ भेदभाव और अत्याचार हुआ है, निषादों के हक-अधिकार को छीनने का काम किया है।

डॉ निषाद ने बीते दिनों हुए घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि वो मल्लाह के बेटे हैं और मल्लाह की नाव कभी नही डूबती है और डुबाने वालों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सियासत की पतवार और नाव अभी उन्ही के हाथों में 2022 में किंगमेकर की भूमिका में रहेगी निषाद पार्टी। डॉ निषाद ने कहा विपक्षी जितनी जोर आजमाइश कर लें निषाद समाज बखूबी जानता है कि 2017, 2018 और 2019 में कितने हथकंडे अपनाए गए परन्तु हर बार निषाद पार्टी ने जीत का रास्ता अख्तियार किया है। डॉ निषाद ने तंज कसते हुए दो लाइनों के माध्यम से अपनी प्रेसवार्ता को खत्म किया।

सरफ़रोशी की तम्मन्ना अब हमारे दिल मे हैं।

देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में हैं।।

डॉ. निषाद ने सभी सरकारों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आज तक कि सरकारें निषादों को केवल वोट बैंक समझती आई है, उन्होंने कहा कि सूबे के पूर्व मुखिया अखिलेश यादव निषाद हितैषी होने का केवल ढ़ोंग कर रहे हैं । मनोहर लाल निषाद की प्रतिमा लगाने के लिए वह उन्नाव रथ यात्रा से जाते हैं किंतु जब वह स्वयं सरकार में होते हैं तो निषादों के हित के लिए एक भी कानून पास नहीं करते हैं और केवल निषादों को फूटबॉल समझने का काम किया। डॉ. निषाद एक इंटरव्यू में अखिलेश याद द्वारा उनका नाम लिए जाने पर भी पलटवार करते हुए कहा कि उन्होने कुछ सीटें हमारे लिए रिजर्व रखी थी परंतु अखिलेश जी यह नहीं बताया वो सीटें अपने लिए रिजर्व रखी थी या निषाद पार्टी के लिए चुनाव के अतिंम दिन तक घोषणा नहीं करते है और अब 2 साल वाद निषाद पार्टी के लिए सीट रिजर्व रखने की बात मीडिया बंधुओ के सामने रखते हैं।

 डॉ. निषाद ने पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि मायावती की सरकार में केंद्र से प्रस्ताव वापस मंगवाए जाते हैं, 2016 में मिले आरक्षण को बसपा द्वारा संचालित संगठन वामसेफ द्वारा स्टे ले लिया जाता है । ऐसे में हमें तो विपक्ष के लिए एक ही कहावत याद आती है सौ चूहे खाकर बिल्ली  हज को चली । निषाद समाज निषाद पार्टी के साथ है इस बात का एहसास बीजेपी, सपा, कांग्रेस,बसपा को भी है और आगामी चुनावों में निषाद अपने हक अधिकार को ध्यान में रखकर मतदान करेगा।