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प्रियंका नही आंधी है ,दूसरी इंदिरा गांधी है, के नारों से गूंज उठा मीरजापुर

प्रियंका नही आंधी है ,दूसरी इंदिरा गांधी है, के नारों से गूंज उठा मीरजापुर
मनीष कुमार पांडेय







मीरजापुर 19 मार्च 2019 ।। 
 प्रियंका तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं , प्रियंका नही आंधी है ,दूसरी इंदिरा गांधी है, जैसे नारे लगाते हुए लोगों मे प्रियंका गांधी जी के नजदीक पहुचने की होड और भीड़ देखकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की लाडली बेटी तथा इंदिरा गांधी की पोती  राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मां विन्ध्यवासिनी के साथ अपना भी आशीर्वाद और स्नेह तथा सहयोग देने की होड़ दिखी। कचहरी सिविल लाइंस पेट्रोल पंप पर पहले से ही खडे नगर के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। वहीं आसपास के लोग भी अपने आप को रोक नहीं पाए और एक झलक पाने की पुरजोर कोशिश की। कितने लोगों ने तो साथ मिलाने और माल्यार्पण करने के लिए भीड मे अपनी जान जोखिम में डालकर कूद पड़े।

जब श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने भीड़ में एक कदम भी चलने मे असमर्थता देखी तब उन्होंने अपनी कार के गेट पर खडी होकर लोगों का अभिवादन कर हाथ हिलाते हुए आगे का रास्ता अख्तियार किया। बतादें कि पूर्वांचल फतह दौरे पर निकली 
श्रीमती प्रियंका गांधी ने दिनरात एक कर काग्रेस पार्टी को अर्श से फर्श तक पहुचाने मे कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर अपनी दादी स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधीजी तथा अपने दिवंगत पिता स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विचारों की चर्चा की।
 इस दौरान तमाम कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों को इंदिरा गांधी के वे भाषण जिसमे कहा था "मैं रहूँ या नहीं  मेरे खून का एक एक कतरा कतरा भारत के काम आएगा" याद आया।

सुबह से गली मोहल्लों और चौराहे पर प्रियंका गांधी जी को रिसीव करने की चर्चा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के सर चढ कर बोल रही थी ।लेकिन आश्चर्य यह कि जैसे जैसे श्रीमती प्रियंका गांधी जी नजदीक आती गईं लोगों का प्रेम बढता दिखाई देते गया। दिनभर उनके लोकेशन की चर्चा बनी रही। प्रियंका गांधी  का पूर्वांचल फतह यात्रा कितनी सफल होगी यह तो भविष्य ही बताएगा परन्तु उनके इस दौरे के बाद लोगों मे कांग्रेस प्रेम फिर से दिखाई देता नजर आया। मां विन्ध्यवासिनी की सरजमीं पर व बाबा कंतित शरीफ की मजार पर दो दो बार मत्था टेकने के बाद लोगों के आशीर्वाद से यह साबित होता दिखाई देता है कि अब लडाई कांटे की है। क्योंकि क्षेत्रीय बनाम बाहरी जैसे मुद्दों की वजह से भी बाहरी प्रत्याशियों को परेशानियों का सामना करना पड सकता है।
 प्रियंका गांधी के काफिले में ललितेशपति त्रिपाठी रामानुज पाण्डेय सतीश मिश्रा, राहुल श्रीवास्तव, नीरज त्रिपाठी गिरी त्रिपाठी , अनुराग मिश्र, देवी शंकर, हर्ष, अली नवाज , नितिन मिश्रा , अमर दुबे , अभिषेक चौबे , अयूब खान , केशव चन्द्र यादव रहे ।