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जब हिन्दुओ ने किया किनारा,तब संतोष की अर्थी को मिला शाहिद के कंधो का सहारा






ए कुमार

मेरठ। देशभर में जहां कोरोना की दूसरी लहर के चलते हाहाकार मचा हुआ है। वहीं कोरोना काल में इंसानियत की भी कई मिसाल कायम हो रही हैं। ऐसा ही एक मामला सोमवार को पूर्वा फैयाज अली इलाके में देखने को मिला। जब अकेले रहने वाले एक शख्स की मौत के बाद मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने मृतक के अंतिम संस्कार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब कोरोना के डर से हिन्दू की लाश को हिन्दू नही कन्धा दे रहे है,वही मुस्लिम समाज के नेकदिल युवाओ द्वारा हिन्दू के शव को कंधे पर श्मशान घाट ले जाकर दाह संस्कार कराया जा रहा है । 



दरअसल पूर्वा फैयाज अली में संतोष नाम के अधेड़ पिछले काफी सालों से अकेले रहते थे। परिवार में किसी व्यक्ति के ना होने के कारण क्षेत्र के लोग ही संतोष की देखभाल करते थे। सोमवार को बीमारी के चलते संतोष की मौत हो गई। किसी नाते-रिश्तेदार के मौके पर ना पहुंचने के कारण संतोष की पार्थिव देह को श्मशान घाट तक पहुंचाने वाला भी कोई नहीं था। ऐसे में समाजवादी पार्टी के शहर विधानसभा अध्यक्ष शाहिद पहलवान ने क्षेत्र के अन्य मुस्लिम लोगों के साथ मिलकर संतोष के क्रिया कर्म का बीड़ा उठाया। मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने अपने हाथों से अर्थी बनाई। इसके बाद संतोष की अर्थी को अपने कंधों पर सूरजकुंड श्मशान घाट पहुंचाया। जहां संतोष का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान क्षेत्र के रहने वाले शहजाद कुरैशी, रिजवान कुरैशी, हाजी इकराम, शोएब, वाजिद, पप्पू, जफर रजा आदि मौजूद रहे।