Breaking News

शहर को बिना धन खर्च किये ही तालाब बनाने वाले अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को मिले यूपी रत्न पुरस्कार

 




मधुसूदन सिंह

बलिया ।। नगर पालिका परिषद बलिया के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पूरा शहर जलमग्न हो गया है । प्रमुख मुहल्लों की सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे दिख रहे है,आम लोगों, महिलाओ व बच्चियों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है । आम लोगो को छोड़िये किसी भी जिले की शान कहलाने वाला डाक बंगला लबालब पानी से भरकर तालाब बन गया है । लोक निर्माण विभाग के ऑफिस में पानी,अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग का बंगला पानी पानी,अधिशाषी अभियंता का निवास पानी पानी,सिंचाई विभाग की डाक बंगले के सामने की कालोनी पानी पानी हो गयी है और चेयरमैन असहाय हो ईओ की तरफ टकटकी लगाये हो ।





पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में पानी,जेल के अंदर पानी ही पानी,पुलिस लाइन भी पानी पानी हो गयी है । पुलिस लाइन में स्थित आवासीय कालोनी में महीनों से पानी लगे होने के कारण पुलिस कर्मी अगल बगल की प्राइवेट कालोनियों में क्वार्टर लेने को मजबूर है । पुलिस लाइन का परेड ग्राउंड तो महीनों से तालाब की शक्ल अख्तियार किये हुए है ।

मुस्लिम बस्ती काजीपुरा तो जैसे शहर का सबसे बड़ा तालाब ही बन गयी है । इस बस्ती को देखने के बाद सबका साथ सबका विकास,नारे पर ही तरस आता है । इससे भी भयावह स्थिति सतीश चन्द कालेज से नागा जी मठ तक की सड़क की है । यह सड़क प्रदेश सरकार के मंत्री और स्थानीय विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल जी के घर की मुख्य सड़क है । जलजमाव के कारण तालाब बनी इस सड़क पर आम लोग चलना ही छोड़ दिये है ।








श्रीराम विहार कालोनी,हरपुर,आवास विकास कालोनी,मिड्ढी का पूर्वी हिस्सा जलभराव से परेशान है ,लेकिन कोई शुद्धि लेने वाला नही है । रामपुर हनुमान मंदिर से आनंद नगर जाने वाली सड़क लगभग 300 मीटर गड्ढे में तब्दील हो गयी है । लोगो का तो यहां तक कहना है कि इस सड़क का बिना बनाये ही डूडा से भुगतान हो गया है । अब भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्यवाही करने के  लिये प्रसिद्ध योगी जी के राज में भी अगर ऐसा हो गया है तो निश्चित ही यह कहने में कोई संकोच नही है कि बलिया की नगर पालिका और डूडा भ्रष्टाचार में आकंठ डूब चुकी है ।





अब आप लोग ही निर्णय करे कि जो अधिशासी अधिकारी (दिनेश विश्वकर्मा) अपने चार साल के कार्यकाल में अथक परिश्रम करके पूरे शहर के प्रमुख स्थानों को तालाब बनाने का काम किया हो,जिसके प्रयास से शहर की नालियां बजबजाती हो,गलियां गड्ढो में तब्दील हो गयी हो और जिस पर बड़े बड़े राजनेताओ व शासन के उच्चाधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त हो,जिसका स्थानांतरण एक नेता कराते है तो दूसरे रुकवा देते हो,इससे योग्य पूरे यूपी में शायद ही कोई अधिशासी अधिकारी हो । जो अधिकारी योगी राज में भी कई दर्जन भ्रष्टाचार की शिकायतों को ठंडे बस्ते में डलवाने की कूबत रखता हो,इससे योग्य यूपी रत्न के लिये कोई व्यक्ति हो ही नही सकता है ।

बलिया एक्सप्रेस सरकार से मांग करता है कि पूरे शहर को जल जमाव से तालाब बनाने वाले,4 साल पूर्ण होने के बाद भी बलिया में ही जमे रहकर स्थानांतरण के शासनादेश को खिलौना समझने वाले ,लगभग 3 दर्जन भ्रष्टाचार की शिकायतों के होने के बावजूद बलिया के शेष बचे मुहल्लों को भी या तो गड्ढा युक्त या तालाब बनाने की तरफ अग्रसर ,अधिशासी अधिकारी दिनेश विश्वकर्मा को यूपी रत्न का सम्मान देकर ऐसे अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाने का काम करें ।