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खुशखबरी : देवरिया जनपद में लिगामेंट इंजरी का नई तकनीकी से हो रहा है इलाज


देवरिया जनपद में लिगामेंट इंजरी का नई तकनीकी से हो रहा है इलाज
 3 से 4 दिन के अंदर अस्पताल में भर्ती होने के बाद मरीज दौड़ते हुए चल सकता है और आराम से बैठ, उठ सकता है मरीज
कुलदीपक पाठक की रिपोर्ट

देवरिया 15 जनवरी 2019 ।। बड़े शहरों में अपनायी जा रहा नई तकनीकी अब देवरिया जैसे जनपद में भी आ गयी है । लिंगामेंट इंजरी को देवरिया में भी नई तकनीकी से इलाज शुरू हो गया है । इस तकनीकी से इलाज के बाद मरीज 3 से चार दिन में उठ बैठ सकता है , अपने जरूरी सभी कामो को कर सकता है । इसमें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आती है। इसकी जानकारी देते हुए देवरिया के प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ
डॉ रसूल ने बताया कि लिगामेंट इंजरी का इलाज आर्थ्रोस्कोपी लिगामेंट रिपेयर के जरिए आधुनिक तकनीकी से आसान हो गया है ।इस तकनीकी से लिगामेंट इंजरी के मरीजों का घुटना खोलकर ऑपरेशन नहीं करना पड़ेगा। मात्र दो छोटे टीके लगा कर और दो स्क्रू लगाकर नई विधि से मरीजों का इलाज अब अपने देवरिया जनपद में आसानी से संभव हो सका है । डॉक्टर रसूल ने बताया इस ऑपरेशन में एक से डेढ़ घंटे समय लगता है और मरीज 4 से 5 महीने में अपने पैरों पर आसानी से चल फिर सकता है और छठे महीने में पूरी तरह स्वस्थ और पहले की तरह अपना काम कर सकता है। उन्होंने बताया कि अभी तक हमने अपने डिस्पेंसरी पर तीन मरीजों को इस तरीके से ऑपरेशन कर स्वस्थ कर दिया है और वह आसानी से चल फिर सकते हैं और बैठ सकते हैं और अपने काम आसानी से कर सकते हैं । डॉक्टर रसूल ने बताया कि इस विधि की जानकारी हमने दिल्ली एम्स के प्रोफेसर एचएल नाग, लखनऊ पीजीआई के प्रोफेसर रंजीत कुमार वरूआ के निर्देशन में इसकी बारीकियों को सीखा है और अपने निजी चिकित्सालय न्यू कॉलोनी में इस विधि से इसका सफल ऑपरेशन कर रहे हैं । अभी तक हमने देवरिया के दो मरीज और एक गोपालगंज के रहने वाले मरीज का ऑपरेशन कर सफलता हासिल की है और आगे भी लोगों को सलाह देकर अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए इस विधि से आपरेशन कराने के प्रति जागरूक करने की मुहिम चलाते हुए इस ऑपरेशन के क्रम को अनवरत जारी रखूंगा जिससे हमारे देवरिया जनपद के साथ साथ पड़ोसी राज्य बिहार के भी लोगों को लाभ मिलेगा । डॉक्टर ने कहा कि यह इलाज हॉस्पिटल दवा और डॉक्टरी के खर्च को लेकर लगभग₹50000 में हो जाता है। ऑपरेशन के दौरान इसमें 2 पेंच लगते है। जो 6 माह के अंदर गल जाते हैं और आदमी स्वस्थ हो जाता है।