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गोरखपुर महोत्सव में अपने हुनर को परफॉर्म करने के जज्बे ने बच्चो को बनाया आम से ख़ास

गोरखपुर महोत्सव में अपने हुनर को परफॉर्म करने  के जज्बे ने बच्चो को बनाया आम से ख़ास 
ए कुमार की रिपोर्ट




गोरखपुर 5 जनवरी 2019 ।।
   गोरखपुर महोत्सव में अपने हुनर को दिखाने के जज्बे और खुशी ने आज प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को आम से खास बना दिया है । कभी कान्वेंट और इंग्लिश मीडियम बच्चो के सामने अपने आप को दोयम दर्जे का समझ कर हीन भावना से ग्रसित रहने वाले बेसिक शिक्षा के विद्यालयों के बच्चों में मानो कोई जादुई शक्ति आ गयी है । मनोबल में यह चमत्कारिक बदलाव निश्चित ही सीएम योगी की सोच और विद्यालयों में किये गये बदलाव के कारण आया है । सीएम ने एक प्लेटफार्म दिया लेकिन सीएम को छोड़िये किसी को भी सपने में भी यह उम्मीद नही होगी कि सीएम साहब की यह मुहिम गोरखपुर की प्राथमिक शिक्षा में परिवर्तन रूपी भूचाल ला देगी । कभी गंदगी , घास फूस टूटी फूटी दीवारों वाले स्कूल आज कला और प्रेरणा के स्रोत बनने लगे है । इसमें गोरखपुर के कमिश्नर की सोच को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जितनी चतुरायी और सहजता से कार्यान्वित कराया है वह सराहनीय है । बच्चो में गोरखपुर महोत्सव में भाग लेने के लिये चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित कराना और सर्वश्रेष्ठ बच्चो से विद्यालय की दीवारों को कलात्मक तरीके से सजाने की प्रेरणा देना , एक सराहनीय कदम है । आलम यह है कि गोरखपुर शहर के प्राथमिक विद्यालयों को गोरखपुर महोत्सव के समय जो देखेगा , समझ ही नही पायेगा की यह प्राथमिक विद्यालय है , उसको लगेगा कि वह कुसी चित्तकला की प्रदर्शनी में आ गया है । विद्यालयों को खूबसूरत कला कृतियों और स्लोगनों से सजाने में अध्यापकगण भी बच्चो का सहयोग कर रहे है ।






 आम से ख़ास, सरकारी विद्यालयों में पढने वाले बच्चो ने कर दिया कुछ ऐसा, कि बन गए आम से खास, जी हां आने वाले कुछ दिनों में जिला बेसिक शिक्षा भवन बदले रूप में नजर आएगा, परिषदीय विद्यालयों के बच्चों ने प्रतिभा के बल पर कभी उजाड़ से दिखने वाली दीवारों को आकर्षक बनाना शुरू कर दिया है | विद्यालय स्तर पर प्रतियोगिता कर इन बच्चों ने यह जिम्मेदारी पाने में कामयाबी हासिल की है, क्योकि आने वाले 11, 12 और 13 जनवरी को गोरखपुर महोत्सव में लेना है, इन्हें हिस्सा, सो उभार दी अपनी कला |
   हर दीवारो के साथ भवन की मुख्य दीवार पर बच्चों ने चित्रकारी शुरू कर दी है, उनकी चित्रकारी से खामोश दीवारें बोलने लगीं । तीन दिन में ये दीवारें आकर्षक एवं संदेशप्रद चित्रों से सजी नजर आएंगी, जिले में परिषदीय विद्यालयों की दशा सुधारने के लिए सरकारी एवं निजी प्रयासों से उनका कायाकल्प किया जा रहा है । कई विद्यालय कांवेंट की तर्ज पर आकर्षक बन चुके हैं । विद्यालयों के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बच्चों के बीच चित्रकारी के लिए प्रतियोगिता कराने का फैसला किया, विद्यालय स्तर पर हुई प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को शिक्षा भवन की दीवारों को आकर्षक बनाने का जिम्मा दिया गया, और उनके इस कार्य में शिक्षक भी सहयोग कर रहे हैं । पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिक्टौर के सहायक अध्यापक भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में कुछ शिक्षकों ने दीवार को चित्रकारी के योग्य तैयार किया । बाहरी चहार दीवारी के पास वर्षो से पड़े मलबे को हटवाया गया, और उस पर बच्चों ने चित्रकारी शुरू कर दी है, बच्चे बेटी बचाओबेटी पढ़ाओपर्यावरण संरक्षणस्कूल चलो जैसे विषयों पर आकर्षक चित्र उकेर रहे हैं, तीन दिन तक बच्चे चित्रकारी करेंगे, बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बच्चों को इस कार्य के लिए शुभकामनाएं दीं है ।
   वजह है, गोरखपुर महोत्सव, लेकिन इसी बहाने सैकड़ो बच्चे के अंदर छुपे हुए प्रतिभा को बाहर लाने का ये जो प्रयाश अधिकारियो और टीचरों दारा किया गया है, वो उसमें सफल भी हुए है, बच्चे बढ़ चढ़ कर इसमें हिस्सा ले रहे है, और बच्चो के साथ साथ शिक्षक भी इसमें काफी रूचि दिखा रहे है, और दिवालो पर पेंटिंग करते नजर आ रहे है, कोई बेटी बचाओ बेटी पढाओ को लेकर अपने मन के विचार दिवालो पर उकेर रहा है, तो कोई स्वच्छ भारत मिशन के तहत चित्रकारी करता नजर आ रहा है । गोरखपुर के ग्रामीण और शहर के सरकारी स्कुलो से आये बच्चे इन चित्रकारी को कर रहे है, क्योकि इनमे से जो बच्चा सबसे अच्छा चित्रकारी करेगा, वो यहां तो इनाम पायेगा ही बल्कि गोरखपुर महोत्सव में भी उसे जगह मिलेगी, इनके इस चित्रकारी को जिसने भी देखा वो एक पल रुक कर इनके प्रतिभा को देखता रहा गया, और इनके इस कला को सम्मान भी दिया, और कहा निश्चित रूप से ये एक अच्छा काम है, और गोरखपुर महोत्सव के जरिये ही कम से कम इन बच्चो कि प्रतिभा सामने तो आई ।
 गोरखपुर के कमिश्नर अनिल कुमार गुप्त की मंशा थी, कि आने वाले गोरखपुर महोत्सव से पहले गोरखपुर बदला बदला नजर आये, और गोरखपुर के सभी दीवारे चित्रकारी से भरी नजर आये, और इसके लिए हमारे ग्रामीण अंचल और शहरी अंचल के जो बच्चे है, उनके अंदर जो दबी हुई प्रतिभा है, इसी बहाने उसे भी बाहर निकलने का मौका मिलेगा, और ऐसे तमाम बच्चो को गोरखपुर महोत्सव में भाग लेने का मौका भी मिलेगा ।
    निश्चित रूप से गोरखपुर महोत्सव यहां के हर तबके के लिए अपने हुनर को दिखाने का एक अचछा प्लेटफ़ार्म के साथ बेहतरीन मौका है, जिससे वो अपने कला को ,अपनी प्रतिभा को लोगो के सामने ला सके, फिर चाहे वो कोई बड़ा कलाकार हो, कोई बड़ा बिजनेश मैंन या कोई प्राथमिक विधयालयो में पढने वाले ऐसे छात्र छात्राए, वाल पेंटिंग के जरिये ही सही , गोरखपुर महोत्सव में जाने का उन्हें भी मौका मिलेगा, जिसको लेकर वो काफी खुश नजर आ रहे है ।