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बलिया : हस्ताक्षर की दूसरी गोष्ठी में दो युवा रचनाकारों ने किया काव्य पाठ ,समीर पांडेय व कादम्बिनी सिंह की कविताओं को सुन झूमे श्रोता

बलिया :  हस्ताक्षर की दूसरी गोष्ठी में दो युवा रचनाकारों ने किया काव्य पाठ ,समीर पांडेय व कादम्बिनी सिंह की कविताओं को सुन झूमे श्रोता
डॉ सुनील ओझा


बलिया 8 दिसंबर 2019 ।। भैरव प्रसाद गुप्त साहित्यिक मंच के तत्वावधान में होने वाले 'हस्ताक्षर' कार्यक्रम के तहत आज दूसरी गोष्ठी आयोजित की गयी । इस बार की गोष्ठी में बलिया के दो युवा रचनाकार समीर पांडेय और कादम्बिनी सिंह आमंत्रित थे। ध्यान रहे कि यह गोष्ठी प्रतिमाह दूसरे रविवार को आयोजित की जाती है ।

गोष्ठी के पहले सत्र में युवा कवि समीर पांडेय ने जिन कविताओं का पाठ किया, उनमें लकीरें, मेरी भाषा, मैल, अव्यय, बड़ा होना, असाधारण, झुकना, सजा, साहस, विशेषण, कील और हाशिए की औरतें मुख्य थी । जबकि कादिम्बिनी सिंह ने कठपुतली, शिक्षक, कबीर, बच्चो के लिए, सितमगर और दोस्त जैसी कविताएं पढ़ीं ।

गोष्ठी के दूसरे सत्र में इन कविताओं पर एक परिचर्चा आयोजित की गई, जिसकी शुरुआत बलिया के युवा कवि श्वेतांक सिंह ने किया । उन्होंने समीर पांडेय की कविताओं को स्वाभाविक और सहज प्रस्फुटित होनी वाली कविताएं बताया । जबकि कादिम्बिनी की कविताओं और गजलों में रुमानियत कक चिन्हित किया । समीक्षक सुरेंद्र चौधरी ने समीर पांडेय की कविताओं को लोक से जोड़ा, और कादिम्बिनी की कविताओं में मौजूद सामाजिक सरोकार की सराहना की ।

सभा की अध्यक्षता करते हुए प्रो यशवंत सिंह ने कहा कि किसी भी नवोदित कवि की कविताओं में सकारात्मक बिंदु की तलाश जरूर होनी चाहिए । इस मामले में मुझे समीर पांडेय की कविता अव्यय और झुकना याद आती है ।  कादिम्बिनी सिंह की कविता कठपुतली की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी कविताओं में सिर्फ प्रचलित रुमानियत ही नही है, बल्कि ये कविताएं खास निहितार्थ से भी परिपूर्ण है ।

इस गोष्ठी में डा गणेश पाठक , डा राजेन्द्र भारती, रामजी तिवारी, शैलेन्द्र मिश्र और तेजनारायण जी जैसे अन्य साहित्यिक प्रेमियों ने भाग लिया । गोष्ठी का संचालन अजय पांडेय और आभार व्यक्त संजय वर्मा ने किया ।