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बलिया: 4 साल से सड़क बनी तालाब,जिम्मेदारों ने नही लिया अबतक संज्ञान , क्या यही है स्वच्छ भारत अभियान ? बलिया जनपद के चकरा गांव की है दास्तान

बलिया: 4 साल से सड़क बनी तालाब,जिम्मेदारों ने नही लिया अबतक संज्ञान , क्या यही है स्वच्छ भारत अभियान ? बलिया जनपद के चकरा गांव की है दास्तान
 मधुसूदन सिंह


बलिया 6 सितम्बर 2019 ।। पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को कैसे वर्षो से पलीता लगाकर गांव में बीमारियों का बसेरा बनाया गया है ,अगर देखना है तो आपको यूपी के बलिया जनपद के चकरा गांव आना पड़ेगा । जहां 2016 से ग्रामीण अतिक्रमण के कारण तालाब बन चुकी सड़क को साफ कराने के लिये प्रयासरत है लेकिन बलिया जिला प्रशासन के जिम्मेदार है कि उनके कानों में जूं तक नही रेंग रही है । जब इससे सम्बंधित जानकारी जिलाधिकारी बलिया से पूंछी गयी तो उन्होंने इस समस्यां से निजात दिलवाने का भरोसा दिया । लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि जब 2016 से ग्रामीण तहसील दिवस के माध्यम से , 2017 व 2018 में सड़क पर धान की रोपाई करके , ब्लाक तहसील पर प्रदर्शन करते रहे , गुहार लगाते रहे फिर भी इनकी बातों को बीडीओ , तहसीलदार, एसडीएम जैसे जिम्मेदारों ने क्यो नही सुनी ? क्या इन गरीबो के लिये पीएम मोदी का स्वच्छ भारत अभियान एक छलावा मात्र है ? 2016 से अबतक दबंगो के अतिक्रमण के चलते सड़क पर बह रहे गंदे पानी के चलते सैकड़ो लोग बीमार हो गये है , इसके लिये कौन जिम्मेदार है ? क्या सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने वाले अधिकारियों पर कोई कार्यवाई होगी ? ये ऐसे यक्ष प्रश्न खड़े है जिनका जबाब डीएम बलिया और यूपी सरकार के द्वारा की जाने वाली अगली कार्यवाइयों पर निर्भर है ।

हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के पकड़ी थाना क्षेत्र के अंतर्गत चकरा गांव की मुख्य सड़क की ,जजो डेढ़ सौ मीटर तक विगत 4 साल से नदी बनी हुई है जिसके कारण ग्राम वासियों को आए दिन तमाम तरह की समस्या झेलनी पड़ती है। पढ़ने वाले बच्चे इसी रास्ते से जाते हैं जिससे बच्चे गिर जाते हैं , गन्दे पानी मे चलने के कारण बीमार पड़ जाते हैं ,यही नही बड़े बुजुर्ग  लोग बीमार पड़ चुके हैं ।




ग्राम वासियों का कहना है कि हम लोग उच्च अधिकारियों को फरियाद लगाते लगाते थक गए हैं कोई सुनवाई हो नहीं रही है यहां  महामारी जैसी  शिकार आम लोग हो रहे हैं ,प्रशासन का कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है।


मीडिया के द्वारा जब यह बातें जिलाधिकारी के संज्ञान में लायी गयी तो कहा कि मेरे संज्ञान यह प्रकरण नहीं आया है हमें आप मीडिया बन्धुओ के माध्यम से मालूम हो रहा है। यह एक गंभीर मामला है इस पर कार्रवाई जरूर होगी । गांवो में  प्रधान हैं ,प्रधान की जिम्मेदारी बनती है नाली साफ कराये , लेकिन गांवो में यह देखा जा रहा है कि  वोट को लेकर प्रधान भेदभाव करता है ,अगर ऐसा प्रधान ने किया है तो प्रधान की वित्तीय पावर तक सीज होगी।


जब  जिला पंचायती राज अधिकारी से पूंछा गया तो वे बोले   हम क्या करें ? हम कुछ नहीं करेंगे ? तुम मीडिया वाले जो चाहे कर लो ?