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भाजपा की वर्तमान केंद्र व राज्य सरकार जैसी श्रम विरोधी, रोजगार विरोधी और किसान विरोधी निष्ठुर और निर्मम सरकार मैंने 48 साल में कभी नही देखी : रामगोविंद चौधरी



 घर वापस आ रहे श्रमिकों को प्रवासी नहीं, मेहनतकश भाई समझकर मदद करें - रामगोविन्द चौधरी
लखनऊ ।। 48 साल के सार्वजनिक जीवन में  इतनी श्रम विरोधी, रोजगार विरोधी और किसान विरोधी निष्ठुर और निर्मम सरकार मैंने कभी नहीं देखी, यह कहना है यूपी विधान सभा मे नेता नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी का । श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कन्नौज की पूर्व सांसद श्रीमती डिम्पल यादव की भावनाओं को समझें और घर वापस आ रहे श्रमिकों की हर हाल में मदद करें। उन्होंने कहा है कि ये श्रमिक प्रवासी नहीं, इसी सूबे के निवासी हैं और हम सभी लोगों के मेहनतकश भाई हैं। इनकी मदद भी भाई की तरह ही होनी चाहिए।

रविवार को जारी ऑनलाइन प्रेस नोट में नेता प्रतिपक्ष, उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि घर वापस हो रहे श्रमिकों के साथ भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार शुरू से ही दुश्मन जैसा व्यवहार कर रही है। अचानक और अनियोजित लाकबन्दी से रोजी रोटी समाप्त होने की पीड़ा को छोड़िए, दोनों सरकारें इन्हें सकुशल घर भी नहीं पहुँचने दे रही हैं। उन्होंने कहा है कि कई सैकड़ा श्रमिकों की मौत के बाद भारत सरकार और राज्य सरकारों की देखरेख में श्रमिकों को घर पहुँचाने के लिए जो ट्रेन चल रही है, उसकी हालत यह है कि वह मुम्बई से चलती है यूपी के गोरखपुर के लिए और पहुँच जा रही है, उड़ीसा के राउरकेला। इधर यूपी में जला देना वाली धूप में भी मेहनतकश श्रमिक पैदल, सायकिल या किसी अन्य सवारी से अपने घर की ओर बढ़ रहे हैं तो यूपी सरकार की पुलिस उन्हें जगह जगह बेरहमी से पीट रही है।

नेता प्रतिपक्ष, उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि 1972 से सार्वजनिक जीवन में हूँ। 1974 के जेपी आंदोलन से संघर्ष की राजनीति में हूँ। 48 साल के सार्वजनिक जीवन की इस लम्बी अवधि में मैंने कभी नहीं सुना कि कोई रेलगाड़ी मुम्बई से चले यूपी के गोरखपुर के लिए और पहुँच जाए उड़ीसा के राउरकेला।
उन्होंने कहा है कि मैंने यह भी कभी नहीं सुना कि समस्या मुख्यमन्त्री के संज्ञान में होने के बाद भी लगातार बढ़ती रहे। यही नहीं, पुलिस श्रमिकों और आम लोगों को लगातार अपमानित कर रही है और बर्बर तरीके से सरेआम पीट रही है। श्रमिकों और आम लोगों के मामलों में यह रुला देने वाली स्थिति भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के माथे पर एक ऐसे कलंक की तरह है जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष, उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि इस तरह की जनविरोधी, श्रमिक विरोधी, किसान विरोधी, रोजगार विरोधी, दलित विरोधी, पिछड़ा विरोधी, अतिपिछड़ा विरोधी, मुसलमान विरोधी, छात्र और नवजवान विरोधी सरकार देखने की बात छोड़िए, मैंने सुना भी नहीं है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की निकम्मी सरकार को एक क्षण के लिए सरकार में बने रहने का नैतिक अधिकार नही है।

नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने रोड़ा नहीं अटकाया होता तो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ही इन श्रमिकों को कब का घर पहुंचा चुके होते। सरकार के असहयोग के बाद भी सपाई लोगों की मदद के लिए जूझ रहे हैं। फिर भी स्थिति इतनी विषम है कि कन्नौज की पूर्व सांसद श्रीमती डिम्पल यादव चिलचिलाती धूप में अपनी बेटी के साथ सड़क पर घर वापस हो रहे श्रमिकों को खुद दाना पानी दे रहीं हैं और सरकारी मदद तथा उसके अमले का दूर दूर तक पता नहीं है।

पहले से ही श्रमिकों की सेवा में लगे सपा के साथियों से नेता प्रतिपक्ष उत्तर प्रदेश रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि सभी सपाई  अखिलेश यादव और  श्रीमती डिम्पल यादव की सेवा भावना का अनुशरण करें और श्रमिकों को घर पहुँचाने तथा उनका भरणपोषण सुनिश्चित करने में अपनी पूरी ताकत लगा दें। इसके लिए एफआईआर को छोड़िए, जेल जाने की भी जरूरत पड़े तो जेल जाने के लिए तैयार रहें।