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ही ही हंस दिहले रिंकिया के पापा ....गीत के साथ शुरू हुआ सेठ एमआर जयपुरिया रसड़ा का शैक्षणिक सत्र



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। जनपद के रसड़ा तहसील क्षेत्र में एक भव्य रंगारंग कार्यक्रम के साथ देश के प्रतिष्ठित विद्यालयों में से एक सेठ एमआर जयपुरिया की रसड़ा शाखा का शुभारंभ हुआ । अपनी पढ़ाई,अनुशासन और समय बद्धता के लिये मशहूर यह विद्यालयी नाम भी लगता है कि व्यवसायीकरण के इस दौर में क्वालिटीज से समझौता करने लगा है । यह हम यूंही नही कह रहे है,साक्ष्य के साथ कह रहे है।

अपने पहले ही दिन इस शाखा ने सभी अभिभावकों को बता दिया कि हम आपके बच्चों को एकदम आधुनिक बना देंगे,इतना आधुनिक बना देंगे कि आपके बच्चे आपके सामने ही संस्कारों को तिलांजलि देंगे और आप ही ही करने के अलावा कुछ नही करेंगे । क्योंकि जिनके हाथों विद्यालय का शुभारंभ हुआ है ,वो मंच से कहे कि -अचके में मार दिहली जोर से तमाचा,ही ही कई दिहले रिंकिया के पापा .....। होना तो चाहिये था कि तिवारी जी भजन गायकी के भी उस्ताद है और किसी भी शुभ कार्य में भजन गागा जाता है, एक भजन गाकर अपनी सनातनी संस्कृति का परिचय देकर बच्चो में एक अच्छा संदेश देते,जो नही किये । 

हमारा जनपद बलिया वैसे ही भोजपुरी भाषी क्षेत्र है । यहां के अभिभावक अगर जयपुरिया जैसे स्कूल में सबसे महंगी फीस देकर अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते है ,कुछ बनाना चाहते है,तो साथ मे यह भी चाहते है कि हमारे बच्चो में पाश्चात्य नही अपने कुल की मर्यादा वाले संस्कार हो । मुख्य अतिथि सांसद मनोज तिवारी द्वारा गाया हुआ यह गीत क्या ऐसे विशिष्ट विद्यालय के शुभारंभ में होना चाहिये ? यह सवाल बलिया एक्सप्रेस आप से, सेठ एमआर जयपुरिया के प्रबंधन और अभिभावकों से पूंछ रहे है । मुझे पता है कि उपरोक्त में से किसी का भी जबाब हां में नही हो सकता है । फिर ऐसी गलती न हो इसके लिये इस विद्यालय को सतर्कता के साथ सोचना पड़ेगा ।





आजकल मुख्य अतिथि बनने और बनाने का फैशन चल गया है । जो क्रिकेट का ककहरा नही जानता है वो इसके टूर्नामेंट में इस खेल पर लम्बा चौड़ा भाषण दे देता है । जिस विद्यालय के कैम्पस में सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजी बोली जाती हो, उस विद्यालय के उद्घाटन में भोजपुरी के गायक,वर्तमान में सांसद को बुलाकर और अश्लील गीत गवाकर स्थानीय विद्यालय ने न जाने क्या संदेश देने की सोची और दी है , ये तो वही जाने लेकिन स्कूल से ज्यादे रिंकिया के पापा फेमस हो गये ।

दिल्ली की शिक्षा पर श्री मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने वहां की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दी है । पांच साल में दिल्ली में लगभग 5 लाख बच्चे फेल हुए है ।यह कहकर श्री तिवारी ने सीबीएसई को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है जिसपर केंद्रीय नियंत्रण है । अगर श्री तिवारी की बातों को सच मान ले तो यह देखकर आश्चर्य होता है कि पिछले साल के सीबीएसई के परीक्षा में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के सर्वाधिक बच्चो ने उच्च अंक कैसे प्राप्त किये, क्या दिल्ली में सरकार ने नकल करायी या सीबीएसई ने बिना लिखे ही अंक दे दिये ? वही तिवारी जी को यूपी की शिक्षा व्यवस्था पर भी बोलना चाहिये था,यह बताना चाहिये था कि यहां पिछले 4 साल में कितने बच्चे फेल हुए ।