रसड़ा बलिया : जयंती पर याद की गयी सावित्रि बाई फूले
जयंती पर याद की गयी सावित्रि बाई फूले
अखिलेश सैनी की रिपोर्ट
रसड़ा(बलिया) 4 जनवरी 2019 ।। स्थानीय डाकबंगला पर माली समाज के लोगों के द्वारा गुरुवार की शाम को माता सावित्री बाई फूले की जयंती एक समारोह के रूप में मनायी गयी। जिसका शुभारंभ उनके चित्र पर फूल माला चढ़ाकर किया गया। इस मौके पर विजयशंकर माली ने अपने सम्बोेेेधन में कहा कि अति गरीब और महिला समाज में रहते हुए भी शिक्षा के प्रति सावित्रि बाई फूले ने जो अलख जगायी है, आज उसे हर दिल में जलाकर हम आप सभी के बच्चों को शिक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने यह कहा था कि जबतक समाज शिक्षा के आलोक में पल्लवित नहीं होगा उसका संपूर्ण विकास नहीं हो सकता।
बता दे कि सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्रियों के अधिकारों एवं शिसे कार्य किए। सावित्रीबाई भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत माना जाता है।
कार्यक्रम को बलराम माली, खेदन माली, ओमप्रकाश, सुनील माली, राधेश्याम माली, रमेश माली आदि ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता प्रमोद माली तथा संचालन पत्रकार अखिलेश सैनी ने किया।
अखिलेश सैनी की रिपोर्ट
रसड़ा(बलिया) 4 जनवरी 2019 ।। स्थानीय डाकबंगला पर माली समाज के लोगों के द्वारा गुरुवार की शाम को माता सावित्री बाई फूले की जयंती एक समारोह के रूप में मनायी गयी। जिसका शुभारंभ उनके चित्र पर फूल माला चढ़ाकर किया गया। इस मौके पर विजयशंकर माली ने अपने सम्बोेेेधन में कहा कि अति गरीब और महिला समाज में रहते हुए भी शिक्षा के प्रति सावित्रि बाई फूले ने जो अलख जगायी है, आज उसे हर दिल में जलाकर हम आप सभी के बच्चों को शिक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने यह कहा था कि जबतक समाज शिक्षा के आलोक में पल्लवित नहीं होगा उसका संपूर्ण विकास नहीं हो सकता।
बता दे कि सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्रियों के अधिकारों एवं शिसे कार्य किए। सावित्रीबाई भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत माना जाता है।
कार्यक्रम को बलराम माली, खेदन माली, ओमप्रकाश, सुनील माली, राधेश्याम माली, रमेश माली आदि ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता प्रमोद माली तथा संचालन पत्रकार अखिलेश सैनी ने किया।