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बलिया के जिलाधिकारी , जिनपर भारी जिला पंचायत अध्यक्ष और अपर मुख्याधिकारी

 बलिया की जिला पंचायत : जहां भ्रष्टाचार का बोलबाला का सदस्यो ने लगाया आरोप
डीएम की मनाही के बाद भी बैठक रखने पर सदस्यो ने जमकर काटा हंगामा
टेंडरों में भ्रष्टाचार उजागर होने के वावजूद टेंडर निरस्त न होना हंगामे का प्रमुख कारण
मधुसूदन सिंह , शशिकुमार की रिपोर्ट









बलिया 29 जनवरी 2019 ।।
      उत्तर प्रदेश की सरकार हो या केंद्र की सरकार भ्रष्टाचार के खात्मे का चाहे जितना भी दम भर ले पर जमीनी हकीकत क्या है इसकी बानगी बलिया जिला पंचायत की बोर्ड की बैठक में हुए हंगामा से समझा जा सकता है। बता दे कि सोमवार को जिला पंचायत के सभागार में जिलाधिकारी बलिया के आदेश के वावजूद जब बोर्ड की बैठक अध्यक्ष सुधीर पासवान की अध्यक्षता में चलने लगी तो टेंडरों में भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे सदस्यो ने मीटिंग में पहुंच कर जम कर हंगामा ही नही काटा बल्कि अध्यक्ष और अपर मुख्याधिकारी रमेश सिंह पर भ्रष्टाचार करने का गंभीर आरोप भी लगा दिया । सदस्यो का आरोप है कि जब इस बैठक के प्रशानिक अधिकारी सीडीओ बलिया , नोडल अधिकारी संतोष राय के साथ भ्रमण/चेकिंग पर है तो ऐसी कौन सी आफत पड़ी थी कि इस बैठक को जिलाधिकारी बलिया के तीन दिन बाद कराने के आदेश को दरकिनार कर मीटिंग करायी गयी । क्या जिला पंचायत बलिया के अध्यक्ष और अपर मुख्याधिकारी के सामने जिलाधिकारी के आदेश की कोई महत्ता नही है । वैसे अपने पिछले जनपदों के कार्यकाल से भ्रष्टाचार के आरोपो से घिरे और राजनैतिक जोड़तोड़ से जूनियर होते हुए भी अपर मुख्याधिकारी का कार्य करने वाले रमेश सिंह का विवादों से चोली दामन का रिश्ता पहले से ही है ।
 सदस्यो का आरोप है कि जब पहले से ही कराये गये कार्यो पर ही टेंडर निकलने की बात जगजाहिर हो गयी है तो उनको निरस्त करने में जिला प्रशासन से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष को क्या परेशानी है ? यही नही सदस्यो ने एक और गंभीर आरोप लगाया है कि एक लाख से कम के कार्यो को बिना टेंडर के कराकर जमकर करोड़ो रूपये का घोटाला और बन्दर बांट हुआ है । सदस्यो ने साथ चेताया है कि अध्यक्ष और अपर मुख्याधिकारी की जोड़ी द्वारा जिला पंचायत में मचायी जा रही लूट को कत्तई बर्दाश्त नही किया जाएगा और जब तक लूट की मंशा से निकाले गये टेंडरों को निरस्त नही किया जाता , तब तक विरोध जारी रहेगा । वैसे इतनी छीछालेदर के बाद भी न तो जिला पंचायत  ,न ही जिला प्रशासन द्वारा इस विवादित टेंडरों को निरस्त करने से प्रदेश की योगी सरकार की भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन देने की मंशा भी जनता की अदालत में संदिग्ध होती जा रही है । सबसे बड़ी हैरानी जिले के सांसद, विधायकगणों की इस मुद्दे पर चुप्पी लोगो को कचोट रही है । लोगो का कहना है कि आखिर क्या कारण है कि इस घोटाले के उजागर होने के वावजूद जनप्रतिनिधिगण चुप्पी साधे हुए है ?

वी ओ - 1 - जोर - सोर के साथ हंगामा हो रहा ये कोई और जगह नही बल्कि बलिया के  जिला पंचायत सभागार में बोर्ड की बैठक के दौरान हंगामा हो रहा है। आप स्वयं देख सकते हैं किस तरह से हंगामा किया जा रहा है। इतना ही नही आरोप भी ऐसा कि आप चौंक जाएंगे। जी हाँ यहाँ करोड़ों का टेंडर फर्जी तरीके से कर दिया गया है। जिसको लेकर सदस्यों में काफी नाराजगी है।






वी ओ – 2- जिलापंचायत सदस्यो ने आरोप लगाया कि जिलापंचायत अध्यक्ष और अपर जिला मुख्यधिकारी ने जिलापंचायत को बेचने का काम किया है| वही एक लाख रूपये से कम के कार्यो को बिना टेंडर के कराकर एक करोड़ रूपये से अधिक का फर्जी भुगतान कराने का आरोप लगा रहे है । जिलापंचायत के रूपये का लुट खसोट का आरोप लगाया और मीटिंग हाल के बाहर जिला पंचायत सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष और अपर मुख्य अधिकारी के खिलाफ जम कर नारेबाजी कर जाँच की मांग की|
बाईट- जिलापंचायत सदस्य (कट टू कट)







वी ओं-3- जिलापंचायत सदस्यों के द्वारा जिलापंचायत बोर्ड मीटिंग में हुए हंगामे और भ्रष्टाचार के आरोप पर जिलापंचायत अध्यक्ष से बात की गयी तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और कहा इसको जल्द से जल्द निपटा दिया जायेगा और कहा कि यह सब हंगामा किसी के मोटिवेशन चल रहा है ,इसकी जांच से  चल रही है|
बाईट- सुधीर पासवान (जिलापंचायत अध्यक्ष)