गोरखपुर में बोले सीएम योगी : सैनिक और संत की एक जैसी गति
गोरखपुर में बोले सीएम योगी : सैनिक और संत की एक जैसी गति
गोरखपुर 16 जनवरी 2019 ।।
प्रदेश के मुख्यमंत्री गोरखपुर के इस वर्ष के अपने तीसरे दौरे पर आज सैनिको के सम्मान के कार्यक्रम में शिरकत करने जिला कारागार पहुंचे जहां उन्होंने सबसे पहले पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की मूर्ति पर मालायार्पण किया, फिर जहां उन्हें फांसी के फंदे पर लटकाया गया था, वहां पर गए , इसके बाद उस कोठरी में पहुंचे जहां उन्हें बंद कर के रखा गया था । यहां उनके फोटो पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया, फिर मंच पर आने के बाद दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम कि शुरुआत की । सीएम ने कहा कि सैनिक और संत की एक जैसी गति होती है ।
सीएम ने मंच से कहा कि शहीद सम्मान शहीदों की याद में किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की और उसके बाद आज से एक सप्ताह तक ये कार्यक्रम चलेगा, जिसकी शुरुआत गोरखपुर से की गई है । 16 जनवरी से 22 जनवरी तक यह कार्यक्रम चलना है, जिसके अंतर्गत सीमा की रक्षा करते हुए विपरीत परिस्थितियों में माइनस डिग्री टेंपरेचर पर पूरे देश को सुरक्षा प्रदान करने वाले अपने वीर सैनिकों के प्रति सम्मान का भाव रखने के लिए इस तरह का कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी द्वारा सम्मान सप्ताह का आयोजन किया गया है, और आज गोरखपुर से इस कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है । सीएम योगी ने कहा कि भारत माता के महान सपूतों जिन्होंने इस देश की रक्षा करते हुए आजादी के बाद अपने आप को मातृभूमि पर बलिदान कर दिया, और आजादी से पूर्व देश की स्वाधीनता के लिए लड़ते हुए अपना सर्वोच्च निक्षावर किया, ऐसे सभी वीर सपूतों के प्रति नमन करते हुए मैं अपनी कृतज्ञता अर्पित करता हूं, मैं उन सभी अमर सपूतों के परिजनों का अभिनंदन करता हूं, जो आज भारतीय जनता पार्टी के इस कार्यक्रम सम्मान समारोह में उपस्थित हुए है ।
एक बात जो सबके सामने आती है, एक सैनिक और एक संत की एक जैसी गति होती है, दोनों के बारे में भारतीय परंपरा यह मानती है, कि दोनों मातृभूमि के लिए समर्पित होकर के अंत मे सूर्य लोक को प्राप्त होते हैं । स्वाभाविक रूप से भारत की सुरक्षा आज बनी हुई है, हम सब सुरक्षित हैं, इसलिए क्योंकि हमारा वीर सैनिक मोर्चे पर लड़के अपने आप को बलिदान कर के देश की सीमाओं की रक्षा करता है, और सीमाओं की सुरक्षा के माध्यम से हम सबको जीवन देता है । स्वाभाविक रूप से भारत माता के इन सभी वीर सैनिकों का सम्मान करता हूं, प्रत्येक राष्ट्र भक्त नागरिक के अंदर इनके प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए, और इस दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी ने सैनिकों के सम्मान के लिए इस तरह का कार्यक्रम आज से यहां पर रखा है ।
इस प्रकार की बात आई तो हम सब जानते हैं, कि 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर के इसी जेल में काकोरी कांड के नायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को यहां पर फांसी की सजा दी गई थी ।मैं अभी कुछ दिन पहले शाहजहांपुर गया था ।शाहजहांपुर में काकोरी कांड को एक मंजिल तक पहुंचाने के लिए जिन्होंने अपना बलिदान दिया था, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल वहां पर आर्य समाज के प्रचारक के रूप में कार्य कर रहे थे, ठाकुर रोशन सिंह अशफाक उल्ला खान राजेंद्र प्रसाद लहरी चंद्र शेखर आजाद यह भी महापुरुष हैं, ये वे पुण्यात्मायें है, जिन्होंने अपना सर्वस्व मातृभूमि के लिए बलिदान कर दिया था ।मुझे शाहजहांपुर में ठाकुर सिंह के गांव में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, आप आश्चर्य करेंगे, कि आजादी के इतने वर्ष बाद भी उस गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, वहां के हमारे विधायक ने विधानसभा में प्रश्न लगाया था, कि वहां पर गंगा नदी में एक पेंटून ब्रिज बनाया जाए । मै देख रहा था, तो अचानक देखा, तो उसमें उनका प्रश्न था, तो हमारे संसदीय कार्य मंत्री शाहजहांपुर से ही ताल्लुक रखते हैं, तो मैंने उनसे कहा कि एक शहीद का गांव है, और एक शहीद के गांव में पेंटून का ब्रिज ? पक्का ब्रिज क्यों नहीं बन सकता है, और मैंने तत्काल पक्का ब्रिज बनाने के लिए बोला, और उसका नाम शहीद के नाम पर हो इसके लिए भी लिए कहा । वहां गांव में 1 डिग्री कॉलेज भी मैंने शहीद के नाम पर दिया ।
स्पीच – योगी आदित्यनाथ (मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश)
शाजहांपुर में हम लोग एक स्मारक बना रहे हैं, और उस स्मारक के साथ ही हम लोगों ने काकोरी कांड के जो हीरो थे, जिन्होंने अंग्रेजों का खजाना लूटकर के अंग्रेज सल्तनत को उस समय में चुनौती दी थी, उनका एक भव्य स्मारक बनाने की कार्रवाई यहां पर प्रारंभ हो, उसमें एक म्यूजियम भी बनेगा, इसमें पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, असफाक उल्ला खान का और देश के उन तमाम अमर शहीदों से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारी संकलित कर के आने वाले समय में वहां व्यवस्था करेंगे । इस दृष्टि से हम लोगों ने वहां कार्यक्रम प्रारंभ किया है, मुझे याद है, विगत वर्ष से पहले सरकार ने जेल में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की कोठी पर जाने के लिए जो रास्ता था, उसे बंद कर दिया था । क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉक्टर धर्मेन्द्र सिंह ने मेरे संज्ञान में यह बात लायी, और मैंने तत्काल जेल प्रशासन को इस बात का निर्देश दिया, कि आम जनमानस के लिए इसलिए उसे बंद नहीं किया जाना चाहिए, क्योकि यहा के लोगो के लिए वो एक तीर्थ स्थल है, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के राष्ट्रभक्त का भाव सभी में आये, इस बात को लेकर के हमरे पर्यटन विभाग को एक करोड़ 88 लाख रुपए यहां के सुंदरीकरण के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाकर उसके सुन्दरीकरण के लिए कहा है, ये जो महापुरुष जिन्होंने अपना सब कुछ देश की आजादी के लिए बलिदान कर दिया, आजादी से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता जाति के आधार पर क्षेत्र और भाषा के आधार पर समाज को बांटने की आजादी के बाद लोगों ने सत्ता और स्वार्थ के लिए किया है, यह वास्तव में इस देश की आजादी के लिए खतरा पैदा करने की कोशिश साजिश थी, और अगर हम इसी प्रकार विभाजन कि स्थिति में रहे, देश के लिए ये सही नहीं है, यह देश गुलाम क्यों हुआ, क्योंकि हम आपस में लड़ते रहे, जाति के आधार पर छुआछूत के आधार पर क्षेत्र के और भाषा के आधार पर, वे एक जगह पर हमला करते थे, और लोग मारते थे, और लोग समझते थे, कि हमारा क्या है, वह हमारी जाति का नहीं हमारे क्षेत्र का नहीं हमारे भाषा का नहीं है, और नतीजा और पूरे देश को उसकी चपेट में आना पड़ा, राष्ट्र केवल एक जमीन का टुकड़ा नहीं है, भारत का राष्ट्र है, इसकी एक आत्मा है, जो हम सबको राष्ट्र के प्रति प्रेरित करती है, भारत माता के अमर सपूतों ने अपना सब कुछ देश पर निछावर कर दिया था, यह देश भारत महापुरुषों सभी को नमन करता है, जिन्होंने इस देश के लिए अपना सब कुछ निछावर कर कर दिया
पूरे देश को जोड़ने के लिए चाहे वह सैनिकों का हो, या चाहे वह सैनिकों के सम्मान मकान उनके भोजन और वस्त्रों का हो, उन्हें सब जगह उपलब्ध कराने का, उन्हें अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने का यह सब सरकार की प्राथमिकता में है, यही कारण है कि दीपावली मनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री देश के पाकिस्तान की सीमा पर जाते हैं, नए नए हथियार सैनिकों के लिए खरीदी जा रहे हैं, ऐसा नहीं अगर कोई हम पर युद्ध थोपे तो हम चुपचाप बैठ जाएं, जंग लगे हथियार अपने सैनिकों को दें हम युद्ध के पक्षधर नहीं लेकिन कोई युद्ध हम पर करेगा तो इसका निर्णय भी हम करेंगे, हमारे सैनिक करेंगे यह तय करने की जिम्मेदारी है, और इस दिशा में आगे बढ़ने और सैनिकों का सेना का सम्मान करने के लिए हमारी सरकार तत्पात है, पुलिस के जवानों को भी उसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हम अपने हथियारों की आपूर्ति देश प्रदेश के ऊपर निर्भर रहते थे, हम भारत में भी अपने हथियारों का निर्माण कर सके और दुश्मनों के दांत खट्टे कर सके, इस दृस्ठी से सरकार काम कर रही है ।
कोई सैनिक दिव्यांग हो जाये तो उसके पूरे वेतन के बराबर पेंशन देने की व्यवस्था भारत सरकार ने किया, हमारी सरकार मार्च 2017 में सत्ता में आई है, अगर कोई सेना का जवान या कोई जवान शहीद होता है, तो हम या हमारे सरकार का कोई मंत्री उन्हें सम्मान देने जरूर पहुचेगा, और उस गांव का नाम भी शाहिद के नाम पर रखेंगे, सड़के उनके नाम से बनवायेंगे, किसी भी शहिद के परिवार के एक शख्स को प्रदेश में समायोजोत करने का काम भी किया गया है |
इसके बाद सीएम योगी ने जेल के मुख्य द्वारा पर वापस गार्ड आफ आनर लिया और फिर लखनऊ के लिए रवाना हो गए |
इसके बाद सीएम योगी ने जेल के मुख्य द्वारा पर वापस गार्ड आफ आनर लिया और फिर लखनऊ के लिए रवाना हो गए |