Breaking News

कोरोना संक्रमणकाल में एक ही लक्ष्य - अपने को सुरक्षित रखने के साथ अपने आसपास के लोगो को भी सुरक्षित रखना,परिवार से पहले फर्ज : डॉक्टर सिद्धार्थमणि दुबे

कोरोना संक्रमणकाल में एक ही लक्ष्य - अपने को सुरक्षित रखने के साथ अपने आसपास के लोगो को भी सुरक्षित रखना,परिवार से पहले फर्ज : डॉक्टर सिद्धार्थमणि दुबे
मधुसूदन सिंह

बलिया 23 अप्रैल 2020 ।। अगर अपने आप को खतरे में डालते हुए सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कैसे किया जाता है ,अगर किसी को सीखना है या देखना है तो इस कोरोना महामारी के काल मे सरकारी डॉक्टरों को सिर्फ देख भर ले । जिन डॉक्टरों से इलाज कराने में अपनी लोग हेठी समझते थे आज वही लोगो और यमराज (कोरोना) के बीच ढाल बनकर योद्धाओं की तरह लड़ रहे हैऔर जिन प्राइवेट डॉक्टरों से इलाज कराने को लोग अपना स्टेटस सिंबल समझते थे , वो प्राइवेट डॉक्टर आज अपना दरवाजा बंद करके सेल्फ क्वारंटाइन होकर परिवार के साथ मजे ले रहे ,इस कोरोना से लड़ नही रहे है बल्कि राजनेताओ जैसे (पीएम सीएम व कुछ और को छोड़कर) कायरों की तरह छुपे बैठे है । आज यही सरकारी डॉक्टर कोरोना के कारण आने वाली मौत से रोगियों को बचाने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए है । इसी कारण से वैश्विक महामारी कोरोना से जंग लड़ रहे इन योद्धाओं के जज्बे को पूरा देश सलाम कर रहा है। इन योद्धाओं का पूर देश हौसला आफजाई कर उन्हें सलाम कर रहा है ।बलिया जनपद के डॉक्टर्स भी इस कोरोना वायरस के बलिया में प्रवेश को रोकने के लिये चीन की दीवार की तरह  संकल्प के साथ खड़े है और इसको खत्म करने के मिशन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं ।ऐसे ही योद्धाओं में से एक है  जिला महिला चिकित्सालय स्थित प्रसोत्तर केंद्र (पी पी सेंटर )में कार्यरत नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ मणि दुबे  ।जो कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम व निगरानी के लिए बनी सर्विलांस मैनेजमेंट टीम में पिछले एक माह से कार्य कर रहे हैं । ये इतनी बड़ी जिम्मेदारी के साथ ही बीमार नवजात शिशुओं को चिकित्सकीय परामर्श प्रतिदिन देना नही भूलते हैं। पिछले एक माह से सुबह 8 बजे से रात को 1 बजे तक अपने इस कठिन दायित्व का निर्वहन करने के बाद वापस घर लौटने के बाद वह खुद को सेल्फ आइसोलेट करना नही भूलते  हैं । यही नही डॉ दुबे  पिछले एक माह से परिवार से अलग रह रहे हैं। इनका ढाई साल का बेटा है जो हर रोज पूंछता है पापा घर कब आएंगे। क्योकि डॉ सिद्धार्थ ने अपने पेशे के खतरे को भांपते हुए और अनजाने में ही स्वयं के द्वारा परिवार के किसी को संक्रमित न कर दे ,पत्नी व बच्चे को ससुराल छोड़े हुए है । इनका कहना है कि हम डॉक्टरों के लिये  परिवार से पहले फर्ज है। जिसे वह पूरी शिद्दत से पूरा कर रहे हैं। इस महामारी में परिवार से दूर रहना मजबूरी है। डॉ दुबे का स्पष्ट कहना है कि इस बीमारी से सिर्फ अपने को ही नही बचाना है बल्कि अपनो को और अपने आसपास के लोगो को भी बचाना है । डॉक्टरों की इसी सोच व जज्बे के कारण हिंदुस्तान में धरती का भगवान बोलते है । और हम लोग है कि धरती के भगवानों के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है, फिजिकल डिस्टेंसिंग को मजाक समझ रहे है ,कोरोना को हल्के में ले रहे है जबकि इसकी घातकता को जानने वाले डॉक्टर अपने सबसे अजीजों से दूरी बनाकर रह रहे है ।





बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील

कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत




यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है

डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए











एक अपील 
जनपद में यदि कोई बच्चा कोरोना  लॉक डाउन के कारण भूँख या अन्य किसी कारण से संकट में है तो हमारे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर 24x7 फोन करें। हमारी चाइल्डलाइन परिवार के साथी संकट की इस घड़ी में भोजन, दवा आदि से बच्चों की हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प हैं। 
निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098