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रांची : अबकी बार सोरेन सरकार ,हेमंत सोरेन का बड़ा बयान - दिल्ली की रखैल थी रघुवर सरकार
रांची : अबकी बार सोरेन सरकार ,हेमंत सोरेन का बड़ा बयान - दिल्ली की रखैल थी रघुवर सरकार
अबकी बार सोरेन सरकार ,हेमंत सोरेन का बड़ा बयान - दिल्ली की रखैल थी रघुवर सरकार
रांची 23 दिसम्बर 2019 ।। विधान सभा चुनाव में भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद झारखंड के अगले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक निजी समाचार चैनल को दिये गये साक्षात्कार में रघुवरदास की झारखंडसरकार को केंद की रखैल कहा है । श्री सोरेन ने कहा कि मुझे नही लगा कि पूरे पांच साल झारखंड में सरकार रही है, रघुवरदास सरकार तो केंद्र सरकार की रखैल की तरह ही चलती रही । यह जबाब तब दिया जब पूंछा गया कि क्या आपको भरोसा था कि रघुबरदास सरकार को हटा देंगे । कब सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे के जबाब में कहा कि अपने सहयोगी दलों से विचार विमर्श के बाद तिथि घोषित की जायेगी ।
इससे पहले आज आये झारखंड विधान सभा चुनाव के परिणाम सभी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियों को झुठलाकर रख दिया ।आज का परिणाम अभूतपूर्व जनादेश और बदलाव की लहर का साक्षी बना । इसमें दिग्गजों के सारे आंकड़े और आकलन ध्वस्त हो गए। सूबे की जनता ने हेमंत के वादों पर इतना भरोसा जताया कि विपक्षी गठबंधन को बहुमत का जनादेश दे दिया। गठबंधन को बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए, जनता ने झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को 43 सीटें दे दी।
झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश मिला है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने की तैय़ारी की जा रही है। झामुमो ने 30 सीटें हासिल कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। कांग्रेस को 15 और राजद की एक सीटों को मिलाकर विपक्षी गठबंधन के पास कुल 46 सीटें हैं। इसके साथ ही झामुमो ने प्रदेश में सरकार बनाने के जादुई आंकड़े 41 को पार कर लिया है। सत्तारूढ़ भाजपा 37 से 26 सीटों पर सिमट गई है।
सुबह में दस बजे के बाद मतगणना के शुरुआती रुझान के साथ ही प्रदेश में हर ओर कमल मुरझाने के नजारे दिखाई देने लगे। बदलाव की बयार ऐसी बही कि 65 पार का दावा करने वाली भाजपा ताश के पत्ते की तरह उड़ गई। जनता ने केसरिया ब्रिगेड को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पिछली बार से नौ सीटें कम लाकर मुख्यमंत्री रघुवर दास पार्टी की प्रतिष्ठा बचाने में भी कामयाब नहीं रहे। सत्ता साझीदार होने पर भी भाजपा के साथ बिना गठबंधन के चुनाव लड़ रही आजसू को भी करारा झटका लगा है। 2014 में पांच सीटों पर जीतने वाली आजसू इस बार महज दो सीटों पर सिमट गई।
प्रदेश में चली बदलाव की लहर की मार मुख्यमंत्री रघुवर दास पर भी जमशेदपुर पूर्व सीट से करारी हार के रूप में पड़ी है। रघुवर सरकार के मंत्री राज पलिवार मधुपुर से और लोईस मरांडी दुमका से चुनाव हार गए हैं। विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव को भी झामुमो के हाथों अपनी सिसई सीट गंवानी पड़ी है। रघुवर सरकार में आजसू कोटे से मंत्री रामचंद्र सहिस भी जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को भी चक्रधरपुर में पराजित होना पड़ा है। लगातार चुनाव हार रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की विधानसभा में फिर से वापसी हो गई है।
भाजपा ने सबसे पहले खोला जीत का खाता
दोपहर तीन बजे के आस-पास तोरपा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार कोचे मुंडा ने जीत का पहला खाता खोला। इसके बाद खूंटी में भाजपा के नीलकंठ मुंडा की जीत की खबर आई। पहली दो जीत के बाद लगातार भाजपा की हार की खबर आती रही। प्रदेश में हर जगह विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवारों के जीत की खबर आने लगी। राज्यभर में झामुमो और कांग्रेस के समर्थक जश्न में डूब गए मिठाइयां बांटी जाने लगी और नई सरकार के कयास लगाए जाने लगे।
25 को विधानसभा गठन के आसार
25 दिसंबर को राज्यपाल की ओर से प्रदेश में विधानसभा गठन की अधिसूचना जारी करने के आसार हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनय कुमार चौबे ने बताया कि 24 दिसंबर को राज्यपाल को जीते हुए विधायकों की सूची सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से जीते हुए उम्मीदवारों की सूची राज्यपाल को सौंपने के साथ ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
ऐसे मिला जनमत
पार्टी 2014 2019
झामुमो 19 30
भाजपा 37 26
कांग्रेस 6 15
राजद 0 1
आजसू 5 2
झाविमो 8 3
माले 1 1
एनसीपी 0 1
निर्दलीय 5 2
बसपा 1 0
(साभार)
रांची : अबकी बार सोरेन सरकार ,हेमंत सोरेन का बड़ा बयान - दिल्ली की रखैल थी रघुवर सरकार
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
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December 23, 2019
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