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समाजसेवी ठाकुर अशोक सिंह ने सपा मुखिया के द्वारा भेजे गये प्रतिनिधि मंडल पर उठाया सवाल : कहा ठाकुर विरोधी मानसिकता वाला है यह प्रतिनिधि मंडल

 


बलिया ।। वरिष्ठ समाजसेवी ठाकुर अशोक सिंह ने समाजवादी पार्टी द्वारा आज दुर्जनपुर में जांच के लिये भेजे जा रहे प्रतिनिधि मंडल पर ही सवाल खड़ा करते हुए समाजवादी पार्टी को ठाकुर विरोधी मानसिकता वाला बताया है । श्री सिंह ने अपने एक बयान में आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस जांच दल में पहले से ही ठाकुरों को बाहर कर दिया गया हो,उससे निष्पक्ष जांच की उम्मीद करना बेमानी है । समाजवादी पार्टी के मुखिया ने जांच दल बनाकर और उसमें एक भी ठाकुर नेता को शामिल न करके यह जता दिया है कि समाजवादी पार्टी वर्तमान परिवेश में शुद्ध रूप से ठाकुर विरोध पर प्रदेश का मुखिया ठाकुर होने के कारण,उतर गयी है । इन लोगो को ठाकुर मुख्यमंत्री तनिक भी बर्दाश्त नही हो रहा है । अखिलेश यादव अपने कार्यकाल, अपने पिता के कार्यकाल को लगता है भूल गये है, जिसमे इनके लोगो ने सवर्णों पर कितने जुल्म ढाये ,कितने लोगों की संपत्तियों को कब्ज़ा किये । आज इनको चुनाव नजदीक आते ही राजनीति सूझने लगी है ।

  अगर ये निष्पक्ष जांच कराने की मंशा रखते तो अपने प्रतिनिधि मंडल में अपने दल के ठाकुर नेता को भी शामिल करते लेकिन इनकी मानसिकता तो पहले से ही ठाकुर विरोधी हो चुकी है,इनकी रिपोर्ट तो पहले ही लखनऊ में तैयार हो चुकी है,दुर्जनपुर में प्रतिनिधि मंडल का जाना तो एक नाटक भर है ।


अखिलेश जी आप सूबे के मुखिया रहे है,आप से पूरे प्रदेश की जनता न्याय की उम्मीद लगाती है लेकिन अगर आप न्याय और अन्याय में फर्क जाति विशेष व वोट बैंक के नाम पर करेंगे तो निश्चित ही प्रदेश का राजनैतिक भविष्य अंधकारमय दिखता है ।
अखिलेश जी आप के लोग तो आपको हकीकत नही बताएंगे लेकिन हम ही आपको दुर्जनपुर हत्याकांड की वो दुर्लभ तस्वीरे दिखा रहे है जिसको देखने के बाद आप अगर न्याय और अन्याय में फर्क करना जानते होंगे तो न्याय के साथ ही खड़े होंगे ,अन्यायियों को प्रश्रय नही देंगे । नीचे कुछ फोटो है जो घटना के समय रिकार्डिंग की गई वीडियो से है ,इनको देखिये और निर्णय कीजिये कि सही क्या है ? इसमे आप को तीन लोगों को ही देखना है एक जीन्स टीशर्ट वाले तथाकथित हत्यारे धीरेंद्र प्रताप सिंह को और दूसरे दो सफेद कुर्ता पायजामा पहने नेताओ को जिनके हाथों में असलहे है और पीछे लाठी डंडे लिये भीड़ को । बस इसको देखिये और एक प्रदेश के पूर्व मुखिया के रूप में न्याय कीजिये ,हत्या किसी की भी हो बहुत ही गलत है,इसकी सजा मिलनी चाहिये लेकिन जो लोग दूसरों की हत्या के लिये उद्दत थे उनका क्या होना चाहिये ?






इन फोटोग्राफ को देखने के बाद आपको निश्चित रूप से घटना का अंदाजा लग गया होगा । जिस व्यक्ति के घर की महिलाओ को मारा पीटा जा रहा हो,पुरुषों को घायल किया गया हो,दो लोग बीएचयू में जीवन मरण के दरवाजे पर खड़े हो,उस परिवार को न्याय मिलना चाहिये कि नही ? अगर आप चाहते है कि इस घटना की निष्पक्षता के साथ जांच हो तो ग्राम प्रधान के क्रिया कलापो के साथ सीबीआई जांच की मांग कीजिये, अपने प्रतिनिधि मंडल के एक पक्षीय जांच के आधार पर कोई निर्णय सार्वजनिक मत कीजिये ।