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बलिया : ठंड में नवजात शिशुओं के लिये रामबाण होती है कंगारू मदर केयर विधि,ठंड में नवजात को निमोनिया एवं कोल्डडायरिया होने की रहती है आशंका : डॉ सिद्धार्थमणि दुबे

ठंड में नवजात शिशुओं के लिये रामबाण होती है कंगारू मदर केयर विधि,ठंड में नवजात को निमोनिया एवं कोल्डडायरिया होने की रहती है आशंका : डॉ सिद्धार्थमणि दुबे 

बलिया , 17 जनवरी 2020 ।। कड़ाके की चल रही इस सर्दी के मौसम में नवजात शिशुओं को लेकर परिजनों परेशान रहते है, वही माताओं का तो सारा ध्यान इसी बात पर लगा रहता है कि कैसे नवजात को सर्दी से बचाया जाए । इस परेशानी को काफी हद तक दूर करने के लिये पीपीसी सेंटर (महिला अस्पताल) बलिया के नवजात शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ सिद्धार्थमणि दुबे ने कंगारू मदर केयर विधि को अपनाने की सलाह दी है । साथ ही यह भी बताया कि कड़ाके की ठंड में नवजातों एवं बच्चों में भी तेजी से सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि का असर देखने को मिल रहा है। वहीं निमोनिया के साथ ही बच्चों में ठंड के कारण कोल्ड डायरिया भी हो रहा है। प्रतिदिन 70 से 80 नवजातों एवं बच्चों में इन बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में नवजातों एवं बच्चों का विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है। यह जानकारी प्रसवोत्तर सेंटर जिला महिला चिकित्सालय में तैनात नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ मणि दुबे ने दी।
          डॉ एसएम दुबे ने बताया कि निमोनिया से शिशुओं के सीने में जकड़न, बुखार, गले में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। शिशुओं को पहले सर्दी, जुकाम, गले में खरास आदि होने के एक दिन बाद सांस का तेज गति से चलना, नाक का फड़फड़ाना, बदन का नीला पड़ना, शरीर एवं पेट में दर्द होना, बेचैनी आदि लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं। उन्होने अभिभावकों को कमरे का तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस रखने की सलाह दी। इस ठंड के मौसम में बच्चों को ठंड से बचाने के लिए घर से बाहर न निकलने दें। गर्म कपड़े में लपेटकर रखें, हाथ-पैरों में दस्ताने और मोजे व सिर पर टोपी पहनकर रखें, जितना हो सके बच्चे के शरीर को ढककर रखें, बच्चे के साथ ही मां भी गर्म कपड़े का प्रयोग करें, बच्चे को पिलाने वाले दूध को गुनगुना कर दूध पिलाएँ, जन्म से छह माह तक बच्चों में सिर्फ स्तनपान जारी रखें। मां के स्पर्श में रहने से बच्चा ठंड के मौसम में सुरक्षित और स्वस्थ रहता है साथ ही उसको गर्माहट भी मिलती रहती है। नवजात शिशु में गर्म होने की क्षमता कम होती है क्योंकि इनमें वसा की मात्रा कम होती है। इसलिए विशेषज्ञ और चिकित्सक भी ठंड के मौसम में कंगारू मदर केयर की सलाह देते हैं।
कंगारू मदर केयर  विधि  कारगर
         डॉ सिद्धार्थ मणि दुबे ने बताया कि जैसे कंगारु अपने बच्चे को गर्माहट देकर उसकी आधी तकलीफ़े दूर करता है, ठीक ऐसे ही मां अपने नवजात को अपनी छाती से चिपकाकर उसे गर्माहट देती है जिससे बच्चे का तापमान सामान्य रहता है और कई समस्याएं खुद ही हल हो जाती है। ऐसा करने से माँ की सीने की गति और सांसो से बच्चे को गर्माहट मिलती है। मां के हार्मोन सक्रिय  रहते हैं जिससे मां भरपूर स्तनपान करा पाती है। यह विधि घर का कोई भी वयस्क सदस्य कर सकता है। यह विधि उन नवजात शिशुओ के लिये कारगर है जो 28 सप्ताह से कम या कम वजन के पैदा होते है। इस विधि में  माता को (किसी भी वयस्क सदस्य) की  अर्ध लेटी अवस्था में  दिन में चार पांच बार 30 मिनट से 2 घंटे प्रति सत्र किया जा सकता है। उन्होने बताया कि मां को खासी, जुकाम है तो माँ मुँह पर कपड़ा रख कर स्तनपान कराएं एवं अपना समुचित इलाज कराएं। ठंड में छोटे बच्चे को प्रतिदिन स्नान कराना जरूरी नहीं है उसको गर्म पानी युक्त गीले कपड़े से पोछें।