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बॉलीवुड के उस शख्स का आज है जन्मदिन जिसके होने मात्र से फ़िल्म के हिट होने की होती थी गारंटी

प्राण : वह शख्स जिसका अभिनय पर्दे पर देख डर कर चीख पड़ती थीं लड़कियां


12 फरवरी 2019 ।।

एक दौर वह भी था जब लोग अपने बच्चों का नाम प्राण नहीं रखना चाहते थे. वजह यह थी कि पर्दे पर जब बल्ब जैसी रौबीली आंखें दिखती थीं तो लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते थे. लड़कियां मारे डर के चीख पड़ती थीं. तीन घंटे की फिल्म में हीरो से टक्कर लेता यह शख्स अपनी असल जिन्दगी में किसी नायक की छवि से बहुत ऊपर है. लोग जितना इनका सम्मान करते थे, उनता ही इनकी दरियादिली के कायल भी थे.

प्राण ने 40 के दशक में अपना फिल्मी करियर शुरू किया था. शुरुआत की कुछ फिल्मों में उन्होंने नायक की भूमिका निभाई लेकिन उन्हें पहचान मिली खलनायक की भूमिक से. उन्होंने प्रमुख रूप से जिद्दी, बड़ी बहन, उपकार, जंजीर, डॉन, अमर अकबर एंथनी और शराबी जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया.

12 फरवरी 1920 को जन्में प्राण के पिता कृष्ण सिकंद सरकारी ठेकेदार थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राण अपने पिता के काम में हाथ बंटाने लगे. एक दिन प्राण की मुलाकात लाहौर के मशहूर के पटकथा लेखक वली मोहम्मद से हुई. इसी दौरान वली ने प्राण को फिल्मों में काम करने का प्रस्ताव दिया. उस वक्त प्राण ने इस प्रस्ताव पर ध्यान नहीं दिया लेकिन बार-बार कहने पर मान गये.

प्राण ने फिल्मों में खलनायक के रूप में शुरूआत की थी. 1945 में खलनायक के रूप में उनकी पहली फिल्म आई. 1940 में एक पंजाबी फिल्म से उन्होंने फिल्मी सफर शुरू किया. एक जमाना था जब प्राण का फिल्म में होना ही सफलता का गारंटी माना जाता था.

साल 1948 में उन्होंने 'जिद्दी' फिल्म में काम किया. इसके बाद ही प्राण ने तय किया के वह खलनायकी में करियर बनायेंगे. प्राण कम से कम 40 साल तक बतौर खलनायक काम करते रहे.

हर दूसरी फिल्म में खलनायक के रोल में प्राण ही नजर आते थे. उन्हें साल 2001 में भारत सरकार ने भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था. प्राण ने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. उनकी आखिरी फिल्म मृत्युदाता थी.