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गोरखपुर : आरक्षण हमारा हक अधिकार है डॉ संजय कुमार निषाद

गोरखपुर : आरक्षण हमारा हक अधिकार है डॉ संजय कुमार निषाद
ए कुमार




गोरखपुर 3 फरवरी 2020 ।। आज केंद्रीय कार्यालय निषाद पार्टी पादरी बाजार गोरखपुर पर बैठक का आयोजन हुआ निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय डॉ संजय कुमार निषाद ने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा की आरक्षण हमारा हक अधिकार है । हम केवट,मल्लाह,बिंद,निषाद,
कश्यप ,कहार, रैकवार,बाथम,सोरहिया, खुलवट ,बढ़ाई,लोहार,भर,राजभर, धीमर,तेली, तमोली आदि सभी जातियों का हिस्सा कब लिखा गया? 1950 में संविधान शब्द में सम का मतलब समान विधान का मतलब कानून भारतीय संविधान का अर्थ समान कानून सबका हिस्सा आरक्षण से स्वास्थ्य शिक्षा रोजगार व्यापार उद्योग राजनीति में सामान्य बराबर संविधान से अन्य समाज का हिस्सा मिला कि नहीं मिला एक दिन हमारा हिस्सा भी हमें मिलेगा पर उसके लिए समाज एकजुट हो निषाद बाहुल्य सीटों से  चुनाव लड़ अपने सांसद व विधायक बनाएं जो दिल्ली व लखनऊ में आपकी हिस्से की बात कर सकें हमारे समाज के सांसद प्रवीण निषाद जी लोकसभा में इस प्रश्न को तीन बार उठाया की मझवार आरक्षण लागू होना चाहिए पर इस पर सन्तोषजनक परिणाम नहीं मिला इसका मतलब अब एक सांसद नहीं बल्कि समाज को और सांसद और विधायक बनाने पड़ेंगे जो आप की वकालत दिल्ली में करें और आपके हक हिस्से की लड़ाई लड़े निषाद पार्टी जब से बनी है जिसका मूल उद्देश्य मझवार आरक्षण को लागू कराना है । जिसमें हम सफल हो रहे हैं ।पर अभी भी कई जगहों पर समाज संगठित नहीं है । समाज को संगठित करने की जिम्मेवारी निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों के ऊपर बनती  है। परिश्रम शुरुआती दौर के लिए होता है पर बाद में परिश्रम का फल जीवन भर आपको मिलेगा।
अगले संबोधन में निषाद पार्टी प्रदेश प्रभारी सरवन निषाद ने कहा कि आज हमें सामाजिक ऋण चुकाने की आवश्यकता है ।क्योंकि समाज का ऋण हम सभी पढ़े लिखे लोगों के कंधे पर है।समाज को जागरूक कर के सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक व राजनैतिक तत्वों से समाज को ताकतवर होने के प्रति सचेत रहने का आह्वान किया ताकि समाज को उसका हक मान सम्मान रोटी कपड़ा और मकान मिल सके।।
बैठक में उपस्थिति गण जिला अध्यक्ष जगदीश  निषाद जिला प्रभारी महेंद्र  निषाद समाजसेवी सत्यनारायण  निषाद जयप्रकाश निषाद मुनीब निषाद मोहित निषाद, महिला मोर्चा मालती निषाद आरती निषाद गीता गुंजा वह अन्य लोग उपस्थित थे।