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सफाई कर्मी,रोडवेज कर्मी , रेलवे कर्मी और पत्रकार ,क्या नही है कोरोना वॉरियर्स ?

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। जब कोरोना का सबसे घातक काल था,जब लोगो की कब जान चली जाय कहा नही जा सकता था, जब लोगो को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना था , तो देश के हर बड़े नेता, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री ने चाहे रोडवेज कर्मचारी हो, रेलवे के कर्मचारी हो या नगर पालिकाओं के सफाई कर्मचारी से लेकर अन्य कर्मी हो,काम निकालने के लिये इन लोगो को कोरोना वॉरियर्स कहे थे । यही नही जान जोखिम में डालकर लोगो की दुश्वारियों को खबर बनाकर सरकार व प्रशासन तक पहुंचाने वाले पत्रकारों को भी पीएम मोदी ने कोरोना वॉरियर्स का खिताब दिया था ।

समय बदला, कोरोना पर सरकार ने नियंत्रण प्राप्त किया तो उपरोक्त कोरोना वॉरियर्स को तो कोई पूंछने वाला ही नही रहा । कोरोना का टीका आया तो वरीयता तय कर दी गयी कि सबसे पहले फ्रंट लाइनर वर्कर /कोरोना वारियर्स को टीका लगेगा । स्वास्थ्य कर्मियों को लगा,पुलिस कर्मियों को लगा, प्रशासनिक अधिकारियों व अन्य कर्मियों को लगा,मंत्रियों सांसदों व विधायको को लगा ,पर नही लगा तो रेलवे के कर्मचारियों, रोडवेज के कर्मचारियों,गंदगी को साफ करने वाले सफाई कर्मियों व नपा कर्मियों और पत्रकारों को । क्योकि टिका आने के बाद ये लोग कोरोना वारियर्स की सूची से नदारद हो गये है । जबकि सबसे ज्यादे आज भी यही लोग खतरे में है ।

इन कर्मियों में अपने प्रति सरकार द्वारा किये जा रहे भेदभाव से आक्रोश बढ़ता जा रहा है । ईश्वर न करे कि ऐसा हो, पर अगर फिर से कोरोना का कहर हुआ और ये लोग पहले जैसे काम करने से मना कर दे तो गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी । अभी भी समय है, इस गलती को सुधार कर सरकार जल्द से जल्द इन लोगो को भी टीका लगवा दे ।