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पीएम मोदी,10 दिसम्बर को नये संसद भवन का करेंगे शिलान्यास

 

 


ए कुमार

नईदिल्ली ।। नए संसद भवन का निर्माण तकरीबन 971 करोड़ रुपये की लागत से होगा. यह संसद भवन की मौजूदा संसद भवन परिसर में ही बनेगा. 2022 में तक इस नए संसद भवन को पूरा करने की योजना है. ताकि जब देश आजादी का 75वां साल मना रहा हो तो सरकार नए संसद भवन में बैठकर आजादी के त्योहार को मनाए.


नई इमारत 65,000 वर्ग मीटर में फैली होगी, जिसमें 16921 वर्ग मीटर का इलाका अंडरग्राउंड भी होगा. नई बिल्डिंग में भी 3 फ्लोर होंगे जिसमें से एक ग्राउंड फ्लोर जबकि 2 मंजिल उसके ऊपर होंगे. भवन का डिजाइन त्रिकोणीय होगा, जिसका नजारा आसमान से देखने पर तीन रंगो की किरणों वाला होगा.

नए भवन की खासियत




888 लोकसभा और 400 राज्य सभा की अनुमानित सीटें होगी आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर यह शुरू होगा

यह भवन भूकंप की दृष्टि से भूकंपरोधी तकनीक से लैस होगा

कुल 971 करोड़ की लागत से बनेगा ये भवन

सभी सांसदों का अलग ऑफिस होगा जो श्रम शक्ति भवन के स्थान पर बनेगा

जितनी ऊँचाई अभी पुराने संसद भवन की है , उतनी ही ऊँचाई नए संसद भवन की होगी

नए संसद भवन में सेंट्रल हॉल नहीं होगा

सीटों को भविष्य को ध्यान में रखकर अधिक बनाने की योजना है. ताकि आने वाले समय लोकसभा में सीटें बढ़ती हैं तो दिक्कत न हो. नए सदन में दो-दो सांसदों के लिए एक सीट होगी, जिसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर होगी. राज्यसभा की नई इमारत में 400 सीटें होंगी. नए संसद भवन में एक कांस्टीट्यूशन हॉल भी होगा, जो भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा. इसके अलावा संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समितियों के लिए कमरे, खान-पान के लिए स्थान और वाहन पार्किंग की जगह भी होगी


मौजूद  भवन, ब्रिटिश काल का है जिसका डिजाइन एडविन लुटियंस और हरबर्ट बेकर ने तैयार किया था. उन दोनों ने ही नई दिल्ली का निर्माण किया था. नए संसद का निर्माण टाटा कंपनी करेगी. संसद भवन की नई इमारत बनाने के लिए टाटा कंपनी ने छह कंपनियों को पछाड़ते हुए इसका ठेका 61.9 करोड़ रुपये में हासिल किया है. नए संसद भवन का डिजाइन करने वाले विमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले हैं. पटेल ही सेंट्रल विस्टा की रीडिजाइनिंग भी कर रहे हैं. मौजूदा संसद भवन मौजूदा संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी 1921 को रखी गई थी और इसके निर्माण में 6 साल का वक्त लगा था. पुराने भवन के निर्माण में 83 लाख रुपये की लागत आई थी और इसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था. मौजूदा संसद भवन के बारे में माना जाता है कि ये चौंसठ योगिनी मंदिर के स्वरूप से प्रेरित है ।