देवरिया : नोएडा में पत्रकार एवं उनकी टीम के साथ मार पीट करने तथा कैमरा तोड़ देने के विरोध में पत्रकार संघ नें सौंपा ज्ञापन
नोएडा में पत्रकार एवं उनकी टीम के साथ मार पीट करने तथा कैमरा तोड़ देने के विरोध में पत्रकार संघ नें सौंपा ज्ञापन
कुलदीपक पाठक
देवरिया 22 जनवरी 2019 ।। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला पत्रकार समाज आज गंभीर संकट में है, उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमले आम होते जा रहे हैं, तमाम विषम परिस्थितियों में सत्य को सामने लाने के लिए प्रयासरत पत्रकार एवं छायाकारों पर अगर इसी तरह हमले होते रहे तो वह दिन भी दूर नही जब निष्पक्षता और पारदर्शिता जैसे शब्द केवल किताबों में ही दिखेंगे। दिन रात सर्दी गर्मी की परवाह न करते हुए अपने कर्तव्य पालन में लगे रहने वाले पत्रकारों की सुरक्षा प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित होनी चाहिए पर ऐसा होता नही है। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एफएम चैनल के पत्रकार अरशद जी तथा उनकी टीम पर हुए हमले और उनके कैमरे को तोड़ कर साक्ष्य मिटाने के आरोपियों अस्पताल के कर्मचारियों/अधिकारियों पर कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
मांगः-
1- पीड़ित पत्रकार को त्वरित न्याय दिलाया जाए। 2- दोषियों व उनके सहयोगियों पर कठोर कार्यवाही हो। 3- पत्रकारों की सुरक्षा हेतु सभी जिलों के जिला अधिकारियों को राजाज्ञा के माध्यम से निर्देश दिए जाएं। 4- पत्रकारों की समस्याओं हेतु एक अलग प्रकोष्ठ बनाया जाए जिस से पत्रकारों की समस्याओं का त्वरित एवं प्रभावी निष्पादन सुनिश्चित हो सके।
ज्ञापन देने वालों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व प्रिन्ट मीडिया से विपुल तिवारी (प्रदेश अध्यक्ष नेशनल प्रेस यूनियन), नितेश तिवारी (अध्यक्ष अखिल भारतीय सर्वहित कारी पत्रकार महासंघ, देवरिया), अमिताभ रावत, कुलदीपक पाठक, सुनील शर्मा, राजेश त्रिपाठी, राकेश त्रिपाठी, मन्नान अहमद, अनवर हुसैन, संतोष विश्वकर्मा दिलीप कुमार, एस0पी0 पाण्डेय, मुकेश, रवि रावत, आदित्य राय, अनवर अंसारी, देवेन्द्र त्रिपाठी, प्रमोद प्रजापति, सूरज शर्मा समेत बड़ी संख्या में पत्रकार व छायाकार नें विरोध दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
कुलदीपक पाठक
देवरिया 22 जनवरी 2019 ।। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला पत्रकार समाज आज गंभीर संकट में है, उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमले आम होते जा रहे हैं, तमाम विषम परिस्थितियों में सत्य को सामने लाने के लिए प्रयासरत पत्रकार एवं छायाकारों पर अगर इसी तरह हमले होते रहे तो वह दिन भी दूर नही जब निष्पक्षता और पारदर्शिता जैसे शब्द केवल किताबों में ही दिखेंगे। दिन रात सर्दी गर्मी की परवाह न करते हुए अपने कर्तव्य पालन में लगे रहने वाले पत्रकारों की सुरक्षा प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित होनी चाहिए पर ऐसा होता नही है। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एफएम चैनल के पत्रकार अरशद जी तथा उनकी टीम पर हुए हमले और उनके कैमरे को तोड़ कर साक्ष्य मिटाने के आरोपियों अस्पताल के कर्मचारियों/अधिकारियों पर कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
मांगः-
1- पीड़ित पत्रकार को त्वरित न्याय दिलाया जाए। 2- दोषियों व उनके सहयोगियों पर कठोर कार्यवाही हो। 3- पत्रकारों की सुरक्षा हेतु सभी जिलों के जिला अधिकारियों को राजाज्ञा के माध्यम से निर्देश दिए जाएं। 4- पत्रकारों की समस्याओं हेतु एक अलग प्रकोष्ठ बनाया जाए जिस से पत्रकारों की समस्याओं का त्वरित एवं प्रभावी निष्पादन सुनिश्चित हो सके।
ज्ञापन देने वालों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व प्रिन्ट मीडिया से विपुल तिवारी (प्रदेश अध्यक्ष नेशनल प्रेस यूनियन), नितेश तिवारी (अध्यक्ष अखिल भारतीय सर्वहित कारी पत्रकार महासंघ, देवरिया), अमिताभ रावत, कुलदीपक पाठक, सुनील शर्मा, राजेश त्रिपाठी, राकेश त्रिपाठी, मन्नान अहमद, अनवर हुसैन, संतोष विश्वकर्मा दिलीप कुमार, एस0पी0 पाण्डेय, मुकेश, रवि रावत, आदित्य राय, अनवर अंसारी, देवेन्द्र त्रिपाठी, प्रमोद प्रजापति, सूरज शर्मा समेत बड़ी संख्या में पत्रकार व छायाकार नें विरोध दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।