मनियर बलिया : मन मे निश्छल प्रेम ही करा सकता है राम की प्राप्ति , भक्तो के हृदय का प्रेम बन्धन ही भगवान को प्रेम पाश में बांधने में होता है सक्षम, रामहि केवल प्रेम पियारा, जानि लेहु जो जानहि हारा'
मन मे निश्छल प्रेम ही करा सकता है राम की प्राप्ति , भक्तो के हृदय का प्रेम बन्धन ही भगवान को प्रेम पाश में बांधने में होता है सक्षम, रामहि केवल प्रेम पियारा, जानि लेहु जो जानहि हारा'
मनियर बलिया 1 अक्टूबर 2019 ।।
रामहि केवल प्रेम पियारा, जानि लेहु जो जानहि हारा',
'हरि व्यापक सर्वत्र समाना, प्रेम से प्रकट होई मैं जाना'
अर्थात ईश्वर को हम चाहे छप्पन प्रकार का भोग लगाएं, चाहे इत्र व सुगंधित चंदन लगाएं, चाहे बहुमूल्य आभूषणों से सजाएं किन्तु अगर मन में निश्छल प्रेम नहीं है तो राम को न हम प्राप्त होंगे और न ही राम हमें प्राप्त होंगे। हमें अगर राम को प्राप्त करना है तो प्रेम को आधार बनाना होगा। प्रेम से अर्पित पुष्प भगवान को सहज ही स्वीकार है। ये बातें नगर पंचायत मनियर के देवरार स्थित माँ दुर्गा के सुप्रसिद्ध एवं भव्य मन्दिर में नव दिवसीय श्रीराम चरित मानस कथा का वाचन कर रहे पंडित श्री अरविन्द जी महाराज ने भक्तिमति शबरी के जीवन पर कही ।
कहा कि भगवान साधन-साध्य नहीं हैं। वे केवल प्रेम हैं। उन्होंने कथा को विस्तार देते हुए कहा कि भक्तों के हृदय का प्रेम बंधन ही भगवान को प्रेमपाश को बांधने में सक्षम है। लोगों को शांति के लिए शबरी के जीवन चरित्र को अपने में उतारने की जरूरत है । कहा कि अगर मन में निश्चल प्रेम नहीं है तो हमें राम प्राप्त नहीं होंगे ।अगर राम को प्राप्त करना है तो प्रेम को आधार बनाना होगा । सत्संग कि व्यख्या करते हुए कहा कि सत्संग का प्रभाव मानव जीवन की दिशा ही बदल देता है। संयम, धैर्य और शिष्टाचार सत्संग से मिलते हैं । कहा कि समाज में व्याप्त राग-द्वेष के कारण मनुष्य का मन भगवान से दूर होता चला जा रहा है क्योंकि प्रेम ही प्रभु शरण का मार्ग है । सदाचारी जीवन मानव की सफलता की सबसे बड़ी कुंजी । इस दौरान कथा के आयोजक पंडित बागेश्वर शुक्ला, संयोजक अविनाश शुक्ला, भृगुनाथ हाईस्कुल एवं समस्त श्रद्धालु ग्रामवासी उपस्थित हो कथा का श्रवण किया ।