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घोसी मऊ : प्रतियोगिताओं से होता है विद्यार्थियों का समग्र विकास,जीत हार के नही है मायने,सम्मिलित होना ही होती है बड़ी बात - डा० गणेश पाठक


प्रतियोगिताओं से होता है विद्यार्थियों का समग्र विकास,जीत हार के नही है मायने,सम्मिलित होना ही होती है बड़ी बात  - डा० गणेश पाठक
डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट






घोसी मऊ 21 फरवरी 2020 ।। सर्वोदय पी० जी० कालेज घोसी, मऊ में प्रतिवर्ष की भाँति ही इस वर्ष भी गुरुवार को वार्षिकोत्सव तथा पुरस्कार / सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डी० सी० एस० के० पी० जी० कालेज मऊ के प्राचार्य डा० ए० के० मिश्रा एवं विशिष्ट अतिथि अमरनाथ मिश्र पी० जी० कालेज दूबेछपरा के पूर्व प्राचार्य पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक एवं कुँवर सिंह पी० जी० कालेज बलिया के पूर्व प्राचार्य डा० अंजनी कुमार सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डा० करूणानिधान पाण्डेय ने किया , जबकि संचालन डा० वंदना पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र पर  माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर अतिथियों द्वारा किया गया।
       गोष्ठी को संबोधित करते हुए डा० गणेश कुमार पाठक ने कहा कि विद्यालय एवं महाविद्यालय विद्यार्थियों के समग्र विकास के ऐसे पवित्र स्थान होते हैं, जहाँ शिक्षा के साथ साथ उनके शारीरिक, बौद्दिक, चारित्रिक एवं नैतिक विकास का भी विशेष ध्यान दिया जाता है और यह कार्य शिक्षक पाठ्येतर कार्यक्रमों जैसे- खेलकूद प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता, निबन्ध प्रतियोगिता , भाषण प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता आदि को क्रियान्वित कर करते हैं, जिससे उनका समग्र विकास होता है। डा० पाठक ने कहा कि प्रतियोगिता में जीत हार से महत्वपूर्ण भाग लेना होता है । खेल में कोई जीतता है और कोई हारता है यह खेल का अभिन्न अंग है । खेल में हारने वालों को कभी निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि हार से प्रेरणा लेते हुए पुनः सफलता प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। डा० पाठक ने कहा कि शिक्षा ग्रहण कर विद्यार्थी अपने जीवन पथ पर अग्रसर होने हेतु जहाँ भी जायें ,उन्हें अपने आचार, विचार, व्यवहार, अनुशासन एवं चरित्र द्वारा ऐसी छाप छोड़नी चाहिए कि उसकी मिशाल दी जाय। इससे न केवल उनका, बल्कि उनके परिवार का, समाज का एवं महाविद्यालय की भी प्रशंशा होती है और उन्हें मान - सम्मान प्राप्त होता है।
        बतौर मुख्य अतिथि डा० ए० के० मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को अनुशासन में रहते हुए ऐसा कार्य करना चाहिए कि न केवल स्वयं का, बल्कि परिवार , समाज एवं राष्ट्र का विकास हो । डा० अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में समाज में सामन्जस्य, सहयोग ,सद्भावना एवं एकता स्थापित करने में विद्यार्थियों को अहम भूमिका निभानी होगी।
       अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महविद्यालय के प्राचार्य डा० करूणा निधान उपाध्याय ने विद्यार्थियों का आवाहन करते हुए कहा कि विद्यार्थी ही शिक्षा ग्रहण करने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ प्रदान कर एवं अनुशासित रह कर देश नमन र्माण में अहम् भूमिकि निभानी होगी।
         कार्यक्रम में सभी विजेता प्रतियोगियों को तिथियों के हाथों पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। साथ ही साथ सभी अतिथियों को अंगवस्त्रम् से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं छात्र- छात्राएँ उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में डा० ए० एन० ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।