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कांटो भरा ताज है नरही(बलिया) की थानेदारी : खनन माफियाओं,पशु तस्करों, खाद्यान्न माफियाओ पर अंकुश लगाना ज्ञानेश्वर मिश्र की सबसे बड़ी जिम्मेदारी


कांटो भरा ताज है नरही(बलिया) की थानेदारी : खनन माफियाओं,पशु तस्करों, खाद्यान्न माफियाओ पर अंकुश लगाना ज्ञानेश्वर मिश्र की सबसे बड़ी जिम्मेदारी
मधुसूदन सिंह

बलिया 15 नवम्बर 2019 ।। नरही थाने की थानेदारी के सम्बंध में यही कहना --
ये इश्क़ नही आसां इतना ही समझ लीजै,
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है ।।
जी हां , यही सही है क्योंकि बिहार राज्य से सटा थाना क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र से गोवंशीय जानवरो की तस्करी,खनन माफियाओं की दबंगई, अवैध शराब की तस्करी,खाद्यान्न की तस्करी को रोकना सबसे बड़ी चुनौती होगी । यह ऐसा थाना क्षेत्र है जिसको कालिख की कोठरी भी कहते है । यह गोवंशीय जानवरो की तस्करी ,खनन माफियाओं के ऊपर पुलिस का खौफ न होंना और बलिया के खाद्यान्न को बक्सर पहुंचाने की मिलने वाली शिकायतों पर कार्यवाई न होने के कारण कहा जाता है ।
कौन सी पिछली समस्याएं है जिनकी अनदेखी पड़ सकती है पिछले थानेदारों जैसी भारी
नवागत प्रभारी निरीक्षक ज्ञानेश्वर मिश्र के सामने जो सबसे बड़ी समस्यां होगी वह एसडीएम सदर अश्वनी श्रीवास्तव द्वारा जब्त करके नरही थाने की सुपुर्दगी में सौपी गयी सफेद बालू को चुरा ले जाने वाले खनन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही सबसे बड़ी चुनौती होगी । वही इस क्षेत्र से बिहार को
सबसे ज्यादे अंग्रेजी शराब की तस्करी होती है उसको नियंत्रित
करना भी एक कठिन चुनौती है । साथ यूपी में गोवंश बध अधिनियम
के होने लेकिन बिहार में इस कानून के न होने से गोवंशीय जानवरो
की तस्करी का हब भी है यह क्षेत्र , इसको रोकना चुनौती पूर्ण है ।
साथ ही खाद्यान्न का बिहार में अवैध आवाजाही भी इस क्षेत्र से खूब
होती है , इसको भी रोकना कम चुनौती पूर्ण नही है । क्योंकि उपरोक्त
में विभागीय संलिप्तता को खत्म करना कम जोखिम वाला कार्य नही
है । इसी लिये तो कहता हूं -इक आग का दरिया है और डूब के जाना है ....



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