नरही( बलिया) क्षेत्र के कई गांवों के बाढ़ में घिरे दलितों तक नही पहुंच रही है सहायता,बाढ़ के कारण टापू बने घरो में रहने को मजबूर , एक पैकेट चावल छोला के लिये हो रहा है 38 रुपये भुगतान
नरही( बलिया) क्षेत्र के कई गांवों के बाढ़ में घिरे दलितों तक नही पहुंच रही है सहायता,बाढ़ के कारण टापू बने घरो में रहने को मजबूर ,एक पैकेट चावल छोला के लिये 38 रुपये का हो रहा है भुगतान !
38 रुपये का एक प्लेट चावल छोला
नरही (बलिया) 22 सितम्बर 2019 ।। गड़हाँचल का तटीय इलाका बढ़ रहे बाढ़ के पानी से पूरी तरह तबाह होता जा रहा है। कुछ लोग भाग कर अपना आशियाना सड़क पर या किसी विद्यालय में बना रहे हैं। कुछ लोग पानी में चारों तरफ से घिरकर अपने भाग्य पर आंसू बहा रहे हैं। सबसे विकराल स्थिति ग्राम सभा कुलड़िया अनुसूचित बस्ती की है। अब तक न तो नाव की व्यवस्था हुई है। और ना ही राहत के नाम पर कुछ पहुंचा है। 125 लोग चारों तरफ से पानी में घिरे हैं। यही स्थिति सरवन पुर के डेरे की है। जहां लोग चारों तरफ से पानी से घिर चुके हैं नाव ही एकमात्र सहारा है। सड़क पर आने के लिए वहां पर भी करीब 300 लोग घिरे है। शाहपुर बभनौली ग्रामसभा की रैया खाड़ी अनुसूचित बस्ती का भी वही हाल है।
इन पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ राहत चौकी से किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है। कोई हम लोगों के पास पहुंचा ही नहीं । कांनूगो रणजीत बहादुर सिंह से पूछने पर बताया कि उस ग्राम सभा के लेखपाल से पूछिए और लेखपाल से संपर्क करने पर उनका कहना था कि हम लोग सारी रिपोर्ट कानूगो साहब को दिए हैं।
बाढ़ राहत चौकी के प्रभारी मनोज कुमार का कहना था कि लेखपाल की रिपोर्ट पर पीड़ितों के पास भोजन का पैकेट बनवा कर भिजवाया जा रहा है। दोपहर में चावल और छोला दिया गया। बड़ी बात यह है कि बाढ़ से घिरे पीड़ितों के पास अब तक कुछ भी नहीं पहुंचा तो यह पैकेट कहां बांटे जा रहे हैं। वही सूत्रों की माने तो एक पैकेट चावल छोला का भुगतान 38 रुपये की दर से हो रहा है यानी राहत के नाम पर लूट का खेल चालू आहे ।
पीड़ित श्री भगवान यादव ,कोलेश्वर राम, मंगलाराम, लाल बहादुर, रविंदर राम का कहना है कि बाढ़ राहत चौकी के कर्मचारी मनमानी ढंग से भोजन का पैकेट बटवा रहे हैं ।जो बुरी तरह पानी में घिरा है उसके पास कुछ भी नहीं पहुंचा।