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बलिया : विनाश को रोकना विकास के पथ पर अग्रसर होना :गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग की ,5 वर्षों से किये जाने वाले प्रयास के वावजूद सांसद विधायक मंत्री , प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता से संकट में है आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का पैतृक गांव ओझवलिया : सुशील द्विवेदी

बलिया : विनाश को रोकना , विकास के पथ पर अग्रसर होना ,गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग की  ,5वर्षों से सांसद विधायक मंत्री , प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता से संकट में है आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का पैतृक गांव ओझवलिया : सुशील द्विवेदी

दुबहड़(बलिया) । कहते है कि अगर विनाश रूक जाय तो विकास स्वतः होने लगता है । जब तक बाढ़ से बचाव का स्थायी समाधान नहीं होगा तब तक एनएच-31 के दक्षिण बसे गंगा किनारे के गांवों को बाढ़ की त्रासदी से मुक्ति मिलना मुश्किल है । गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (जेएफसीसी, पटना के पास लम्बे समय से पड़े 13 करोड़ के प्रस्ताव को यदि हरी झंडी मिल जाय तो देश के महान साहित्यकार आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के पैतृक गांव ओझवलिया समेत करीब एक दर्जन गांवों को बाढ़ की विभीषिका से हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति मिल जायेगी ।


 बता दे कि धरनीपुर से हल्दी तक का रिंग बांध जगह-जगह टूटे होने से मामूली बाढ़ आने पर भी इन गाँवों में पानी घुस जाता है और लोगों का जीवन नारकीय हो जाता है । यदि इस बंधे की मरम्मत हो जाय तो यह समस्या हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो जायेगी । धरनीपुर से हल्दी तक का करीब डेढ़ दशक पुराना यह बंधा टुकड़ों टुकड़ो  में है । बीच-बीच में बंधे का अस्तित्व खत्म हो चुका है ,लिहाजा ये गांव सुरक्षित नहीं रह गये है ।


 उक्त बातें सोमवार को आचार्य पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी स्मारक समिति ओझवलिया के सचिव सुशील कुमार द्विवेदी ने बलिया एक्सप्रेस के सम्पादक मधुसूदन सिंह के सामने राजनेताओ और प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा के चलते  बाढ़ में नारकीय जीवन जीने को मजबूर ग्रामीणों के  दर्द को रखा । उनका मानना है कि यदि यह बंधा बना दिया जाय तो ओझवलिया के साथ ही भड़सड़,भीमपट्टी,धरनीपुर,नेतलाल केछपरा,विशुनपुरा,बसरिकापुर,सुजानीपुर,रेपुरा,जवहीं नईबस्ती,नन्दपुर,बजरहां व हल्दी गांवों को बाढ़ से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जायेगी । कहा कि अब केंद्र व राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार है , इस लिये किसी भी प्रस्ताव को कार्यान्वित कराने अड़चन नही होनी चाहिये । शर्त यही है कि बलिया के सांसद मंत्री विधायक इसके लिये दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ प्रयास करके  उक्त परियोजना के प्रस्ताव को जेएफसीसी,पटना से संस्तुति कराकर निर्माण कार्य शुरू करा दे , जिसकी अभी कोई सूरत नही दिख रही है । यह इस लिये कह रहा हूँ कि बाढ़ के चलते टापू बन चुके आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के पैतृक गांव , सांसद आदर्श गांव ओझवलिया में राहत सामग्री देने तो दूर हालचाल लेने भी कोई नही आया है । कहा कि उक्त बंधे के निर्माण व मरम्मत के लिए मेरे द्वारा विगत् पांच वर्षों से बलिया के सांसद,विधायक,जिले के नोडल अधिकारी,जिलाधिकारी एवं कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तक को पत्रक देकर आग्रह किया गया किन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई । जिससे आज यह अर्धनिर्मित बंधा दर्जनों गाँवों के लिए जो कभी वरदान बना था अब अभिशाप व अनुपयोगी हो गया है ।
बंधा के निर्माण की बावत विभागीय अधिकारियों के अनुसार 12 करोड़ से अधिक की परियोजना के लिए 'बाढ़ नियंत्रण आयोग, पटना' से संस्तुति लेनी होती है । स्थानीय स्तर पर सारी कार्रवाई हो चुकी है । बंधे के लिए प्रस्ताव भेजा गया है इसकी अनुमति मिलते ही काम शुरू हो जायेगा ।


त्रिलोकपुर मठिया  (ओझवलिया ) में बाढ़ के कारण उसी बंधे पर 'मचान' लगाकर अपने खच्चरों/गदहों के साथ शरण लिए हुए छितेश्वर राम ।