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तो क्या कश्मीर में पुलिस वाले ही कर रहे है पुलिस के हथियार आतंकियों द्वारा लुटे जाने में सहयोग ?





1 जनवरी 2019 ।।

आकाश हसन
श्रीनगर में कांग्रेस एमएलसी के सरकारी आवास से उनके निजी सुरक्षाकर्मियों की चार राइफलें गुम होने के एक दिन बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (सुरक्षा) को पद से हटा दिया है. उन पर ड्यूटी में लापरवाही का आरोपी माना गया है. जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस की तीसरी बटालियन के एसएसपी कमांडेंट सज्जाद हुसैन को अगले आदेश तक कश्मीर के एसएसपी (सुरक्षा) का अतिरिक्त जिम्मा दिया गया है.




हाल के दिनों में कश्‍मीर में हथियार लूटने की घटनाएं बढ़ी हैं जो कि सुरक्षाबलों के लिए चिंता का विषय है.

हथियार कैसे लूटे गए?
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दो युवक इलेक्ट्रीशियन के रूप में घर में घुसे. उन्‍होंने बिजली का मीटर ठीक करने का बहाना बनाया और अंदर देखा कि पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं थे. उनके जाने के बाद एक और शख्‍स आया और उसने पुलिसकर्मी पर पिस्‍तौल तान दी. उसे हथियार देने को कहा गया और पुलिसवाले ने ऐसा ही किया.


पर्रे की सुरक्षा में चार पुलिसवाले तैनात थे, लेकिन उन्‍होंने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए बिना पहरे के जम्‍मू की यात्रा की. उनके घर पर भी केवल एक पीएसओ ही था, बाकी के तीन बिना आधिकारिक छुट्टी के घर गए हुए थे. सूत्रों का कहना है कि बिना पुलिसवाले की सूचना या मदद के यह लूट संभव नहीं थी.

सूत्र ने बताया, 'एक पुलिसकर्मी ने लूट वाले दिन पर्रे के घर पर तैनात इकलौते पीएसओ से मुलाकात की थी. बंदूकें लोहे के बक्‍से में रखी हुई थी. आतंकियों ने बक्‍से को तोड़कर बंदूकें लीं और भाग गए.' पुलिस ने बताया कि लूट को अंजाम देने वाले आतंकी लश्‍कर ए तैयबा से थे. सूत्रों के अनुसार जिस पुलिसकर्मी पर आतंकियों की मदद का आरोप है वह भी गायब है.

बता दें कि तीन महीने पहले इसी इलाके में पीडीपी के पूर्व विधायक ऐजाज मीर के घर पर तैनात एक स्‍पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) आदिल बशीर सात राइफल और मीर की निजी पिस्‍तौल लेकर फरार हो गया था. कुछ घंटों बाद ही उसने हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने का ऐलान कर दिया था.

इस घटना के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस ने पीएसओ के रूप में तैनात सभी एसपीओ को हटा लिया था. उसकी ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि एसपीओ को पीएसओ की ड्यूटी निभाने की ट्रेनिंग नहीं मिली है.

(लेखक स्‍वतंत्र पत्रकर हैं.)