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उन्नाव :बलात्कार मामले में विधायक कुलदीप सेंगर दोषी करार,कल सुनाई जाएगी सजा, जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर कोर्ट ने उठाये सवाल

उन्नाव :बलात्कार मामले में विधायक कुलदीप सेंगर दोषी करार,कल सुनाई जाएगी सजा, जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर कोर्ट ने उठाये सवाल

नईदिल्ली 16 दिसम्बर 2019 ।। दिल्ली की एक अदालत ने टिप्पणी की कि 2017 के उन्नाव दुष्कर्म मामले में जांच को 'पितृसत्तात्मक' सोच का सामना करना पड़ा और यह उन कई पाबंदियों और वर्जनाओं को दिखाता है जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में कई महिलाओं का पालन-पोषण किया जाता है।
अदालत ने भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के वकील को मुकदमे के दौरान बलात्कार पीड़िता के चरित्र की धज्जियां उड़ाने की कोशिश करने के लिए भी फटकार लगाई। अदालत ने सेंगर को 2017 में उन्नाव में लड़की से बलात्कार का दोषी करार दिया। घटना के समय लड़की नाबालिग थी।
जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने तीन अन्य लोगों द्वारा महिला के कथित सामूहिक दुष्कर्म के एक अलग मामले का जिक्र किया और कहा कि सेंगर के वकील ने बहुत ही शातिर तरीके से बलात्कार पीड़िता के चरित्र की धज्जियां उड़ाने की कोशिश करके एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश की।

सामूहिक दुष्कर्म का मामला बलात्कार के मामले से अलग है जिसमें सेंगर को सोमवार को दोषी करार दिया गया। सेंगर ने उन्नाव में चार जून 2017 को उससे बलात्कार किया था जबकि तीन अन्य लोगों ने 11 जून 2017 को उससे कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था। सामूहिक दुष्कर्म मामले में सुनवाई अभी यहां निचली अदालत में शुरू नहीं हुई है।
अदालत ने कहा कि बचाव पक्ष ने यह साबित करने की कोशिश करके दुष्कर्म मामले को प्रभावित करने की कोशिश की कि सामूहिक दुष्कर्म का पूरा मामला ढोंग है। अदालत ने यह भी कहा कि दुष्कर्म पीड़िता के परिवार में तीन और युवतियों को समाज में शर्मिंदगी, घृणा और अपमान सहना पड़ा।
अदालत ने कहा कि यह मामला शक्तिशाली लोगों द्वारा यौन हमले के मुद्दे की शिकायत करने के खिलाफ ग्रामीण इलाकों या कहीं ओर लड़कियों के मन में व्याप्त भय को दिखाता है। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा कि जांच कहीं न कहीं अपराध की पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के प्रति निष्पक्ष नहीं रही।