बलिया में सामने आया शिक्षामित्र घोटाला , महिला हेडमास्टर ने महिला शिक्षामित्र को रसोइयां बनाकर डकार लिया मानदेय
बलिया में सामने आया शिक्षामित्र घोटाला
महिला हेडमास्टर ने महिला शिक्षामित्र को रसोइयां बनाकर डकार लिया मानदेय
2007 में विधवा का हुआ था शिक्षामित्र में चयन
मधुसूदन सिंह
बलिया 14 जनवरी 2019 ।। कभी हिंदी फिल्म का एक गाना बहुत प्रसिद्ध था "गरीबो की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा , तुम एक पैसा दोगे वो दस लाख देगा " , लेकिन आज कल ठीक इसके उल्टा गाना चलन में है " गरीबो को लूटो वो किसी से नही कहेगा ,तुम लूटते रहो वो सिर्फ आहे भरेगा " । जी हां , यही सच है और ऐसा ही एक वाक्या बलिया के प्राथमिक शिक्षा विभाग में हुआ है । जहां एक अबला विधवा जिसकी नियुक्ति शिक्षामित्र में 2007 में हुई थी लेकिन लोमड़ी सी शातिराना दिमाग रखने वाली उसकी हेडमास्टरनी ने उसका वेतन डकारते हुए इस बेवा को शिक्षामित्र से रसोइयां बना दिया वो भी बिना वेतन के । इस मजलूम ने जब धीरे धीरे घोटाले पर से पर्दा हटाते हुए जब अपनी गुहार बीएसए बलिया के पास लगायी तो हड़कम्प मच गया है । बीएसए बलिया संतोष कुमार राय ने आरोपी हेडमास्टरनी और वर्तमान हेडमास्टरनी दोनो को नोटिस जारी करके 17 जनवरी 2019 को अपने समक्ष साक्ष्यों के साथ उपस्थित होने का आदेश जारी किया है ।
आरोपी प्रधानाध्यापिका इंदिरा सिंह
बताया जाता है कि बेवा मीना देवी की नियुक्ति शिक्षामित्र के रूप में 2007 में प्राथमिक पाठशाला नम्बर 2 रसड़ा बलिया में हुई थी । 2008 से 2016 तक इस विद्यालय पर श्रीमती इंदिरा सिंह प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत थी(वर्तमान में उच्च प्राथमिक विद्यालय बस्ती रसड़ा की प्रधानाध्यापिका) । सन 2011 तक शिक्षामित्रों के मानदेय का भुगतान प्रधानाध्यापक के खाते में ही आता था , जिसके बाद हेडमास्टरों द्वारा नगद या चेक से मानदेय का भुगतान किया जाता था । श्रीमती इंदिरा सिंह ने मीना देवी को अपने कार्यकाल तक (2016 तक) शिक्षामित्र की जगह रसोइयां बनाकर कार्य लेती रही लेकिन शिक्षामित्र का तो दूर रसोइयां का भी नही दिया । यही नही मीना देवी के अनुसार अपने घर बुलाकर घर का काम भी करवाती थी ।
पीड़ित शिक्षामित्र मीना देवी
मीना देवी ने अपने लिखित शिकायती पत्र में साफ कहा है कि श्रीमती इंदिरा सिंह ने मेरे वेतन का घोटाला किया है ।
प्राथमिक विद्यालय रसड़ा नम्बर 2 की वर्तमान प्रधानाध्यापिका श्रीमती सोनी
वही आरोपी हेडमास्टर इंदिरा सिंह से जब इस संबंध में बात की गयी तो उनका कहना था कि मुझे नही पता कि मीना देवी शिक्षामित्र है , मेरे कार्यकाल में वह रसोइयां का कार्य कर रही थी और इसी के मानदेय का भुगतान मैने नगद दिया है । साथ ही इन्होंने प्राथमिक विद्यालय रसड़ा नम्बर 2 की वर्तमान प्रधानाध्यापिका श्रीमती सोनी पर पुराने रिकार्डो को जलाने का भी आरोप लगा दिया ।
वही रसड़ा प्राथमिक विद्यालय नम्बर दो के वर्तमान हेडमास्टरनी श्रीमती सोनी का कहना है कि जब से मैने यहां का कार्यभार ग्रहण किया है मीना देवी रसोइयां के रूप में ही कार्यरत है और प्रत्येक वर्ष इनके नवीनीकरण का फॉर्म भरकर बीएसए आफिस जमा किया गया है । जब से मै हूं इनको रसोइयां का मानदेय मिलता है ।
महिला हेडमास्टर ने महिला शिक्षामित्र को रसोइयां बनाकर डकार लिया मानदेय
2007 में विधवा का हुआ था शिक्षामित्र में चयन
मधुसूदन सिंह
बलिया 14 जनवरी 2019 ।। कभी हिंदी फिल्म का एक गाना बहुत प्रसिद्ध था "गरीबो की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा , तुम एक पैसा दोगे वो दस लाख देगा " , लेकिन आज कल ठीक इसके उल्टा गाना चलन में है " गरीबो को लूटो वो किसी से नही कहेगा ,तुम लूटते रहो वो सिर्फ आहे भरेगा " । जी हां , यही सच है और ऐसा ही एक वाक्या बलिया के प्राथमिक शिक्षा विभाग में हुआ है । जहां एक अबला विधवा जिसकी नियुक्ति शिक्षामित्र में 2007 में हुई थी लेकिन लोमड़ी सी शातिराना दिमाग रखने वाली उसकी हेडमास्टरनी ने उसका वेतन डकारते हुए इस बेवा को शिक्षामित्र से रसोइयां बना दिया वो भी बिना वेतन के । इस मजलूम ने जब धीरे धीरे घोटाले पर से पर्दा हटाते हुए जब अपनी गुहार बीएसए बलिया के पास लगायी तो हड़कम्प मच गया है । बीएसए बलिया संतोष कुमार राय ने आरोपी हेडमास्टरनी और वर्तमान हेडमास्टरनी दोनो को नोटिस जारी करके 17 जनवरी 2019 को अपने समक्ष साक्ष्यों के साथ उपस्थित होने का आदेश जारी किया है ।
आरोपी प्रधानाध्यापिका इंदिरा सिंह
बताया जाता है कि बेवा मीना देवी की नियुक्ति शिक्षामित्र के रूप में 2007 में प्राथमिक पाठशाला नम्बर 2 रसड़ा बलिया में हुई थी । 2008 से 2016 तक इस विद्यालय पर श्रीमती इंदिरा सिंह प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत थी(वर्तमान में उच्च प्राथमिक विद्यालय बस्ती रसड़ा की प्रधानाध्यापिका) । सन 2011 तक शिक्षामित्रों के मानदेय का भुगतान प्रधानाध्यापक के खाते में ही आता था , जिसके बाद हेडमास्टरों द्वारा नगद या चेक से मानदेय का भुगतान किया जाता था । श्रीमती इंदिरा सिंह ने मीना देवी को अपने कार्यकाल तक (2016 तक) शिक्षामित्र की जगह रसोइयां बनाकर कार्य लेती रही लेकिन शिक्षामित्र का तो दूर रसोइयां का भी नही दिया । यही नही मीना देवी के अनुसार अपने घर बुलाकर घर का काम भी करवाती थी ।
पीड़ित शिक्षामित्र मीना देवी
मीना देवी ने अपने लिखित शिकायती पत्र में साफ कहा है कि श्रीमती इंदिरा सिंह ने मेरे वेतन का घोटाला किया है ।
प्राथमिक विद्यालय रसड़ा नम्बर 2 की वर्तमान प्रधानाध्यापिका श्रीमती सोनी
वही आरोपी हेडमास्टर इंदिरा सिंह से जब इस संबंध में बात की गयी तो उनका कहना था कि मुझे नही पता कि मीना देवी शिक्षामित्र है , मेरे कार्यकाल में वह रसोइयां का कार्य कर रही थी और इसी के मानदेय का भुगतान मैने नगद दिया है । साथ ही इन्होंने प्राथमिक विद्यालय रसड़ा नम्बर 2 की वर्तमान प्रधानाध्यापिका श्रीमती सोनी पर पुराने रिकार्डो को जलाने का भी आरोप लगा दिया ।
वही रसड़ा प्राथमिक विद्यालय नम्बर दो के वर्तमान हेडमास्टरनी श्रीमती सोनी का कहना है कि जब से मैने यहां का कार्यभार ग्रहण किया है मीना देवी रसोइयां के रूप में ही कार्यरत है और प्रत्येक वर्ष इनके नवीनीकरण का फॉर्म भरकर बीएसए आफिस जमा किया गया है । जब से मै हूं इनको रसोइयां का मानदेय मिलता है ।