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शाहजहांपुर जहां अन्नदाताओं को बिना घूस दिये नही मिलता है स्टोर से ट्रांसफार्मर व पोल, 2018 से भटक रहा है किसान,क्या यही है भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन ?

शाहजहांपुर जहां अन्नदाताओं को बिना घूस दिये नही मिलता है स्टोर से ट्रांसफार्मर व पोल, 2018 से भटक रहा है किसान,क्या यही है भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन ?
 ए कुमार

शाहजहाँपुर 6 फरवरी 2020 ।।किसानों की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं उन्हें अपनी खेती किसानी के लिए तरह-तरह की मुसीबतों से जूझना पड़ रहा है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के किसान परेशान नजर आते हैं। 2018 से
किसान इस्टीमेट के अनुसार पैसा जमाकर करके दौड़ रहा है लेकिन आजतक कनेक्शन नही मिला , जबकि सरकार का दावा है कि 24 घण्टे में बिगड़े ट्रांसफार्मर बदल दिये जा रहे है तो फिर नया लगाने में इतने साल क्यो लग रहे है ? इसका जबाब देने वाला कोई नही है । चिनौर रोड पर विद्युत निगम का स्टोर है। जिसमे स्टोर इंचार्ज के पद पर विश्वजीत तैनात है।जो कि बिना दलाल के माध्यम के किसी भी किसान को ट्रांसफार्मर और अन्य ट्यूबबेल का सामान नही देते है।
स्टोर में ट्रांसफार्मर रखे होने के बावजूद किसान इनके लिए चक्कर काटने को मजबूर हैं। वरीयता सूची में नाम होने के बाद भी उन्हें ट्रांसफार्मर नहीं मिल पा रहे हैं। लेकिन ठेकेदार व दलालों के चक्कर में जो आ जाता है उसे ट्रांसफार्मर तत्काल मिल जाता है।

इनके स्टीमेट के अनुसार जॉब कार्ड बनाकर उपभोक्ताओं से संयोजन राशि जमा कराने के बाद सूची विद्युत स्टोर में सामान वितरण के लिए पहुंचा दी जाती है। जहां स्टोर में किसान उपभोक्ताओं को संयोजन जारी होने पर विद्युत ट्रांसफार्मर, पोल, खंभा, तार, इंसुलेटर की विद्युत सामग्री उपलब्ध कराया जाता है।
मदनापुर ब्लाक के गॉव प्रतापपुर लक्ष्मी निवासी हृदय कुमार  ने अक्टूबर 2018 को सामान्य योजना के तहत सिंचाई के लिए ट्यूबबेल के कनेक्शन लिए आवेदन किया था। इस्टीमेट के रुपये भी जमा कर दिए थे। लेकिन उन्हें पोल, तार व ट्रांसफार्मर नहीं मिल पा रहा है। जबकि स्टोर में ट्रांसफार्मरों की कमी नहीं है। और उनका नम्बर आ चुका है लेकिन स्टोर इंचार्ज को घूस न मिलने पर वह लगातार स्टोर के चक्कर कटवा रहा है।

शिकायत के बाबजूद नही मिला ट्रांसफार्मर

वह कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। स्टोर इंचार्ज का स्पष्ट कहना है कि ऊपर तक रुपया देना पड़ता है।स्टोर इंचार्ज ने सभी ब्लाकों में अपने दलाल लगा रखे है।जो कि जरूरतमंद किसानों को अपने जाल में फंसाते रहते हैं। जो उनके जाल में फंस जाता है। उन्हें जल्द ट्रांसफार्मर व अन्य सामान मिल जाता है। जो जाल में नहीं फंसता वह स्टोर के चक्कर काटता रहता है।

अधिकारी भी इस खेल में होते है शामिल, नलकूप के लिए विद्युत कनेक्शन देने और लाइन के लिए स्टोर से सामान उठवाने में बड़ा खेल होता है। इसमें ठेकेदार और दलालों के साथ अधिकारी भी शामिल होते हैं। दलालों के जरिये काम कराने के बाद किसान को चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। ट्रांसफार्मर के लिए महीनों से चक्कर काट रहे किसानों ने बताया कि  जिम्मेदार अधिकारी दलालों में माध्यम से  पांच हजार रुपये अतिरिक्त मांग कर रहे हैं। रुपये न देने से उन्हें परेशान किया जा रहा है।