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बलिया : प्राथमिक विद्यालय के बगल में जलाये जाते है मुर्दे, डर से नही आते है उस दिन पढ़ने बच्चे जबरियां बच्चियों और बच्चो से करायी जाती है स्कूल की सफाई , मना करने पर होती है पिटाई

प्राथमिक विद्यालय के बगल में जलाये जाते है मुर्देडर से नही आते है उस दिन पढ़ने बच्चे 
जबरियां बच्चियों और बच्चो से करायी जाती है स्कूल की सफाई , मना करने पर होती है पिटाई
 शशि कुमार की रिपोर्ट



बलिया 6 जनवरी 2019 ।।  
 एक तरफ जहां योगी सरकार प्राथमिक शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए प्राथमिक विद्यालयों में आमूलचूल परिवर्तन करने के लिये अंग्रेजी माध्यम में बदलती जा रही है , वही बलिया के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों द्वारा किये जाने वाले कृत्य जब सामने आते है तो एक बार सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या बलिया की प्राथमिक शिक्षा पर राज्य सरकार की पकड़ नही है क्या ? कही विद्यालय के समय मे ही बार बालाओं के अश्लील डांस होता है तो कही पढ़ाई के समय ही विद्यालय के ठीक पास मुर्दो को जलाकर अंतिम क्रिया कर्म किये जाते है ? चूंकि मृतक प्राथमिक स्कूल के ही गांव या आसपास का होता है , जिसकी जानकारी होते ही डर के चलते बच्चे पढ़ने ही नही आते है । यह सिलसिला वर्षो से चला आ रहा है लेकिन आजतक न तो ग्राम प्रधान ने , न हेडमास्टर ने , न ही किसी समाजसेवी या राजनेता ने मासूम बच्चों के सामने शव जलाने के खिलाफ आवाज उठायी है ? यही नही विद्यालय के शिक्षक नादान बालक बालिकाओं से झाड़ू भी लगवाते है और जो मना करता है उसकी पिटाई भी करते है । यानि मुर्दो के जलने के बीभस्त रूप और सफाई न करने पर पिटाई , दोनो तरह से डर के साये में पढ़ाई करने को मजबूर है ये बच्चे ?
जी हां , हम बात कर रहे है बलिया जनपद के पंदह ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय की सच्चाई की ।






 मासूम बच्चो के शिक्षा के मन्दिर में बच्चे होते है, किताबे होती है, अध्यापक और बच्चो से जुडी तमाम सुविधाए होती है , जो सरकार बच्चो के उज्जवल भविष्य की कामना के साथ शिक्षा के मन्दिर को देती है । साथ में देती है बच्चो के खेलने - कूदने का एक ऐसा मैदान जहां  बच्चे खेल कूद  करते है । पर क्या आप ने सुना है ? कि शिक्षा के मन्दिर को शमसान घाट बनाकर उसमे लाश फुकी जाती है । जी हां, दिल और दिमाग को झकझोर के रख देने वाली ये खबर उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के पंदह ब्लॉक के फूलपुर प्राथमिक विद्यालय की है । जहाँ विद्यालय की जमीन पर मुर्दो को जलाया जाता हैं।जिसका जीता जागता उदाहरण बलिया जनपद के पंदह ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में  देख सकते है | जिसको देखकर मासूम बच्चें डर गए हैं और विद्यालय आने में अब कोताही बरत रहे हैं।अगर विद्यालय आते भी हैं तो इनके हाथो में झाड़ू थमा दिया जाता हैं वही बच्चो से  कोई न कोई काम करवाया जाता है और न करने पर उन्हें मारा जाता है|

 बलिया जनपद के पंदह ब्लॉक के फूलपुर प्राथमिक विद्यालय की जहाँ विद्यालय की जमीन पर मुर्दो को जलाया जाना कितना सही है ये आप खुद देखे। विद्यालय की मुख्य भवन से महज 100 मीटर की दूरी पर और विद्यालय की जमीन पर मुर्दो को जलाते देखकर बच्चें डरे और सहमे होते हैं। बच्चों को इतना डर लगता हैं कि विद्यालय आने में कतराते हैं।जिनके दिमाग मे एक खौफ सा बना होता है।यह कई वर्षों से यहां पर इस तरह के कार्य किये जा रहे हैं।लेकिन शिक्षा विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोई अभीतक रोकटोक नही है।और नही विद्यालय कैम्पस की बाउंड्री दी गई हैं। जिससे बच्चों के दिमाग से यह डर निकाला जा सके। 

बाइट --- ग्रामीण








 हालाँकि जब विद्यालय अपने समय से खुलता हैं तो इन मासूम बच्चों को देखिये।इनके विद्यालय में पढ़ने के बजाय इन मासुमों के हाथों में झाड़ू थमा दिया जाता हैं। और यह मासूम पढ़ने के बजाय विद्यालय की हर कमरे में झाड़ू प्रतिदिन लगाते हैं। कोई ऐसा कमरा नही जहाँ यह बच्चे झाड़ू न लगाएं।लेकिन इन्हें कोई रोकने वाला तक नही है। आखिर हो तो क्यों ? 
जब प्रधानाध्यापक का ही निर्देश हो तो किसकी मजाल की विद्यालय में झाड़ू न लगाएं जाये ।इतना नही होता हैं। जब बच्चों से कोई सामान मांगने की बात होती हैं और बच्चे जाने से कतराते हैं। तो इनको मारा पीटा जाता हैं। यह कोई और नही बल्कि प्रधानध्यापक की मेहरबानी हैं। कि बच्चे नही जाते तो प्रधानाध्यापक मारना पीटना शुरू कर देते हैं। सुनिये इन मासूम बच्चों की जुबानी--

बाइट -- विद्यालय के छात्र और छात्रा






 जब इस घटना की जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी को मिली तो खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए जाँच करने का निर्देश द
दिया और कहा कि जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बाइट - संतोष कुमार राय ( बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया )