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भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ में केवल साफ़ सुथरी छवि के लोगो का स्थान, दलालों चाटुकारों और पदलोलुपों के लिए कोई स्थान नहीं



दिग्भ्रमित और ढुलमुल नीति के कथित साथी दूर ही रहें  

प्रयागराज ।। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकारों महासंघ के सदस्यता विस्तार प्रकोष्ठ  उत्तर प्रदेश प्रभारी शिवा शंकर पाण्डेय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार  नई व्यवस्था में अब भारतीय राष्ट्रीय  पत्रकार महासंघ में संख्या बढ़ाने की अपेक्षा गुणवत्ता पर विशेष बल दिया जाएगा और केवल साफ़ सुथरी छवि के कलम कारों को ही महत्व दिया जाएगा विभाग विशेष की चाटुकारिता करने वाले और पीत पत्रकारिता करने वालों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा

       श्री पाण्डेय जी ने बताया कि केवल परिचय पत्र प्राप्त करके वर्ष पर्यंत गायब रहने वाले पदाधिकारी भी शीघ्र ही किनारे किए जाने वाले हैं जिन्हें जांच प्रकोष्ठ द्वारा चिन्हित किया जा रहा है  और संवाददाता डायरी में नाम प्रकाशन के लिए भी नई सूची बनाई जा रही है   किसी के दबाव में संगठन बदलने वालों एवं पदलोलुपों की सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया भी जा रही है

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ केंद्रीय संचालन समिति ने यह निर्णय लिया है कि प्रतिवर्ष संगठन बदलने वाले और प्रतिवर्ष    पदलोलुपों द्वारा परिचय पत्र के बाद  संगठन से कोई संपर्क न करने  वालों  तथा  महासंघ के प्रांतीय और राष्ट्रीय आयोजनों में कोई रुचि ना दिखाने वालों को अब संगठन बहुत दिन तक नहीं जोड़ पाएगा और ऐसे लोगों को अतिशीघ्र दायित्व मुक्त कर दिया जाएगा जिनकी रूचि संगठन में ना होकर केवल अपने सम्मान और अपने कार्ड के लिए है और वे आए दिन संगठन बदलने का दबाव भी बनाते रहते हैं ।

ऐसे लोगों से महासंघ  स्वयं दूरी बनाएगा ।अनुशासन और जांच समिति के दायरे में वे भी आ रहे हैं जो केवल विभाग विशेष की चापलूसी और उसकी चाटुकारिता का ही समाचार आए दिन पोस्ट करते हैं और संगठन की खबर के लिए उनके पास न तो समय रहता है और न वे संगठन की खबर के लिए कोई प्रयास करते हैं । इसलिए संगठन द्वारा निर्णय लिया गया है कि ऐसे लोगों को रखने का कोई मतलब नहीं है ।

     प्रांतीय सदस्यता प्रभारी ने बताया कि कुछ लोगों की सूची केंद्रीय कार्यालय को भेज दी गई है और कुछ लोग सूचीबद्ध किए जा रहे हैं । उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि निष्क्रिय पदाधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं लाते हैं तो उन्हें भी संगठन में बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं होगा और इस पर शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा ।