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सशक्त होने के लिए बालिकाओं का शिक्षित होना सबसे जरूरी: जिलाधिकारी

 



बालिकाएं-महिलाएं निर्भीक होकर अपने लक्ष्य की ओर हों अग्रसर, उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी: एसपी


बलिया: अगस्त से दिसम्बर महीने तक चलने वाले मिशन शक्ति 3.0 का शुभारंभ शनिवार को हुआ। इस अवसर बहुद्देश्यीय सभागार में भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन की आवश्यकता पर चर्चा करते हुए उन्हें तमाम माध्यमों से सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी अदिति सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया।


उन्होंने कहा कि हम सबके जागरूक होने के बाद ही समाज में बदलाव सम्भव है। इस कड़ी में सबसे जरूरी है बालिकाओं को शिक्षित करना। बालिकाएं शिक्षित होगी तो जागरूक होगी, और जागरूक होगी तो खुद की सुरक्षा के साथ अपने परिवार की भी सुरक्षा व उत्थान सुनिश्चित कर सकेंगी। इसलिए हर कोई बेटियों को पढ़ने का पूरा अवसर देने का संकल्प लें। जिलाधिकारी ने कहा, 'हमारा प्रयास है कि महिलाओं को मनरेगा से अधिक से अधिक रोजगार, स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आर्थिक उत्थान का माध्यम मिले और अन्य योजनाओं के माध्यम से स्वावलंबी बन सकें।' उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रही हूँ। जिले में आने के बाद महिला अपराध के मामलों में प्रभावी पैरवी कराकर अपराधियों को सजा दिलवाई।


 





    एसपी राजकरन नय्यर ने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं से हर बेटियां प्रेरित हों। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी बेटी व महिला निर्भीक होकर अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर हो। उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। किसी को कहीं कोई दिक्कत हो तो सीधे मुझे बताएं। आप सबकी सुरक्षा के लिए दिन-रात एक पैर पर खड़ा रहूंगा।

   कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी विद्यालय रेवती की बालिकाओं ने देशभक्ति गीत पर सामूहिक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। वहीं, कराटा चैम्पियशिप में ब्लैक बेल्ट हासिल करने वाली रसड़ा क्षेत्र की निवासी चांदनी चौहान के नेतृत्व में कराटे की अद्भुत प्रस्तुति एनसीसी कैडेट्स ने किया, जिसे डीएम-एसपी ने सराहा। कार्यक्रम में सीडीओ प्रवीण वर्मा, डीएफओ श्रद्धा यादव, डिप्टी कलेक्टर सीमा पांडेय व दीपशिखा सिंह, सीडीपीओ सुरेंद्र यादव, सीएमएस महिला डॉ सुमिता सिंहा आदि मौजूद थे। संचालन राजकीय इंटर कालेज चितबड़ागांव के प्रधानाचार्य अतुल तिवारी ने किया।








बलिया की शिक्षिका लखनऊ में हुई सम्मानित तो सभागार हुआ गौरवान्वित


लखनऊ में आयोजित मिशन शक्ति कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सभागार में बैठी महिलाओं ने एलईडी स्क्रीन के माध्यम से देखा। इस दौरान जब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिले की बेसिक शिक्षिका प्रतिमा उपाध्याय को सम्मानित किया तो सभागार में बैठी शिक्षिकाएं व अन्य महिलाएं गौरान्वित हो उठीं। निश्चित रूप से महिलाएं और बेहतर कार्य करने के प्रति प्रेरित होती दिखाई दीं। बता दें कि प्रतिमा उपाध्याय प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली पर बतौर प्रधानाध्यापिका तैनात हैं।


 उत्कृष्ट कार्य के लिए 75 महिलाओं को किया सम्मानित


       श्रीमती अनुराग सिंह ,ईएमआईएस इंचार्ज बेसिक शिक्षा

बलिया: कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने महिला थानाध्यक्ष सरोज यादव, जीजीआईसी की अध्यापिका शिल्पा शर्मा, बेसिक शिक्षिका सरवत अफरोज, समाजसेवी सन्ध्या पांडेय समेत 75 महिलाओं को सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसमें बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, स्वास्थ्य, पुलिस विभाग, माध्यमिक शिक्षा, की दस-दस महिलाओं और बेसिक शिक्षा की पांच शिक्षिकाओं व बहादुरी व शौर्य के लिए पांच महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा दस ग्राम प्रधान/वार्ड सभासद, स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूह की 10 महिला सदस्यों को भी सम्मानित किया गया।


जिलाधिकारी के सम्मान में खड़ा हुआ पूरा सभागार


कार्यक्रम के दौरान महिला सशक्तिकरण के एक बड़े उदाहरण के रूप में मौजूद मुख्य अतिथि जिलाधिकारी अदिति सिंह के सम्मान में सभागार में मौजूद हर कोई जोरदार तालियां बजाते हुए खड़ा हुआ। खास तौर पर माध्यमिक छात्राएं और महिला एनसीसी कैडेट्स उनसे प्रभावित होकर उच्च पद पर जाने को आतुर दिखीं। जिलाधिकारी ने भी अपने संबोधन में उन्हें सफलता प्राप्त करने के तमाम टिप्स दीं।

स्टेज पर न बुलाकर नीचे ही प्रमाण पत्र देने पर असंतोष



जिलाधिकारी बलिया द्वारा महिला सशक्ति करण के लिये चलाये गये मिशन शक्ति के फेज-1 व 2 में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभिन्न विभागों की 75 महिलाओं को सम्मानित करने के ढंग पर असंतोष देखा गया । बता दे कि जिलाधिकारी द्वारा कुछ महिला अधिकारियों को स्टेज पर बुलाकर सम्मानित करने के बाद शेष सभी को नीचे कुर्सियों पर ही सम्मान पत्र दिलवाया गया । इससे सम्मान पाने वाली महिलाओं में असंतोष देखा गया । महिलाओं का कहना था कि लखनऊ में प्रदेश के मुखिया महिलाओ के सम्मान में हाथ जोड़े खड़े थे, वही बलिया में महिलाओं को स्टेज पर बुलाना भी मुनासिब नही समझा गया । इनका कहना था कि समयाभाव था तो सभी को स्टेज पर एक साथ बुलाकर सम्मान पत्र दिया जाता तो वह भी सम्मान बहुत बड़ा होता ।