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नईदिल्ली : पिछली इन महत्वपूर्ण योजनाओ पर आगे बढ़ेगी मोदी -2 सरकार !

पिछली इन महत्वपूर्ण योजनाओ पर आगे बढ़ेगी मोदी -2 सरकार !
स्वच्छ भारत मिशन,आयुष्मान भारत जहां लोगो मे लोकप्रिय हुई
तो वही स्मार्ट सिटीज मिशन,डिजिटल जैसी योजनाये आज भी सफलता की देख रही है राह

 नई दिल्ली 3
जून 2019 ।। बीजेपी पिछले पांच साल में 'स्वच्छ भारत मिशन' और 'आयुष्मान भारत' ऐसी कई जनकल्याणकारी स्कीमें पेश कीं, जिसका नाम लोगों की जबान पर तो चढ़ा ही, पार्टी को पब्लिक से जुड़ने में भी काफी मदद मिली। हालांकि स्मार्ट सिटीज मिशन और डिजिटल इंडिया जैसी स्कीमें लोगों को पूरी तरह समझ नहीं आईं। इन स्कीमों के बारे में पब्लिक के बीच इतना कहा-सुना गया कि पॉपुलैरिटी के मामले में ये GST और इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) जैसे मोदी के अहम आर्थिक सुधारों पर भारी पड़ीं।
ऐसे में पॉपुलर स्कीमों पर प्रधानमंत्री का जोर बढ़ने की संभावना को 31 मई को पीएम-किसान स्कीम को विस्तार देने के फैसले से बल मिलता है, जिसका दायरा बढ़ाकर सभी किसानों को शामिल कर लिया गया है। सरकार ने कुछ किसानों, ट्रेडर्स और दुकानदारों के लिए भी पेंशन स्कीम का ऐलान किया है। कृषि संकट, रोजगार सृजन और प्राइवेट इनवेस्टमेंट रिवाइवल पर तो नई सरकार का फोकस होगा ही, उसकी नजर अपनी कई स्कीमों पर भी होगी। इसे समझने के लिए ET ने PM उज्ज्वला योजना, स्मार्ट सिटीज मिशन और स्वच्छ भारत सहित मोदी की पांच अहम स्कीमों का जायजा लिया है।

                    PM किसान सम्मान निधि
यह मोदी की पहली सरकार का सबसे बड़ा और अहम फैसला था। केंद्र ने फरवरी में कुल दो एकड़ तक की जोत या मालिकाना हक वाले 12.5 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को तीन किस्त में सालाना 6,000 रुपये देने का ऐलान किया, जिसका दायरा सरकार ने 31 मई को बढ़ाकर उसमें सभी किसानों को शामिल कर लिया। इससे लाभार्थियों की संख्या में लगभग दो करोड़ का इजाफा हुआ और अब सरकार को इस स्कीम पर सालाना 87,200 करोड़ रुपये खर्च करना होगा। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए को 542 में 353 सीट दिलाने का श्रेय PM किसान को दिया जा सकता है, लेकिन किसानों की मददगार यह स्कीम खामियों से मुक्त नहीं है। पहले बंटाईदार किसानों को इससे बाहर रखा गया था, लेकिन क्या विस्तारित स्कीम में शामिल हैं और उसकी रकम जमीन मालिकों और बंटाईदार के बीच किस तरह बंटेगी, यह देखने वाली बात है।


आयुष्मान भारत-PM जन आरोग्य योजना
PM किसान से पांच महीने पहले लगभग 10.704 करोड़ गरीब परिवारों यानी लगभग पांच करोड़ लोगों को पांच लाख तक की सालाना स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा देने वाली आयुष्मान भारत-PM जन आरोग्य योजना आई थी। इसे यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की तरफ बढ़ा अहम कदम माना गया। नैशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के मुताबिक अस्पताल में भर्ती के लिए अलोकेटेड 3,580 करोड़ रुपये वाली इस स्कीम के तहत मई में लगभग 27 लाख लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के श्रीनाथ रेड्डी के मुताबिक, वित्तीय रूप से कमजोर कुछ तबके इस स्कीम के दायरे से बाहर हैं।

                 प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
मोदी सरकार ने मई 2016 में लोगों को उज्जवला योजना के तहत सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर देना शुरू किया था, ताकि प्रदूषण में कमी लाने के साथ-साथ धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके। सरकार ने जनवरी 2019 में दावा किया कि वह इस योजना के अंतर्गत 60 करोड़ लोगों को लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) कनेक्शन दे चुकी है।

                     स्मार्ट सिटीज मिशन
मोदी सरकार के शहरी क्षेत्रों की विकास योजना की धुरी स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम) है, जिसमें 100 शहरों को शामिल किया गया है। इस स्कीम का अफोर्डेबल हाउसिंग, मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट, वेस्ट और ट्रैफिक मैनेजमेंट के साथ स्मार्ट गवर्नेंस पर फोकस है। इन शहरों में 5,151 प्रोजेक्ट्स प्रस्तावित हैं, जिनकी अनुमानित लागत 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। एससीएम का करीब एक चौथाई भार केंद्र वहन करेगा और इतना ही हिस्सा राज्यों और अर्बन लोकल बॉडीज का रहेगा। सरकार बाकी के फंड का इंतजाम दूसरी सरकारी योजनाओं की रकम, कर्ज और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए करेगी।

                      स्वच्छ भारत मिशन
यह योजना 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी के जन्मदिन पर शुरू की गई थी। कई इलाकों में स्वच्छ भारत योजना का सकारात्मक प्रभाव साफ दिखता है। सरकार ने इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में 9.28 करोड़ के साथ शहर और कस्बों में 58 लाख टॉयलेट्स बनवाए हैं। सरकारी डेटा के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में करीब 5 लाख कम्युनिटी टायलेट्स भी बनाए गए हैं। हालांकि, सीपीआर की शमा खान का कहना है कि स्वच्छ भारत के तहत टॉयलेट्स बनाने पर ही ज्यादा फोकस किया गया है।