Breaking News

बलिया में लॉक डाउन के नाम पर प्रशासन का तांडव,नगर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में लुटेरा बनी ईओ नगर पालिका व कर्मियों की टीम


बलिया ।। एक तो कोरोना का कहर, रोजगार तहस नहस, ऊपर से नगर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में ईओ नगर पालिका दिनेश विश्वकर्मा व नपा कर्मियों की टीम लुटेरों की भूमिका में शहर में आतंक मचा रखी है । आलम यह है कि अब शहर के व्यापारी लामबद्ध होकर पूरा बाजार ही बन्द करने की योजना बना रहे है । यही नही दवा व्यापारी भी नगर मजिस्ट्रेट व ईओ की लुटेरों वाली भूमिका व नादिरशाही फरमान के चलते जनपद भर में दवा की दुकानों को भी अनिश्चित काल के लिये बन्द करने के लिये बैठके कर रहे है ।

नए सिटी मजिस्ट्रेट जो अभी बुधवार की शाम को ही पद भार ग्रहण किये है, मात्र तीन दिन में ही शहर में  तांडव मचाकर  गरीब दुकानदारों में  हाहाकार मचा दिये है । इनका बखूबी साथ भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे और अपने ही कर्मचारियों के कोपभाजन बनने वाले ईओ नगर पालिका विद्वेष वश दे रहे है । नवागत सिटी मजिस्ट्रेट ने 3 दिनों में इतना चलान काटा की व्यापारी और गरीब आक्रोश में आ गए है।

यही नहीं शनिवार की शाम सिटी मजिस्ट्रेट ने गरीब भूसा बेचने वालो को भी नहीं छोड़ा। गरीब भूसा बेचने वाला चलान नहीं भर पाया तो उठा ले गए तराजू और नगर पालिका के कर्मचारियों से सिटी मजिस्ट्रेट  भूसे पर रखा त्रिपाल नोचवाने लगे । तो वहीं रोती बिलखती भूसा बेचने वाली महिला माफ़ करने की भीख मांगती रही लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट ने एक ना सुनी। महिला ने कहा हम गरीब है हमें माफ कर दीजिए लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट ने आर्थिक तंगी झेल रही महिला का 1000 का चलान भी काट दिया । सवाल यह उठ रहा है कि जब आप चालान काट रहे है तो आपको दुकान के सामान को नुकसान पहुंचाने,सामान को डकैतों की तरह से उठाकर ले जाने का किस कानून के तहत अधिकार मिला है ।










यही नही नगर मजिस्ट्रेट की टीम ने अंदर से दुकान बंद करके अपना हिसाब बना रहे आकाशदीप नामक दुकान से जबरिया शटर खोलकर डकैतों की तरह बैटरी नगर पालिका के कर्मचारी ईओ दिनेश विश्वकर्मा के निर्देश पर उठाकर गाड़ियों में भर रहे है, यह क्या है ? सामान दुकान के अंदर से उठाकर ले जाने का अधिकार किस कानून के तहत मिला है ?


जब पूरे देश मे लॉक डाउन था, तब भी दवा की दुकानों को खोलने का आदेश था लेकिन आज जब महानगरों में जहां कोरोना का खौफ है, वहां भी दवा की दुकानों को बन्द नही किया गया है लेकिन बलिया में दायें बाएं के नियम में इनको भी मात्र दो दो दिन खोलने की अनुमति दी गयी है और शनिवार रविवार को पूर्ण बंदी । हास्यास्पद स्थिति तब है जब दवा की होलसेल मंडी को रिटेल की दुकानों के खोलने के दिन नही बल्कि जब सारी दुकाने बन्द रह रही है उस दिन यानी शुक्रवार को खोलने की अनुमति है ।

सबसे हास्यास्पद तो होमियोपैथी की दवा को बेचने वालों की है क्योंकि ये सभी एक ही साइड में है जिससे ये दुकाने मात्र दो दिन ही खुल पा रही है ।

असल मे यह बलिया के राजनेताओ की चुप्पी के चलते अधिकारी यहां की जनता व व्यापारियों का शोषण व दोहन करने पर युद्ध स्तर पर लगे हुए है । जानवरो के खाने के लिये भूसा बेचने की दुकान पर लॉक डाउन का नियम सीएम योगी के उस आदेश की तौहीनी है जिसमे साफ कहा गया था कि आवश्यक वस्तुओं की बिक्री , जानवरो के खाने के सामानों की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नही होना चाहिये । यही नही सीएम योगी ने खेती बारी में प्रयोग होने वाले सामानों, खाद बीज की दुकानों को बन्द नही करने का आदेश दिया गया था लेकिन बलिया का जिला प्रशासन सबको बन्द कराकर भाजपा सरकार के खिलाफ जनमानस में आक्रोश पैदा करा रहा है ।

दरअसल बलिया का जिला प्रशासन कोरोना के बढ़ रहे बेतहाशा संक्रमण को रोकने में अपनी असफलता को गरीब दुकानदारों के माथे मढ़कर शासन में अपने आप को पाक साफ दर्शाना चाह रहा है जबकि संक्रमण रोकने में बलिया का जिला प्रशासन पूरी तरह फेल है । कोरोना संक्रमण रोकने में जिला प्रशासन कैसे फेल है इसका उदाहरण देकर समझाता हूं । दो घटनाये गुरुवार की है । पहली घटना बापू भवन टाउन हॉल में चल रहे सेम्पलिंग/कोरोना जांच केंद्र की है । यहां जांच में पॉजिटिव पाये गये मरीजो को चिकित्सको द्वारा पर्ची पर पॉजिटिव लिखने के बाद दवाएं लिखकर बाजार से खरीदने के लिये भेज दिये गये । जब मरीज दवा खरीदने के लिये दुकानों पर गये तो पर्ची देखते ही दुकानदारों में हड़कम्प मच जा रहा था क्योंकि पॉजिटिव मरीज स्वयं दवा खरीदने पहुंच रहे थे जिससे अन्य खरीदारों व पर्ची पकड़ने पैसा लेने पर दुकानदारों के भी संक्रमित होने का खतरा हो रहा था ।

  दूसरी घटना रसड़ा ब्लॉक पर लगे जांच कैम्प की है , जहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां सरेआम उड़ी, सैकड़ो लोगो की भीड़ एक दूसरे के ऊपर चढ़ी थी । अब इस भीड़ में कोई निगेटिव आएगा तो भी क्या गारंटी है कि वह कुछ दिन बाद पॉजिटिव नही हो जायेगा ? तस्वीरों को देखिये और जिला प्रशासन की कोरोना के प्रति तैयारियों का अंदाजा लगाइये --