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बलिया में हुए हत्याकांड के मुख्य आरोपी के भाई की हुई गिरफ्तारी ,घटना के बाद से विपक्ष हुआ है हमलावर : भाजपा के अपराधियों की कब पलटेगी गाड़ी -अखिलेश

 




नामजद मुख्य आरोपी के भाई देवेंद्र सिंह की हुई गिरफ्तारी, पांच अन्य भी गिरफ्तार


दुर्जनपुर गांव मे सभी लाइसेंसी असलहों का लाइसेंस निरस्त किया जायेगा।

बलिया ।। 

दुर्जनपुर हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है । पुलिस ने मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह के भाई देवेन्द्र सिंह के साथ ही अन्य 5 नामजद आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है । मुख्य आरोपी के साथ ही अन्य की सरगर्मी से तलाश की जा रही है । एडीजी जोन और डीआईजी आजमगढ़ घटना स्थल पर ही कैम्प करके जरूरी दिशा निर्देश दे रहे है । इस गांव के सभी लाइसेंसी असलहों के लाइसेंस निरस्त करने का प्रशासन ने निर्णय किया है ।

बता दे कि उत्तर प्रदेश का बागी बलिया जिला एक बार फिर चर्चा में है। इस बार यह पुलिस और आला अधिकारियों के सामने हुई हत्या के चलते चर्चा में है। गुरुवार के दिन हुए हत्याकांड के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलवार हो गया है। आरोप है कि आरोपी भाजपा से जुड़ा है और बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का काफी करीबी है। कई मौके पर विधायक और आरोपी को एक साथ देखा गया है। वही बैरिया विधायक ने अपनी सफाई में कहा पूरा बैरिया क्षेत्र की जनता बसपा सपा समर्थकों को छोड़कर मेरी करीबी है । कहा कि इस कांड की सीबीआई जांच होनी चाहिये और बवाल करने वाले दोनो पक्षो पर कार्यवाही होनी चाहिये ।


 वही  बीजेपी जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने बताया है कि मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह उर्फ डब्बू हमारे किसी संगठन का पदाधिकारी नहीं है।श्री साहू ने बताया कि धीरेंद्र भारतीय जनता पार्टी के किसी भी दायित्व के पद पर नही हैं, वह न मंडल में किसी दायित्व पर हैं और नही जिले में किसी पद पर हैं। इससे पहले घटना के बाद न्यूज एजेंसी भाषा ने विधायक सुरेंद्र सिंह के हवाले से बताया था कि धीरेन्द्र भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष है। बताया जाता है कि आरोपी धीरेंद्र सिंह सेना का रिटायर्ड जवान है। धीरेंद्र की गिनती बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह के करीबियों में होती है। 

अखिलेश यादव ने किया तंज



पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि सत्ताधारी बीजेपी के एक नेता ने एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम एक युवक की हत्या कर दी। उसके फरार हो जाने से कानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है। अखिलेश ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अब देखें क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नहीं। 

 विधायक सुरेंद्र सिंह उवाच

बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह ने घटना को 'कैजुअल्टी' करार देते हुए कहा कि ऐसी वारदात कहीं भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि घटना में दोनों तरफ से पथराव हुआ था और मामले में कानून अपना काम करेगा। कहा कि कोटे की दुकानों को समूह को आवंटित करने की नीति से बवाल हो रहा है ।

सीएम योगी का बड़ा एक्शन 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्जनपुर हत्याकांड की वारदात को गंभीरता से लेते हुए सम्बन्धित उपजिलाधिकारी सुरेश चंद्र पाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी चंद्रकेश सिंह और मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को निलम्बित करने और घटना के दोषियों के खिलाफ 'कठोरतम' कार्रवाई के आदेश दिए थे। सीएम योगी ने कहा कि इस मामले में अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होगी और अगर वे जिम्मेदार पाए गये तो उनके खिलाफ भी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में जय प्रकाश के भाई चंद्रमा की शिकायत पर 8 नामजद तथा 15 से 20 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धारा में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि मौके पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और मौके पर शांति है।

विपक्ष हुआ सरकार पर हमलावर  
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किये गये ट्वीट में कहा सत्ताधीश खुलेआम कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। बलिया में कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाने वाली खौफनाक वारदात सामने आई है जहां उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी के सामने भाजपा नेता ने युवक जय प्रकाश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के सामने से गोली मारकर भाजपा नेता फरार भी हो गया।

कांग्रेस के प्रदेश मीडिया संयोजक ललन कुमार ने इस घटना पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा, भाजपा सरकार खून से लथपथ है। बलिया की घटना शर्मसार करने वाली है। अधिकारियों के सामने सरेआम हत्या की और वह भाग भी गया। मुख्यमंत्री कार्रवाई का दिखावा करते हैं। सवाल किया कि सीएम योगी अपने मंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं को कब सलाखों के पीछे भेजेंगे ?। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के हालात देखकर ऐसा लगता है कि यहां महाजंगलराज चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छोटे अधिकारियों और कर्मचारियों पर तो कार्रवाई करते हैं, मगर वह वारदातों में लिप्त भाजपा नेताओं और वरिष्ठ अफसरों पर कब कार्रवाई करेंगे। अगर मुख्यमंत्री में थोड़ी सी भी शर्म बची है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।