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बागी बलिया के सपूत,एबीवीपी हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष डॉ आशुतोष सिंह का हुआ जोरदार स्वागत

 




बागी बलिया के सपूत,एबीवीपी हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष डॉ आशुतोष सिंह का हुआ जोरदार स्वागत

मधुसूदन सिंह

बलिया ।।

बागी बलिया के सपूत,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आशुतोष सिंह का बलिया आगमन पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महामंत्री सुरजीत सिंह परमार के नेतृत्व में जोरदार स्वागत जिला पंचायत के सभागार में किया गया ।
डॉ आशुतोष सिंह के सम्बंध में बताते हुए श्री सुरजीत ने कहा कि बलिया की उर्वरा भूमि से एक से बढ़कर होनहार पैदा हुए जो आगे चलकर बलिया का नाम रौशन किये और अपने दृढ़ मनोबल व कठोर परिश्रम के बल पर जीवन मे शीर्ष मुकाम हासिल किये है । उन्हीं में से एक है डॉ आशुतोष सिंह जो एक शिक्षाविद होने के साथ साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र की राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ,(एनआईटी) में कम्प्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष है । हम सब बड़े सौभाग्यशाली है जो अपने बीच के एक भाई का स्वागत करने का अवसर मिल रहा है ।
अपनो के बीच अपने आत्मिक स्वागत से अभिभूत डॉ आशुतोष सिंह ने कहा कि बलिया की धरती में अद्भुत क्षमता है,पर सुविधाओ के अभाव में यहां के नौजवान अपने हुनर को निखार नही पाते है । बताया कि नगरा के पास मसूरिया नामक गाँव मे महेश सिंह के पुत्र के रूप में जन्म लेकर ,इसी गांव के प्राथमिक विद्यालय से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की । इसके बाद सरस्वती शिशु मंदिर में पिता के प्रधानाचार्य होने के कारण शिशु मंदिर से जूनियर हाईस्कूल की शिक्षा ग्रहण की । यूपी बोर्ड से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने के बाद काशी नरेश राजकीय महाविद्यालय ज्ञानपुर से स्नातक व स्नातकोत्तर के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि और कम्प्यूटर विज्ञान विभाग ,ब्रिस्टल विश्वविद्यालय यूनाइटेड किंगडम से पोस्ट डॉक्टरेट की उपाधि अर्जित की ।

डॉ आशुतोष का नाम कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रतिष्ठित है,आपने इस क्षेत्र में अबतक 19 पुस्तके लिखी है और इनके 300 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके है । 




कार्यक्रम के संयोजक पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम प्रकाश सिंह पिंटू,ने मुख्य अतिथि डॉ आशुतोष सिंह सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया । डॉ सिंह का स्वागत करने वालो में रणवीर सिंह सेंगर,हेमंत पाठक,विनय सिंह,राजू सिंह,आशुतोष सिंह,पवन सिंह,राजेश सिंह,नीरज सिंह,विद्यार्थी परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह,योगेश सिंह, बबलू सिंह,राकेश सिंह भोला,दिनेश राय, धर्मेंद्र सिंह आदि लोग प्रमुख रहे । संचालन भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री सुरजीत सिंह परमार ने किया ।

अपने संबोधन में डॉ आशुतोष सिंह ने बेबाकी के साथ भारत मे बेरोजगारी के लिये आजादी के बाद आयी पहली सरकार व पहले शिक्षा मंत्री की अंग्रेजो द्वारा थोपी गयी शिक्षा नीति को ही आगे बढ़ाने को दोषी ठहराया । कहा कि आजादी के 21 साल बाद इंदिरा गांधी ने और फिर राजीव गांधी ने शिक्षा नीति बनाकर गलती को सुधारने का प्रयास किया । अब मोदी सरकार  नई शिक्षा नीति लागू करके देश मे नई क्रांति लाने का प्रयास कर रही है । कहा कि अंग्रेजो के शासन से पहले शिक्षा व व्यापार सरकार के पास नही था । अंग्रेजो ने इसको सरकार के अधीन करके मैकाले की शिक्षा नीति के सहारे नौकरी देने वाले नही नौकरी मांगने वाले पैदा होने लगे ।

कहा कि मुझे यह देखकर अफसोस होता है कि हमारा देश जब आजाद हुआ तब लोगो ने संविधान तो लिखने की जरूरत महसूस की लेकिन देश मे किसी शिक्षा व्यवस्था हो,इस पर सोचा ही नही । अंग्रेजो ने तो हिंदुस्तान को ज्यादे दिन गुलाम बनाये रखने की सोच के चलते शिक्षा को सरकारी नियंत्रण में लेकर शिक्षा देनी शुरू कर दी । जबकि इंग्लैंड में आज भी करेंसी,सेना,पुलिस और न्यायपालिका को छोड़कर सबकुछ प्राइवेट हाथों में है ।

कहा कि देश को राजनैतिक आजादी तो मिल गयी लेकिन आज भी आर्थिक व सामाजिक ,धार्मिक आजादी नही मिल पायी है । हमारा लक्ष्य है कि जब हम प्रत्येक व्यक्ति को आर्थिक व सामाजिक,धार्मिक  आजादी दिलाएंगे ,तो वह अपने परिवार ,फिर समाज व अंत मे आगे चलकर राष्ट्र को आर्थिक व सामाजिक और धार्मिक रूप से  आजादी दिलाने में मददगार होगा ।

मीडिया पर भी सवाल करते हुए डॉ सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे कलाम के अमेरिका दौरे के संस्मरण को उद्धरित करते हुए कहा कि मीडिया को भी सोचना चाहिये कि उसकी प्रथम पेज की क्या खबर होनी चाहिये ? क्या कभी इस देश मे राजनेताओ के कवरेज को छोड़कर कोई आमजन की बात जल्दी प्रथम पेज की खबर बनती है क्या ? कहा कि डॉ कलाम जब अमेरिका दौरे पर थे तो वहां के अखबार में एक खबर प्रथम पेज पर छपी थी वह यह थी कि एक किसान ने ऐसे बीज का उत्पादन किया था जिसके अनुसार उसका पहले से दो गुना उत्पादन बढ़ गया था। बाद में डॉ कलाम ने उस प्रथम पेज की खबर को राष्ट्रपति भवन में फ्रेमिंग करके प्रेरणा के लिये लगवाया । मेरा सवाल मीडिया से है कि क्या हम को ऐसी खबरों को प्राथमिकता नही देनी चाहिये ?