सुखद : 54 साल बाद मां बनने की चाहत हुई पूरी, 74 साल की महिला ने जुड़वा बच्चों को दिया जन्म
सुखद : 54 साल बाद मां बनने की चाहत हुई पूरी, 74 साल की महिला ने जुड़वा बच्चों को दिया जन्म
ए कुमार
गुंटूर 6 सितम्बर 2019 ।।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर के अस्पताल में गुरुवार को एक 74 वर्षीय महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म देकर रिकॉर्ड बनाया है। मां बनने का पिछले पांच दशक से इंतजार कर रही 74 साल की मंगायम्मा ने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रक्रिया के जरिए गर्भ धारण किया था और चार डॉक्टरों की एक टीम ने ऑपरेशन किया। जिसके बाद उन्होंने गुरुवार को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। डॉक्टरों का मानना है कि यह नया विश्व रिकॉर्ड हो सकता है।
पूर्वी गोदावरी जिले के नेललापतीर्पाडू की रहने वाली मंगायम्मा शादी के 54 साल बाद भी बच्चे की मां नहीं बन सकती तो उसने अपने पति से किसी अस्पताल में आईवीएफ (इन व्रिटो फर्टिलाइजेशन) के जरिए बच्चा पैदा करने का फैसला किया।लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दोनों ने आईवीएफ का सहारा लेने का फैसला किया। पिछले साल के अंत में नर्सिंग होम में दोनों ने गुंटूर के आईवीएफ विशेषज्ञों से संपर्क किया और गुरुवार को जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।
कुछ दिनों पहले उनके एक पड़ोसी ने 55 साल की उम्र में इसी प्रक्रिया से बच्चे को जन्म दिया। तब मंगायम्मा के मन में भी उम्मीद की किरण जगी और उन्होंने IVF की प्रक्रिया को अपनाने का फैसला किया। इस क्रम में उन्होंने पिछले साल नवंबर में गुंटूर में डॉक्टर अरुणा से संपर्क किया जो पहले चंद्रबाबू कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री रह चुकी हैं। इस प्रक्रिया के जरिए मंगायम्मा जनवरी में गर्भवती हुईं। उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें पूरे 9 माह अस्पताल में ही रखा गया। इस दौरान डॉक्टरों ने उनकी पूरी देखभाल की।
ए कुमार
गुंटूर 6 सितम्बर 2019 ।।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर के अस्पताल में गुरुवार को एक 74 वर्षीय महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म देकर रिकॉर्ड बनाया है। मां बनने का पिछले पांच दशक से इंतजार कर रही 74 साल की मंगायम्मा ने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रक्रिया के जरिए गर्भ धारण किया था और चार डॉक्टरों की एक टीम ने ऑपरेशन किया। जिसके बाद उन्होंने गुरुवार को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। डॉक्टरों का मानना है कि यह नया विश्व रिकॉर्ड हो सकता है।
पूर्वी गोदावरी जिले के नेललापतीर्पाडू की रहने वाली मंगायम्मा शादी के 54 साल बाद भी बच्चे की मां नहीं बन सकती तो उसने अपने पति से किसी अस्पताल में आईवीएफ (इन व्रिटो फर्टिलाइजेशन) के जरिए बच्चा पैदा करने का फैसला किया।लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दोनों ने आईवीएफ का सहारा लेने का फैसला किया। पिछले साल के अंत में नर्सिंग होम में दोनों ने गुंटूर के आईवीएफ विशेषज्ञों से संपर्क किया और गुरुवार को जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।
कुछ दिनों पहले उनके एक पड़ोसी ने 55 साल की उम्र में इसी प्रक्रिया से बच्चे को जन्म दिया। तब मंगायम्मा के मन में भी उम्मीद की किरण जगी और उन्होंने IVF की प्रक्रिया को अपनाने का फैसला किया। इस क्रम में उन्होंने पिछले साल नवंबर में गुंटूर में डॉक्टर अरुणा से संपर्क किया जो पहले चंद्रबाबू कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री रह चुकी हैं। इस प्रक्रिया के जरिए मंगायम्मा जनवरी में गर्भवती हुईं। उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें पूरे 9 माह अस्पताल में ही रखा गया। इस दौरान डॉक्टरों ने उनकी पूरी देखभाल की।