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बलिया : तहसीलदार सदर ने देखी आनन्द नगर की नाली जाम की समस्यां , मधुसूदन सिंह ने सीएम योगी से की है शिकायत , नगर मजिस्ट्रेट के आदेश पर तहसीलदार कर रहे है जांच

तहसीलदार सदर ने देखी आनन्द नगर की नाली जाम की समस्यां
मधुसूदन सिंह ने सीएम योगी से की है शिकायत
नगर मजिस्ट्रेट के आदेश पर तहसीलदार कर रहे है जांच





बलिया 31 जनवरी 2019 ।। नगर पालिका परिषद बलिया में व्याप्त भ्रष्टाचार , वर्षो से जमे बाबुओ के पटल न बदलने , आनंद नगर मुहल्ले में नाला जाम की शिकायत सितंबर 2018 से करने के वावजूद इसकी सफाई न होने से आजिज आकर मधुसूदन सिंह ने 21 जनवरी 2019 को माननीय मुख्यमंत्री जी को एक रजिस्टर्ड पत्र भेजकर उपरोक्त समस्याओ के समाधान की मांग की है । इसी पत्र के संदर्भ में जिलाधिकारी बलिया ने नगर मजिस्ट्रेट को और नगर मजिस्ट्रेट ने तहसीलदार सदर गुलाब चन्द्रा को जांच करने का जिम्मा सौंपा है । इसी जांच के क्रम में आज गुरुवार को सायं साढ़े चार बजे तहसीलदार सदर द्वारा आनन्द नगर के जाम नाला की स्थिति को देखा और ।मुहल्ले वासियो को आश्वस्त किया कि शीघ्र ही इस समस्यां से छुटकारा दिलाया जाएगा । बता दे कि अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका बलिया द्वारा शासन को दिसंबर माह में ही यह सूचना भेज दी गयी है कि सफाई कार्य कराया जा रहा है । यही नही अभी 19 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर इस संबंध में की गई शिकायत को भी सफाई कार्य कराया जा रहा है/हो गया है , कह कर निस्तारित करा दिया गया है । सीएम योगी के राज में भी अगर कोई अधिकारी डंके की चोट पर शासन को झूठी रिपोर्ट भेज सकता है तो वह निडर अधिकारी है बलिया नगर पालिका परिषद के ईओ डीके विश्वकर्मा । यही नही इन्होंने 16 जनवरी 2018 से 4 जनवरी 2019 के बीच कई आदेश पटल परिवर्तन के किये है लेकिन हुआ लागू अब तक कोई भी नही । जबकि शासन को ईओ ने लगभग आधा दर्जन बार यह रिपोर्ट भेजी है कि शासनादेशों के क्रम में सभी का पटल परिवर्तन कर दिया गया है । अगर कोई पूरे प्रदेश में योगी राज में भी शासन को गुमराह करने का मादा रखता है तो कोई और नही बल्कि बलिया के ईओ डीके विश्वकर्मा है । यही नही पिछले मार्च माह में प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कलेक्ट्रेट सभागार की बैठक में साफ शब्दों में कहा था कि किसी भी सूरत में कटहर नाले का गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट के सीधे गंगा में न जाये , यह कार्य एक माह में हो जाना चाहिये , आप खुद सोचिये 10 माह बाद भी स्थिति वही है और ईओ पर कार्यवाई नही हुई तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनकी पहुंच योगी राज में भी बहुत ऊपर तक है ? ऐसे ही नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ मधुसूदन सिंह द्वारा की गई शिकायते अब धीरे धीरे परवान चढ़ रही है । अब देखना है कि तहसीलदार सदर भ्रष्टाचार में आकंठ डुबाने वाले  नगर पालिका के भ्रष्टाचारियो को चिन्हित करके क्या कार्यवाई कराते है ?