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चित्रकूट जेल में कैदियों के बीच चली गोली, मुख्तार गैंग के मेराजुद्दीन समेत दो की हत्या; एनकाउंटर में गैंगेस्टर अंशु दीक्षित भी गया मारा





ए कुमार

चित्रकूट ।। उत्तर प्रदेश में चित्रकूट जेल में शुक्रवार को कैदियों के बीच खूनी टकराव हो गया। इस दौरान पश्चिमी यूपी के एक बदमाश अंशु दीक्षित ने मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे मेराजुद्दीन समेत दो कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी। मेराजुद्दीन बनारस जेल से भेजा गया था। इस दौरान कई राउंड गोली चली। जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। फोर्स ने डबल मर्डर करने वाले अंशुल दीक्षित को सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन वह लगातार फायरिंग करता रहा। पुलिस ने उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया है।


जेल में एनकाउंटर में मारा गया हमलावर कैदी

सूत्रों के अनुसार, पश्चिमी यूपी का कुख्यात बदमाश अंशु दीक्षित नाम का बंदी सुबह परेड के बाद अंशुल ने अपने साथ बंद कैदी मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। हमले में दोनों की मौके पर ही मौत हो गयी। इसके बाद अंशु जेल के भीतर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगा। करीब आधे घंटे तक जेल कर्मी खौफ में उसके करीब नहीं गए।

जब और फोर्स पहुंची तो सिपाहियों ने अंशु दीक्षित की घेराबंदी कर सरेंडर करने के लिए कहा। लेकिन वह पुलिसवालों पर फायरिंग करता रहा। जवाबी कार्रवाई कर पुलिस ने अंशुल दीक्षित को गोली मारकर ढेर कर दिया है।


बनारस से भेजा गया था मेराज अली, सहारनपुर से था मुकीम


मारा गया बदमाश मुकीम सहारनपुर जेल से ट्रांसफर होकर आया था। जबकि मुख्तार का गुर्गा मेराज बनारस से लाया गया था। बताया जा रहा है कि अंशु दीक्षित ने मुकीम, मेराज के अलावा तीन अन्य कैदियों पर हमला किया था।


हालांकि अभी अधिकारियों ने पुष्टि नहीं की है। जेल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जेल की सुरक्षा में इतनी बड़ी सेंध कैसे लगी? यह भी अफसर बताने को तैयार नहीं है। बदमाश अंशु दीक्षित के पास पिस्टल कहां से आई? यह एक बड़ा सवाल है।


कालिया को मारने के लिए सेटिंग से करवाया ट्रांसफर

अंशु दीक्षित पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी है। बताया जा रहा है कि उसने कालिया को मारने की सुपारी ली थी। इसे अंजाम देने के लिए उसने सेटिंग से चित्रकूट जेल में अपना ट्रांसफर करवाया था।


2008 में पहली बार पकड़ा गया था अंशुल


सीतापुर जिले के मानकपुर कुड़रा बनी का मूल निवासी अंशु दीक्षित लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र के रूप दाखिला लेने के बाद अपराधियों के संपर्क में आया। वर्ष 2008 में वह गोपालगंज (बिहार) के भोरे में अवैध असलहों के साथ पकड़ा गया था। अंशु दीक्षित को 2019 में दिसंबर में सुल्तानपुर जेल में वीडियो वायरल होने के बाद चित्रकूट जेल भेजा गया था।