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बलिया जहां किसानों के धान का भुगतान होना बना टेढ़ी खीर , एडीएम ने बैठक कर पीसीएफ के खिंचे कान

बलिया जहां किसानों के धान का भुगतान होना बना टेढ़ी खीर , एडीएम ने बैठक कर पीसीएफ के खिंचे कान

सरकार की नीति किसानों का भुगतान हो 72 घंटे के अंदर पर बलिया में 72 दिन में भी हो जाये तो मान रहे है किसान अपने को धन्य
पीसीएफ प्रबन्धक की लापरवाही से किसानों का भुगतान और खरीद दोनों बाधित




मधुसूदन सिंह
बलिया 31 जनवरी 2019 ।। सरकार का फरमान , किसानों के धान का हो 72 घंटे में भुगतान , पर बलिया में पीसीएफ अधिकारियों की लापरवाही कहे या सुस्ती न तो इनके द्वारा खरीद के लक्ष्य के पास ही पहुंचा गया है , न ही किसानों का भुगतान ही समय से किया जा रहा है , रही सही कसर एफसीआई अपने गोदाम में सीएमआर चावल को जमा करने में लेट लतीफी करके पूरा कर दे रही है । जिस पीसीएफ को 23 धान क्रय केंद्रों के माध्यम से 48500 मीट्रिक टन धान खरीद करनी थी उसने अपने लक्ष्य का 10 प्रतिशत भी क्रय नही किया है , यही नही अब तक इसके ऊपर किसानों का 608 लाख रुपये बकाया है जो नही दे रहा है जबकि सरकारी फरमान के अनुसार किसानों का भुगतान 72 घंटे में हो जाना चाहिये , लेकिन बलिया में 72 दिन में भी भुगतान अगर किसानों को मिल जाये तो किसान प्रयागराज में संगम स्नान करने जैसा पुण्यलाभ प्राप्त कर ले ।

 इन्ही सब समस्याओ से आजिज आकर जिलाधिकारी बलिया भवानी सिंह खंगारौत के आदेश पर अपर जिलाधिकारी (वि/रा) मनोज सिंह ने क्रय एजेंसियों , भंडारण एजेंसियों और मिलरों की एक सामूहिक बैठक बुलाकर समीक्षा की और एजेंसियों को ताकीद की कि हर हाल में किसानों के भुगतान को जल्द से जल्द देने और जिनके अब तक धान क्रय का लक्ष्य पूरा नही हो पाया है उसको पूरा करने का निर्देश दिया । वही मिलरों का आरोप था कि एफसीआई हमारे द्वारा जमा करने के लिये एफसीआई ले जा रही गाड़ियों को बेवजह एक एक सप्ताह तक खड़ी करा दे रहे है जिससे हमारा नुकसान हो रहा है । साथ ही यह भी आरोप लगाया कि एफसीआई की आद्रता नापने वाली मशीन अक्सर खराब हो जाती है जिसके कारण भी एफसीआई के गोदामो पर चावल लदी ट्रको की लंबी लम्बी लाइने लग जा रही है । इसके जबाब में एफसीआई के अधिकारी ने कहा कि हम लोग इस समय प्रति दिन 30 लाट चावल को जमा कर रहे है लेकिन एक दो दिन के अंदर ही इसको 40 लाट करने जा रहे है जिससे मिलरों को जमा करने में कम से कम इंतजार करना पड़ेगा ।

सुनिये अपर जिलाधिकारी मनोज सिंघल ने क्या कहा --

पीसीएफ के अधिकारी का बयान भी सुन लीजिये जिनमे साफ तौर पर कह रहे है कि एफसीआई द्वारा समय से बिल न देने के कारण इनका भुगतान बाधित हो रहा और इनको 12 प्रतिशत व्याज पर सरकार से ऋण लेकर किसानों को भुगतान करना पड़ रहा है । यानी इनके अनुसार भुगतान में देरी के लिये एफसीआई पूरी तरह जिम्मेदार है , पीसीएफ नही । सुनिये साहब का जबाब ----



वही एफसीआई के अधिकारी यह तो मान रहे है कि माल को जमा करने में कुछ कमियां है जिसको दूर कर के इस समस्यां को निपटा दिया जाएगा ।




वही मिलरों का आरोप सीधे तौर पर एफसीआई पर है कि इनके लोग अनैतिक रूप से कार्य करते हुए जानबूझकर लेट लतीफी कर के हम लोगो को परेशान करते है और हमारी सीएमआर चावल लदी ट्रको को हफ्ते भर तक खड़ी रख देते है जिससे हमें माल ढुलाई के मद में काफी नुकसान हो रहा है । सुनिये मिलर्स संघ के मंडलीय अध्यक्ष कन्हैया यादव ने क्या कहा है ---



इस बैठक में प्रमुख रूप से मिलर्स एसोसिएशन जनपद बलिया के जिलाध्यक्ष गजेंद्र प्रसाद , राजेश कुमार सिंह , ध्रुव सिंह , कन्हैया यादव ने मिलरों की समस्याओं को जोरशोर से उठाकर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया ।