नरही थानेदार की तानाशाही से भाजपा के युवा नेताओ और छात्र नेताओं ने खोला मोर्चा :निलंबित करने व गैर जनपद भेजने के लिये दिया पत्रक
बलिया ।। नरही थाने के थानेदार की तानाशाही रुकने का नाम नही ले रही है। जिसे लेकर आक्रोशित भाजपा नेता और छात्र नेताओं ने जिलाधिकारी और एसपी बलिया को नरही थानेदार के खिलाफ पत्रक दिया और थानेदार को निलंबित करके जिले से बाहर भेजने की मांग की है। दरअसल एक विवाद को लेकर थाने में भाजपा के युवा नेता अविनाश सिंह उर्फ अदालत मामले की जानकारी और पैरवी के लिए गए थे ,इस दौरान अदालत सिंह को थानेदार ज्ञानेश्वर मिश्र और नायब गोपाल प्रसाद मौर्य द्वारा मारने पीटने का आरोप लगाया गया है। अदालत सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन लोगो के द्वारा हमारे साथ मारपीट किया गया और जेब मे रखे 7200 सौ रुपया और मोबाइल भी छीन लिया गया। जिसके बाद किसी भी तरह मंत्री उपेंद्र तिवारी और राज्य सभा सांसद नीरज शेखर को सूचना दी गयी । सांसद नीरज शेखर के हस्तक्षेप पर नरही थाने से छोड़े जाने की बात कही।
इस मामले पर तमाम छात्र नेता और भाजपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है जिसे लेकर बलिया एसपी और डीएम को पत्रक के माध्यम से नरही थाने की इस घटना से अवगत कराते हुए थानेदार ज्ञानेश्वर मिश्र को सस्पेंड करने और जिले से बाहर भेजने की मांग किया। आप को बताते चले कि ज्ञानेश्वर मिश्र हमेशा ही विवादों में होते है। इन्हें विवादित और तानाशाह थानेदार के नाम से बलिया में जाना जाता है। इससे पहले रसड़ा कोतवाली के अपने कार्यकाल में भी काफी चर्चित रहे है और तब तत्कालीन कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर का भी फोन नही उठाने के कारण, ओमप्रकाश राजभर द्वारा कोतवाली रसड़ा का घेराव किया गया था ।
वैसे प्रशासनिक अमले में बड़े अधिकारी का वरद हस्त प्राप्त होने की चर्चा है ,यही कारण है कि ये बड़े नेताओ की भी बातों को काटने के बावजूद भी थाने पर जमे रहते है । वैसे यह कल्चर पिछली सरकारों का था लेकिन श्री मिश्र इसको योगी सरकार में भी चलाने में माहिर है ।