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किसानों के मुद्दों पर बोले योगी सरकार के मंत्री- दलालों के साथ,विपक्षी दल व कांग्रेस का हाथ



केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये तीन कृषि कानूनों के समर्थन में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने की प्रेसवार्ता
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने किसानों के मुद्दों पर पूरे विपक्ष और कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला है । स्थानीय डाक बंगले में प्रेसवार्ता के माध्यम से श्री शुक्ल ने कांग्रेस और कांग्रेस के हाथ को दलालों के साथ बताते हुए बड़ा हमला किया । श्री शुक्ल ने कहा कि जिस तरह सीएए को विपक्षी दलों ने ऐसे दुष्प्रचारित करके देश का माहौल खराब करने की कोशिश की कि यह कानून मुसलमानों की नागरिकता को छीन लेगा, उसी तरह देश की आजादी के 73 साल बाद किसानों की खुशहाली का जो मौका तीन कानूनों के द्वारा यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी ने दिया है,उसको विपक्षी दल किसानों को बरगलाने के लिये किसान विरोधी बता रहे है । वास्तव में विपक्षी दल किसानों के घर खुशहाली आये, यह चाह ही नही रहे है । किसान जब विचौलियों/आढ़तियों के चंगुल से आजाद हो रहा है, तो इनको पीड़ा हो रही है । किसानों की उपज में दलाली खाने वालों की दुकान बंद हो रही है, तो ये लोग दलालों के द्वारा प्रायोजित आंदोलन चलाकर किसानों को बरगला रहे है । कहा कि पीएम मोदी ने पहली बार साइल हेल्थ कार्ड की सुविधा शुरू करके किसानों को मिट्टी के अनुरूप फसल उगाकर अधिकतम लाभ का मौका दिया है ,यह विपक्षियों को रास नही आ रहा है । पीएम मोदी ने एक ही झटके में यूरिया की कालाबाजारी को समाप्त कर दिया और खेती में प्रयोग होने वाली यूरिया को नीम कोटेड कर दिया जिससे रासायनिक दूध व अन्य खरनाक खाद्य पदार्थ जो यूरिया से बनते थे,बन्द हो गये । कहा कि पीएम मोदी ने आम किसानों के फायदे के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को ऐच्छिक कर दिया जो किसानों के लिये वरदान साबित हो रही है । खेती के सीजन में बिजली की उपलब्धता,खाद बीज की सुगमता से उपलब्धता और कृषि उपकरणों पर 70 प्रतिशत तक की छूट से आज ही किसानों की आमदनी दुगनी हो गयी है । यही कारण है कि पिछले वर्ष की तुलना में यूपी में इस वर्ष खरीफ व रवि की फसलों का रिकार्ड उत्पादन हुआ है ।
  कहा कि पूरे देश मे 98 प्रतिशत किसानों के पास 10 हेक्टेयर से कम कृषि भूमि है,86 प्रतिशत के पास तो 4 हेक्टेयर से भी कम भूमि है । ऐसे किसानों को ही बिचौलियों/दलालों से बचाने के लिये ,किसानों की आमदनी दुगनी करने के लिये प्रधानमंत्री जी ने तीन कानून लागू किया है ।

आवश्यक वस्तु (संशोधन 2020)अधिनियम
अंग्रेजो के जमाने से छोटे किसानों का तरह तरह से शोषण बिचौलियों, आढ़तियों,बड़े व्यापारियों द्वारा किया जाता था ।ये आढ़तिये किसानों से फसल होते ही औने पौने दामों में खरीद कर अपने यहां स्टोर कर लेते थे,और बाद में उच्चे दामों में बेचकर जबरदस्त मुनाफाखोरी करते थे । 1955 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने मुनाफाखोरी के लिये भंडारण पर रोक लगाने के लिये भंडारण की सीमा निर्धारित कर दी थी । इसमे जहां किसान अपनी फसलों को औने पौने दामों में बेचने को मजबूर होता था तो वही अधिक दिनों तक भंडारण से ये लोग अच्छी कमाई कर लेते थे । उपरोक्त कानून से किसानों को थोड़ी राहत मिली थी पूरी तरह से नही । इसी को देखते हुए पीएम मोदी ने भंडारण की सीमा को हटाकर किसानों को यह अधिकार दिया है कि किसान की जब मर्जी होगी तब अपनी फसल को बेचेगा ।

मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा अधिनियम 2020

चूंकि अधिकतर किसान छोटे छोटे है,और इनके खेतो में इतनी फसल नही होती है कि वो अकेले दम पर अपने उत्पादों को बड़े बाजारों में बेचकर अच्छी लागत प्राप्त कर सके । लेकिन इस कानून के द्वारा किसान अपनी फसलों के उत्पाद को अधिक दर पर बेचने के लिये देश के किसी भी कोने में ले जाकर बेचने के लिये स्वतंत्र है । पहले छोटे छोटे किसान मंडियों में अपने उत्पादों को ले जाते थे लेकिन वहां का बिचौलियों/आढ़तियों का काकश इतना मजबूत था कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे ही मजबूरन अपने फसल उत्पाद को बेचकर जाना पड़ता था । इस कानून के बन जाने से मंडियों में जाने से छूट मिल गयी । अब किसान अपनी फसलों की अच्छी कीमत मिले, देश के किसी भी कोने में बेचने के लिये स्वतंत्र हो गया है । विपक्षियों द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रही है कि मंडियों को सरकार तोड़ रही है  जबकि ऐसी  बात नही है । यही नही विपक्ष यह भी अफवाह फैला रहा है कि सरकार एमएसपी को समाप्त करने वाली है, जो कोरा अफवाह है ।

अनुबंध कृषि अधिनियम
इस कानून के द्वारा छोटे छोटे किसानों को अपनी फसलों को बेचने के लिये कही भटकना नही पड़ेगा । बड़े बड़े व्यापारी, कंपनियों के द्वारा अपनी जरूरत के मुताबिक क्षेत्र विशेष के किसानों से फसल पूर्व खरीदने का अनुबंध किया जाएगा , जिसमे फसल उत्पाद को कितने रुपये की दर से खरीदा जाएगा यह लिखित रूप में होगा । यह अनुबंध केवल फसल के लिये होगा, खेत के लिये नही । फसल उत्पाद बेचने के समय अगर बाजारू दर अनुबंध की दर से अधिक होगी तो किसान अनुबंध तोड़कर अधिक दर पर बेचने के लिये स्वतंत्र होगा । यही नही अनुबंध संबंधी अगर कोई भी विवाद होता है तो वह स्थानीय उप जिलाधिकारी स्तर से ही निस्तारित किया जायेगा ।
 कहा कि 1967 में एपीएमसी अधिनियम लागू किया गया था और किसानो का शोषण कोई न कर सके इस लिये मंडियों की व्यवस्था लागू की गई थी । देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री चौधरी देवी लाल ने किसानों की दशा सुधारने के लिये देश के बड़े किसान नेता भानु प्रताप सिंह व शरद जोशी का आयोग बनाकर रिपोर्ट मांगी थी, जिसकी रिपोर्ट और अन्य संशोधनों के साथ यह कानून बनाये गये है । कहा कि विपक्ष चाहे जितना हो हल्ला कर ले किसान इनके बहकावे में आने वाले नही है । कहा कि कांग्रेस दलालों के हाथों में फंसकर इस कानून की विरोध कर रही है । कहा कि अकेले पंजाब में 28000 से ज्यादे बड़े बिचौलिये है जो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीचे बेचने को मजबूर करते है । कहा कि इन तीनो कानूनों को महाराष्ट्र के सबसे बड़े किसान संगठन स्वाभिमान के नेता राजू सेठी जी जो दो बार सांसद भी रह चुके है,का और शरद जोशी का समर्थन मिला है, वही अशोक गुलाटी ने तो इसको किसानों के लिये वरदान कहा है । कहा कि किसानों को मंडियों से छुटकारा दिलाने की बात तो कांग्रेस भी अपने घोषणा पत्र में कही थी लेकिन दलालों के दबाव में दलालों द्वारा प्रायोजित विरोध का आंदोलन चला रही है । कांग्रेस व विपक्षी दलों को किसानों की नही दलालों की चिंता सता रही है ।