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नाबालिग को भगाने व बलात्कार के मामले में आरोपी को तीन बार का आजीवन कारावास



बलिया ।। पुलिस अधीक्षक बलिया के निर्देशन में प्रभावी  पैरवी  के  चलते  नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म  के आरोपी अभियुक्त  को मा0 न्यायालय द्वारा मु0अ0सं0-71/2018 में भिन्न-भिन्न धाराओं में दोषसिद्ध पाते हुये तीन बार आजीवन कारावास व जुर्माने से दण्डित किया गया ।

जनपद में मिशन शक्ति के तहत प्रभावी पैरवी हेतु चलाये जा रहे अभियान,पैरोकारों की मासिक गोष्ठी व मॉनिटरिंग सेल के प्रभावी पर्यवेक्षण व संयुक्त निदेशक अभियोजक बलिया श्री सुरेश कुमार पाठक द्वारा चिन्हित व प्रभावी पैरवी तथा विशेष लोक अभियोजक(पाक्सो एक्ट) श्री राकेश पाण्डेय द्वारा मामले में प्रभावी विचारण की कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये अभियुक्त को सजा दिलाने हेतु सशक्त तर्कों को प्रस्तुत करते हुये मा0न्यायालय से अनुरोध किया गया जिसके चलते माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश(पाक्सो एक्ट) अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट सं- बलिया ( श्री शिव कुमार द्वितीय द्वारा आज दिनांक 09.03.2021 को अभियुक्त राहुल कुमार साहनी को मु0अ0सं0 71/2018 में 

धारा 363- में दोषी पाते हुये सात वर्ष के सश्रम कारावास व 05 हजार रु0 अर्थदण्ड से दण्डित किया गया,अर्थदण्ड न अदा करने पर 01 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा ।

 धारा 366 भादवि0 में दोषी पाते हुये 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार के अर्थदण्ड अदा करना होगा अर्थदण्ड न अदा करने पर 02 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा,

धारा 376 भादवि0-  में दोषी पाते हुये आजीवन कारावास एवं 20 हजार रु0 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया   ।

धारा 3/4 पाक्सो एक्ट में- दोषी पाते हुये आजीवन कारावास एवं 20 हजार रु0 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । 

  धारा3(2)V SC/ST एक्ट- में दोषी पाते हुये आजीवन कारावास एवं 20 हजार रु0 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।

 व अर्थदण्ड की संपूर्ण धनराशि का आधा भाग पीड़िता को अदा करने हेतु आदेशित किया गया तथा अर्थदण्ड न अदा करने की दशा में अभियुक्त की चल-अचल संपत्ति से अर्थदण्ड की राशि वसूल की जायेगी ।

      बता दे कि   01.07.2018 को अभियुक्त राहुल कुमार साहनी पुत्र चन्द्रशेखर साहनी निवासी चितबड़ागांव द्वारा वादी की नाबालिग पुत्री का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के संबंध में थाना चितबड़ागांव बलिया पर वादी की तहरीर पर मु0अ0सं0-71/2018 धारा – 363,366,376 भादवि0 व 3/4 पाक्सो एक्ट व 3(2)V SC/ST एक्ट पंजीकृत किया गया था ।

गौरतलब है कि जनपद पुलिस द्वारा उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार पुलिसकर्मियों के साक्ष्य शीघ्र न्यायालय में निस्तारण कराने पर बल दिया जा रहा है जिसके चलते नतीजे सामने आ रहे हैं ।