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साथ जिये, साथ मरे :नव दम्पति ने एक साथ छोड़ी दुनिया,सब की आंखे हुई नम



मैनपुरी।। साथ जियेंगे साथ मरेंगे वाला यह फिल्मी गीत जरूर है लेकिन यह मैनपुरी में एक दम्पति ने चरितार्थ भी कर दिया है । यही नही शादी के समय पर सात फेरे लेते समय जीवनभर साथ निभाने का वादा सभी दंपति के द्वारा किया जाता है लेकिन एक दंपति ऐसा भी दिखा है जिन्होने जीवनभर साथ रहने के अलावा मरने के समय भी एक दूसरे का साथ नही छोड़ा। सड़क दुर्घटना में घायल हुए दंपति ने शनिवार को एक साथ ही सैफई में ईलाज के दौरान एक साथ ही दुनिया को अलविदा कह दिया। परिजनों ने भी इनका अंतिम संस्कार भी एक चिता पर किया। चिता पर  दुल्हन शादी के जोड़े में थी। अंतिम संस्कार के समय हर ऑख नम थी।

जनपद के इतिहास में दर्ज होने वाला यह मामला दन्नाहार क्षेत्र के ग्राम गांगसी का है। जहां के रहने वाले रामचन्द्र के पुत्र हंसराज की मीरा के साथ तीन महीने पहले ही शादी हुई थी। कुछ दिन पहले सड़क दुर्घटना में दोनो घायल हो गए थें। जिनका ईलाज मिनी पीजीआई सैफई में चल रहा था। शनिवार को दंपति की ईलाज के दौरान मौत हो गई। 

पति पत्नी का शव जब गांव पहुंचा तो  गांव के लोगो के पास कुछ भी कहने के लिए शव्द नही थें। गांव में हर आंख नम थी। हंसराज और मीरा ने आखिरी सफर पर भी एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। जिनकी अर्थी एक साथ उठी। परिजनों ने मीरा को दुल्हन को शादी के जोड़े में पति के साथ से दुनिया से विदा किया गया। गांगसी गांव के बाहर ही दोनो का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार का बक्त दिल को झकझोर देने वाला था ।