हिंदी संस्थान की बाल साहित्य संबर्द्धन के तहत बाल साहित्य सम्मानो की हुई घोषणा : बलिया की गृहिणी को मिला सुभद्राकुमारी चौहान बाल साहित्य सम्मान
मधुसूदन सिंह
लखनऊ/बलिया ।। उप्र हिंदी संस्थान के बाल साहित्य संवर्द्धन योजना के अंतर्गत बाल साहित्य सम्मानों के लिए नामो की घोषणा हो गई है। घोषित सम्मानित होने वालों की सूची में बलिया जनपद की गृहिणी किरण सिंह का पहला नाम है । बलिया की गृहिणी ने बाल साहित्य के क्षेत्र में जनपद की कीर्ति पताका फहराकर आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी और डॉ केदारनाथ सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है ।
श्रीमती किरण सिंह शिक्षाकाल से ही कविता लिखने में काफी रुचि रखती थी । इनकी प्राथमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर बलिया ( उत्तर प्रदेश) से हुई है । हाई स्कूल व इंटर की शिक्षा - राजकीय बालिका विद्यालय बलिया से पूर्ण करने के बाद इन्होंने स्नातक की शिक्षा गुलाब देवी महिला महाविद्यालय, बलिया से पूरी की । संगीत में भी रुचि होने के कारण संगीत प्रभाकर की योग्यता इन्होंने सितार वादन में हासिल की है ।
वैसे तो इनका मायका बलिया जनपद के मझौवा गांव है और इनके माता जी का नाम श्रीमती दमयंती देवी व पिता जी का नाम स्व कुंजबिहारी सिंह एडवोकेट है । इनकी शादी जनपद बलिया के ही अखार गांव के श्री भोला नाथ सिंह से हुई है जो बिहार बिजली बोर्ड से डीजीएम के पद से सेवानिवृत्त हुए है( D G M At S B P D C L ) । शादी के बाद बदले परिवेश व पति के कार्यस्थल बिहार राज्य के विभिन्न जिलों में गृहिणी व पत्नी के साथ बच्चो को मां का लाड प्यार देने के साथ ही इनके मन मे हिंदी साहित्य के प्रति आस्था कम नही हुई और ये अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच भी बाल साहित्य सृजन के लिये समय निकाल लेती है ।
अबतक इनकी 7 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है जिसमे 1-मुखरित संवेदनाएँ ( काव्यसंग्रह ) 2016,2--प्रीत की पाती ( काव्य संग्रह) 2017,3--अन्तः के स्वर ( दोहा संग्रह ) 2018, 4- प्रेम और इज्जत ( कथा संग्रह ) 2019, 5--गोलू - मोलू ( बाल कविता संग्रह) 2020, 6-श्री राम कथामृतम् ( बाल खण्ड काव्य) 2020 और 7- दूसरी पारी का - ( आत्मकथ्यात्मक संस्मरण संग्रह ) सम्पादन 2020 शामिल है । वही 3 जो शीघ्र प्रकाशित होने वाली है उनमें 1-अन्तर्ध्वनि, ( कुंडलिया संग्रह),2- शगुन के स्वर ( विवाह गीत संग्रह ),3- रहस्य ( कथा संग्रह) शामिल है ।
इसके साथ ही देश के विभिन्न प्रतिनिधि पत्र - पत्रिकाओं ( दैनिक समाचार पत्र दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, हिन्दुस्तान, जनसत्ता, प्रभात ख़बर, प्रभात ख़बर सुरभि, सन्मार्ग, बाल भारती , बाल प्रहरी, गृह शोभा, सरिता, आदि पत्र पत्रिकाओं में लगातार रचनाओं, समीक्षा तथा साक्षात्कार, का प्रकाशन एवम् आकाशवाणी तथा दूरदर्शन पर लगातार रचनाओं तथा साहित्यक वार्ता का प्रसारण हो चुका है । यही नही राजभाषा विभाग बिहार पटना से रचना की प्रस्तुति हुई है । इनके लेखन की विधा गीत, गज़ल, छन्द बद्ध तथा छन्मुक्त पद्य, कहानी, आलेख, समीक्षा, व्यंग्य है । इससे पहले इनको 2019 में बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन से साहित्य सेवी सम्मान मिल चुका है ।
वैसे तो वर्तमान में ये पटना में रह रही है । इनके दो पुत्र कुमार ऋषि आनंद और कुमार आरसी आनंद है जो बेंगलुरु में इस समय इंजीनियर है । इनके देवर अशोक कुमार सिंह नगर पालिका परिषद बलिया में वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात है । पुरस्कार की घोषणा होते ही अखार गांव व नगर पालिका के अशोक सिंह के आवास पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नही रहा । सभी लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर इस खुशी को एक दूसरे से बांट रहे थे ।
बता दे कि बाल साहित्य संबर्द्धन सम्मान में प्रत्येक सम्मान की राशि 51,000 रुपये है।सम्मानित होने वाले नाम है -
- सुभद्रा कुमारी चौहान बाल साहित्य सम्मान : किरण सिंह, बलिया
- सोहन लाल द्विवेदी बाल कविता सम्मान : गौरी शंकर वैश्य 'विनम्र', लखनऊ
- अमृत लाल नागर बाल कथा सम्मान : दयाराम मौर्य 'रत्न', प्रतापगढ़
- शिक्षार्थी बाल चित्रकला सम्मान : सुशील कुमार, लखनऊ
- लल्ली प्रसाद पांडेय बाल साहित्य पत्रकारिता सम्मान : अरविंद कुमार साहू, रायबरेली
- डा रामकुमार वर्मा बाल नाटक सम्मान : गुडविन मसीह, बरेली
- कृष्ण कुमार फड़के बाल साहित्य समीक्षा सम्मान : नीरज शास्त्री, मथुरा
- जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखन सम्मान : अजय गुप्त, शाहजहांपुर
- उमाकांत मालवीय युवा बाल साहित्य सम्मान : सतीश कुमार, अल्लीपुर, संभल