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पुलिसिया उत्पीड़न से तंग महिलाए आंखो मे आंसू लिए पहुंची एसपी की चौखट, लगायी न्यया की गुहार





 

 बलिया ।। जनपद में दुबहड़ थाने के बाद अब नरही थाने की पुलिस पर तलाशी के नाम पर महिलाओ का उत्पीड़न करने,अपशब्द बोलने व घर से निकालने के लिये धमकाने का गंभीर आरोप पुलिस अधीक्षक की चौखट तक न्याय की गुहार के साथ पहुंच गया है । महिलाओं/ युवतियों द्वारा इलाकाई पुलिस पर विरोधियों की साजिश में शामिल होकर महिलाओ को परेशान करने का आरोप लगाया है । पुलिस अधीक्षक बलिया डॉ विपिन ताडा द्वारा युवतियों को न्याय का और बेवजह उत्पीड़न नही होगा,का भरोसा दिलाते हुए प्रकरण की जांच का आश्वासन दिया है ।

बता दे कि ऐसा ही एक प्रकरण दुबहड़ थाना क्षेत्र में भी सामने आया था,जिसमे पीड़ित बेवा आमरण अनशन पर बैठ गयी थी और हालत बिगड़ने पर मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल खुद पहल करते हुए अनशन को समाप्त कराकर पुलिसियां उत्पीड़न को रुकवाया था । अब फिर महिला के साथ पुलिसियां उत्पीड़न का मामला सामने आने से बलिया पुलिस की कार्यप्रणाली महिलाओ के प्रति कटघरे में खड़ी हो रही है ।

बता दे कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जहाँ जिला प्रशासन मुश्तैद है। वहीं नरहीं थाना के पिपराकला गांव में दो अप्रैल को चुनावी पार्टी के दौरान हुई फायरिंग का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है। हालांकि उक्त मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों की तरफ से सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन एक पक्ष से केवल परिवार में बची महिलाएं है और इन्हीं महिलाओं के घर से पुलिस एक और व्यक्ति की गिरफ्तारी में लगी है । आरोप है कि जिसको लेकर पुलिस लगातार घर में बची महिला को देर रात टॉर्चर करते हुए गाली गलौज के साथ उन्ही के घर से उनको बाहर निकालने की धमकी दे रही है । इसी  पुलिसियां उत्पीड़न से परेशान घर की महिलाए/युवतियां शिकायत  लेकर सोमवार को एसपी दफ्तर न्याय की उम्मीद में आ पहुंचीं ।

 बलिया पुलिस अधीक्षक कार्यालय से निकलती हुई ये महिलाएं पुलिस कर्मचारी नही बल्कि नरहीं थाना के पिपरकला गांव के सम्भ्रान्त परिवार की  हैं। इनका कहना और आरोप है कि दरअसल दो अप्रैल को चुनावी रंजिश में इनके दरवाजे पर अचानक गोली चलने और मार पीट होने लगी थी। जिसमें एक बुजुर्ग मारपीट में बुरी तरह घायल हो गए। वहीं पुलिस के संज्ञान में यह मामला आते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार कर सम्बंधित धारा में कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया। उसी परिप्रेक्ष्य में यह महिलाएं एस पी के यहाँ पहुँची हैं ताकि न्याय हो सके। 

 चुनावी समर में उतरने के बाद प्रतिष्ठा दांव पर लग जाती है। शायद यही वजह रहा कि नरहीं थाना के पिपराकला गांव में दो अप्रैल को रात में गोलियां चलने लगीं। यह अलग बात है कि पुलिस अधीक्षक ने अपने जारी बयान में गोली चलने की बात को अफवाह बताया । इन पीड़ित युवतियों का आरोप है कि विरोधी निर्विरोध चुनाव जीतना चाहते थे और इसी कारण ऐसी हरकत किये है। ताकि कोई सामने से चुनावी मैदान में न आ सके। परिवार में केवल महिलाएं ही बची हैं घर के सभी लोगों को जेल भेज दिया गया है। युवती ने कहा कि मैं अपने भाई से बोली कि हम चुनाव लड़ना चाहते हैं। परिवार में सब कुछ भरा पूरा है तथा बी. डी. सी. का चुनाव सामान्य है। इसी बहाने गांव में कुछ करने का अवसर प्राप्त होगा। 

 अप्रैल 2  को हुई घटना में महिलाओ ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिसने घटना को कारित किया उसको पुलिस प्रोटेक्शन घर पर दे रही है और पीड़ित होते हुए भी गलत कार्रवाई करते हुए हमारे ही घर के कई लोगों को जेल भेज दिया है और पुलिस द्वारा हम लोगों को टॉर्चर किया जा रहा है, घर के सामानों को तोड़फोड़ की जा रही है ।आरोपी यह भी लगाया है कि घर में रखे अटैची को भी तोड़फोड़ कर उसमें से ज्वेलरी और कुछ पैसे भी गायब हैं ,न जाने किसने लिए । इसी न्याय की उम्मीद में हम लोग एसपी ऑफिस में पहुंचे । हम चाहते हैं कि हमारे साथ न्याय हो और हम महिलाओं को टॉर्चर ना किया जाए ।

आइए सुनते हैं इन महिलाओं की दर्द भरी दास्तां......…...........







बीते दिनों चुनावी रंजिश में हुई जिस घटना का महिलाए जिक्र कर रही हैं उस मामले में बीते दिनों घटना के संबंध में बलिया पुलिस अधीक्षक ने क्या बयान दिया था उसको भी सुने !



बाइट - अमृता सिंह [निवासी गांव पिपरा कला ]