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हाथरस के पीड़ित परिवार की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका हाई कोर्ट में तकनीकी आधार पर हुई खारिज




ए कुमार

प्रयागराज ।।


 इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाथरस के पीड़ित परिवार की याचिका की खारिज ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला किया था सुरक्षित,

पीड़ित परिवार की तरफ से हाई कोर्ट में दाखिल हुई थी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका,

पीड़ित परिवार ने लोगों से मिलने जुलने की पूरी छूट दिए जाने और अपनी बात खुलकर रखे जाने की थी मांग,

पीड़ित परिवार की तरफ से सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र कुमार ने दाखिल की थी याचिका,

अर्जी में कहा गया है कि पुलिस -प्रशासन की बंदिशों के चलते पीड़ित परिवार घर में कैद सा होकर रह गया है 

बंदिशों के चलते तमाम लोग मिलने नहीं आ पा रहे हैं 

 परिवार किसी से खुलकर अपनी बात नहीं कह पा रहा है 

सरकारी अमले पर घर से बाहर नहीं निकलने देने का भी है आरोप  

इंसाफ पाने के लिए पीड़ित परिवार से बंदिशें हटना जरूरी,

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हाई कोर्ट में मामले की हुई सुनवाई ।

तकनीकी आधार पर खारिज की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका,

सुप्रीम कोर्ट में मामला पेंडिंग होने और पीड़ित परिवार का वकालतनामा न होने के आधार पर अर्जी खारिज,

पीड़ित परिवार की तरफ से वाल्मीकि महापंचायत ने दाखिल की थी अर्जी,

मृतका के भाई के व्हाट्स एप्प मैसेज के आधार पर दाखिल की थी अर्जी,

अर्जी में अवैध रूप से कस्टडी में रखने, लोगों से मिलने नहीं देने और दिल्ली जाने से रोकने का लगाया था आरोप।